Move to Jagran APP

वीके सिंह के बयान से बिहार में सियासी तूफान

केंद्रीय मंत्री वीके सिंह के बयान ने बिहार में सियासी बवाल मचा दिया है। उन्होंने फरीदाबाद में दलितों की मौत पर बयान देने के क्रम में कहा था कि कुत्तों पर पत्थर फेंका जाए तो क्या इसके लिए भी केंद्र सरकार जिम्मेदार होगी।

By Kajal KumariEdited By: Published: Sat, 24 Oct 2015 07:45 AM (IST)Updated: Sat, 24 Oct 2015 07:58 AM (IST)
वीके सिंह के बयान से बिहार में सियासी तूफान

पटना। केंद्रीय मंत्री वीके सिंह के बयान ने बिहार में सियासी बवाल मचा दिया है। उन्होंने फरीदाबाद में दलितों की मौत पर बयान देने के क्रम में कहा था कि कुत्तों पर पत्थर फेंका जाए तो क्या इसके लिए भी केंद्र सरकार जिम्मेदार होगी।

loksabha election banner

उनके बयान पर जहां भाजपा के सहयोगी दल-रालोसपा और हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा, ने आक्रोश जताया है, वहीं विरोधी दल राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने उनके इस्तीफे की मांग की है। नीतीश कुमार ने बयान पर कड़ा विरोध जताते हुए कहा कि बयान से मैं स्तब्ध हूं।

कुछ भाजपा नेताओं और केंद्रीय मंत्री के बयान आश्चर्यजनक हैं। वहीं, भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने लालू प्रसाद पर पलटवार करते हुए कहा कि उनके शासनकाल में दलितों पर बहुत अत्याचार हुआ है। भाजपा के सहयोगी रामविलास पासवान ने बयान पर कोई टिप्पणी करने की बजाय घटना की सीबीआइ जांच का स्वागत किया है।

पटना एयरपोर्ट पर केन्द्रीय मानव संसाधन राज्यमंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि वीके सिंह ने जो कुछ कहा, वह ठीक नहीं कहा है। विपक्ष हाय-तौबा न मचाए। घटना के लिए केंद्र सरकार जवाबदेह नहीं है। वहीं जीतनराम मांझी ने कहा कि अगर वीके सिंह ने दलितों को जलाए जाने पर उनकी तुलना कुत्ते से की है तो प्रधानमंत्री इसपर संज्ञान लेते हुए उचित कार्रवाई करें, ताकि भविष्य में दलितों पर होने वाले अत्याचार पर कोई नेता इस तरह की बयानबाजी न करे।

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने कहा कि वीके सिंह चुल्लू भर पानी में डूब मरें। वह तुरंत मंत्रिमंडल से इस्तीफा दें। जो वीके सिंह ने कहा वही भाजपा का मूल विचार है। जो दलित-पिछड़े को जितनी अधिक गाली देगा, शोषण करेगा उसे आरएसएस और भाजपा उतना ही बड़ा नेता मानती है। माना कि जुबान में हड्डी नहीं होती, पर मोदी के मंत्रियों की ये बदजुबानी देश की रीढ़ की हड्डी तोड़ देगी।

भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर लालू प्रसाद और नीतीश कुमार पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि सासाराम में दलित लड़कियां से गैंगरेप हुआ हो या लखीसराय में दो दिन पहले मामूली बात पर दलित की हत्या की गई हो, तब लालू प्रसाद और नीतीश कुमार का दलित प्रेम नहीं जगता। वे न पीडि़तों को न्याय दिलाते हैं और न उनके आंसू पोछने जाते हैं।

दूसरे राज्य की हर घटना पर इनकी संवेदना छलकने लगती है। इन लोगों ने आंसुओं का भी राजनीतिकरण कर दिया है। भाजपा सांसद हुकुमदेव नारायण यादव ने भी लालू प्रसाद पर प्रहार करते हुए कहा कि वीके सिंह से लालू प्रसाद को इस्तीफा मांगने का नैतिक हक नहीं है।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अशोक चौधरी ने संवाददाता सम्मेलन कर कहा कि पीएम मोदी ने अल्पसंख्यकों की तुलना कुत्ते के बच्चे से की थी। भाजपा आरएसएस प्रमुख का एजेंडा लागू करने में लगी है। डॉ. चौधरी ने कहा कि 2010 में नरेंद्र मोदी ने अपनी किताब 'सामाजिक समरसताÓ के अनावरण समारोह में दलितों की तुलना मानसिक रूप से कमजोर बच्चों से की थी। इससे दलितों के प्रति उनका नजरिया साफ होता है।

पहले सोचा जाता था कि खेतिहर समाज के सामंती परिवेश में इस प्रकार की घटनाएं हो सकती हैं, लेकिन अब तो औद्योगिकीकरण में भी दलित विरोध सोच हावी हो गई है। इसके बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह की चुप्पी बताती है कि इनकी भी सोच वही है जो वीके सिंह जैसे नेता की है। यदि पीएम में थोड़ी भी मानवता है तो वीके सिंह को तत्काल बर्खास्त करें।

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को भाजपा काआका बताते हुए कहा कि भागवत दलित और पिछड़ा विरोधी हैं। वे आरक्षण समाप्त करने की बात करते हैं। हकीकत यह है कि आरएसएस जो कहता है वही भाजपा का भी एजेंडा है। इस बीच, सांसद पप्पू यादव ने वीके सिंह को पागल करार दे दिया। यहां तक कह दिया कि वीके सिंह को मंत्रिमंडल में बनाए रखना देशहित में नहीं है।

भाजपा के बिहार प्रभारी भूपेन्द्र यादव ने कहा कि वीके सिंह माफी मांग चुके हैं। हरियाणा सरकार त्वरित कार्रवाई कर रही है। न्यायिक जांच के साथ सीबीआइ से जांच कराई जा रही है। भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि वीके सिंह को ऐसे बयान से बचना चाहिए।

जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने केंद्रीय मंत्री वीके सिंह के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत कार्रवाई की मांग की। त्यागी ने कहा कि दलितों की हत्या का कुत्तों से संबंध जोडऩा असभ्यता है। इससे पूर्व भी पाकिस्तानी उच्च आयोग में वीके सिंह के जाने को लेकर विवाद हुआ था। त्यागी ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल के सदस्य हर रोज संवैधानिक मर्यादाओं और मान्यताओं का उल्लंघन कर रहे हैं। इससे पूर्व दादरी कांड को लेकर महेश शर्मा और संजीव बालियान के वक्तव्य न सिर्फ आपत्तिजनक रहे, बल्कि समाज में ङ्क्षहसा, विद्वेष और वैमनस्य फैलाने वाले थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.