सरकारी कर्मियों को चेतावनी: ड्यूटी के समय वर्दी नहीं पहनने पर होगा एक्शन; पैसा भी कटेगा
चतुर्थ वर्गीय सरकारी कर्मियों को चेतावनी दी गई। ड्यूटी के समय वर्दी नहीं पहनने पर विभाग एक्शन लेगा। मिलने वाला वर्दी भत्ता भी कटेगा। यदि भत्ता मिल चुका है तो रिकवर किया जाएगा।
पटना, राज्य ब्यूरो। राज्य सरकार की सेवा में लगे चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की वर्दी के प्रति लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की की जाएगी। इन्हें ऑफिस अवधि में निर्धारित वर्दी में रहना होगा। यदि कोई कर्मचारी बगैर वर्दी नजर आएगा तो उस पर विभागीय कार्रवाई होगी। साथ ही वर्दी के लिए दिए गए पांच हजार रुपये की वसूली भी होगी। वर्दी के प्रति कर्मचारियों की लापरवाही को देखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया है।
वेतन आयोग की सिफारिश पर वर्दी के लिए पांच हजार
राज्य के सरकारी कार्यालयों में काम करने वाले वाहन चालक से लेकर परिचारी संवर्ग के कर्मचारियों को हर वर्ष मौसम के अनुसार वर्दी और जूते-मोजे दिए जाते थे। इसके रखरखाव के लिए हर महीने 60 रुपये भी दिए जाते थे। यह व्यवस्था 20 वर्ष से प्रभावी है, पर सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के बाद सरकार ने यह फैसला किया कि कर्मचारियों को विभाग की ओर से सिली-सिलाई वर्दी और जूते के स्थान पर वर्दी खरीदने के लिए हर वर्ष पांच हजार रुपये दिए जाएंगे। यह व्यवस्था राज्य में लागू भी कर दी गई।
मुख्य सचिव ने कहा, कर्मचारी नहीं पहनते हैं वर्दी
अभी हाल ही में मुख्य सचिव दीपक कुमार की अध्यक्षता में एक बैठक में ड्राइवर और परिचारी संवर्ग के कर्मचारियों द्वारा कार्यालय अवधि में वर्दी नहीं पहनने का मुद्दा उठा। मुख्य सचिव ने कहा कि सरकार वेतन संशोधन आयोग की अनुशंसा पर कर्मचारियों को वर्दी के लिए पांच हजार रुपये दे रही, लेकिन कर्मचारी बगैर वर्दी ही नजर आते हैं।
वर्दी नहीं पहनने पर भविष्य में नहीं मिलेगा भत्ता
उन्होंने निर्देश दिए कि वर्दी भत्ता लेने वाले कर्मचारियों पर सख्ती हो। जो कर्मचारी कार्यालय अवधि में बिना वर्दी नजर आए उनसे तत्काल वर्दी भत्ते की वसूली तो की ही जाए, साथ ही भविष्य में ऐसे कर्मचारियों के भत्ते पर रोक भी लगाई जाए और उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी चले। मुख्य सचिव के निर्देश के बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।