पीएमसीएच के राजेंद्र सर्जिकल में पानी के लिए हाहाकार
मरीजों के स्वजन डाक्टरों से शिकायत करते हैं तो वे अधीक्षक या स्वास्थ्य प्रबंधक के पास जाने को कहते हैं लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। इस बाबत अधीक्षक डा. आइएस ठाकुर से मिलने का प्रयास किया गया लेकिन वे कार्यालय में नहीं थे।
पटना। पीएमसीएच (पटना मेडिकल कालेज सह अस्पताल) के राजेंद्र सर्जिकल ब्लाक (आरएसबी) में विगत कई दिनों से पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। मरीज के स्वजन बाजार से या ओपीडी के बाहर लगे नल से पानी लाने को विवश हैं। वहीं बाथरूम में 24 घंटे में एक बार ही पानी आता है। आलम यह है कि मस्तिष्क की इलेक्ट्रोइंसेफेलोग्राम (ईईजी) जांच के पूर्व सिर धोने के लिए भी पानी बाहर से मंगाया जा रहा है। मरीजों के स्वजन डाक्टरों से शिकायत करते हैं तो वे अधीक्षक या स्वास्थ्य प्रबंधक के पास जाने को कहते हैं लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। इस बाबत अधीक्षक डा. आइएस ठाकुर से मिलने का प्रयास किया गया लेकिन वे कार्यालय में नहीं थे। उनका सरकारी मोबाइल नंबर भी बंद था। बताते चलें कि गर्मियों में हर वर्ष किसी न किसी वार्ड में पानी की समस्या बनी रहती है लेकिन दावों से इतर इनका समाधान कभी नहीं होता है। बाथरूम में 24 घंटे में एक बार आता पानी : आरएसबी में हड्डी, न्यूरो, प्लास्टिक व सामान्य सर्जरी विभाग के मरीजों के वार्ड हैं। सामान्यत: यहां के अधिकतर बेड भरे रहते हैं। बावजूद इसके यहां एमएल, केएल, समेत किसी वार्ड के बाथरूम में पानी भंडारण की व्यवस्था नहीं है। 24 घंटे में एक बार बाथरूम में पानी आता है, उसी समय बाथरूम की सफाई से लेकर अधिकतर मरीज व स्वजन फ्रेश होते हैं। पीने के लिए तो अधिकतर लोग परिसर के विभिन्न कोनों से बोतलों में पानी भर कर लाते हैं या बोतलबंद पानी खरीदते हैं। सर्जरी की संख्या भी घटी : मंगलवार को न्यूरो सर्जरी के आपरेशन थिएटर से डाक्टर यह कहते हुए बाहर निकल गए कि पानी नहीं आ रहा। स्वजन के बहस करने पर उन्हें अधीक्षक कार्यालय भेज दिया जा रहा। एनीस्थीसिया के विभागाध्यक्ष डा. बिनोद कुमार कश्यप ने बताया कि आपरेशन थिएटर के लिए पानी भंडारण की व्यवस्था है। हड्डी, न्यूरो, प्लास्टिक व सामान्य सर्जरी विभाग में कार्य चल रहा है। गर्मी और मरीजों के कम आने की वजह से सर्जरी की संख्या कुछ कम हुई होगी। पानी या अन्य कारणों से सर्जरी नहीं टली हैं। -------------------- पीने के पानी की आपूर्ति की कोई व्यवस्था नहीं है। बाथरूम में भी पानी आने का कोई समय नहीं है। 24 घंटे में एकाध बार ही पानी आता है। बहुत से लोग उसी समय वहीं से पीने के लिए भी पानी भरने को विवश हैं। मनोज कुमार, हिलसा नालंदा --------- सुबह से दोपहर हो गई लेकिन अस्पताल में पानी नहीं है। बच्चों के लिए बाहर से पानी ला रहे हैं। मरीजों की परेशानी पर अस्पताल का ध्यान नहीं है। पानी के लिए सभी लोग परेशान हैं पर समस्या सुनने वाला यहां कोई नहीं है। बम्मन कुमार दरभंगा, बहनोई का इलाज कराने आए हैं। ---------- शौचालय जाने के लिए भी पानी नहीं है। जब पानी आता है तो शौचालय के बाहर कतार लग जाती है। कई बार शिकायत की गई लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ। बोतल लेकर पूरा अस्पताल घूमा पर कहीं पानी नहीं मिला। ब्रजमोहन सिवान