बोले DGP गुप्तेश्वर पांडेय, कानून के भय से नहीं, सोच में बदलाव से रुकेगी नारी हिंसा Patna News
बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा है कि पुलिस को अपने व्यवहार में परिवर्तन लाना होगा। तभी बदलाव होगा।
By Edited By: Published: Tue, 20 Aug 2019 01:30 AM (IST)Updated: Tue, 20 Aug 2019 11:23 AM (IST)
पटना, जेएनएन। 'हत्या, डकैती, चोरी, लूट समेत सभी प्रकार के अपराध के लिए कानून बना है, लेकिन ये अपराध बंद नहीं होते। कानून का भय और सम्मान दोनों ही जरूरी है। आज की तारीख में कानून का सम्मान कम हो गया है। ऐसे में कानून का भय दिखाना आवश्यक है। महिलाओं पर हिंसा के मामले इसलिए बढ़ रहे हैं, क्योंकि सिस्टम उनका सम्मान नहीं कर रहा।
नारी हिंसा में कमी लाने के लिए पुरुषों को अपने व्यवहार में बदलाव लाने की आवश्यकता है। सिर्फ कानून का भय औरतों के खिलाफ होने वाले अपराध में कमी नहीं ला सकता।' ये बातें पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गुप्तेश्वर पांडेय ने पुलिस भवन निर्माण निगम के सभागार में महिला सुरक्षा विषय पर आयोजित कार्यशाला के उद्घाटन समारोह में कहीं।
डीजीपी ने कहा कि प्रशिक्षण लेने आए वाले पुलिसकर्मी दिल से सीखने नहीं आते। उनके लिए ट्रेनिंग का मकसद पटना घूमना या फिर रिश्तेदारों से मिलना है। वहीं, प्रशिक्षण देने के पीछे महकमे का उद्देश्य पुलिसकर्मियों की क्षमता को बढ़ाना है। जरूरत है कि पुलिसकर्मियों को उनके रवैये में सुधार के लिए प्रशिक्षित किया जाए। अक्सर देखा गया है कि ट्रेनिंग करने आने वाले पुलिसकर्मी प्रशिक्षक की बातों को सुनने और उस पर गौर करने के बजाय जमुहाई लेने लगते हैं। उन्हें प्रशिक्षक की बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता। ऐसे पुलिसकर्मियों को अपना व्यवहार बदलने की जरूरत है।
वर्दी पहनकर गलत करने वाले भी अपराधी
सभा को संबोधित करते हुए डीजी सुनील कुमार ने कहा कि पुलिस की वर्दी पहनकर गलत काम करने वाले लोगों को भी बख्शा नहीं जाए। उनके साथ भी अपराधियों जैसा सलूक हो। ऐसे पुलिसकर्मी महकमे पर काला धब्बा हैं। उन्हें चिन्हित करने की आवश्यकता है। महिलाओं की सुरक्षा की बातें केवल समाज में ही नहीं, पुलिस विभाग में भी होने चाहिए। सात चरणों में दिया जाएगा प्रशिक्षण डीजी आलोक राज ने बताया कि हमारी कोशिश पुलिस को पीपुल्स फ्रेंडली बनाने की है। सात चरणों में प्रशिक्षण दिया जाएगा। पहले दिन पटना पुलिस के 20 और भोजपुर के 10 पुलिसकर्मी प्रशिक्षण लेंगे। 250 पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है। सीआइडी (कमजोर वर्ग) के पदाधिकारी पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण देंगे।
नारी हिंसा में कमी लाने के लिए पुरुषों को अपने व्यवहार में बदलाव लाने की आवश्यकता है। सिर्फ कानून का भय औरतों के खिलाफ होने वाले अपराध में कमी नहीं ला सकता।' ये बातें पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गुप्तेश्वर पांडेय ने पुलिस भवन निर्माण निगम के सभागार में महिला सुरक्षा विषय पर आयोजित कार्यशाला के उद्घाटन समारोह में कहीं।
डीजीपी ने कहा कि प्रशिक्षण लेने आए वाले पुलिसकर्मी दिल से सीखने नहीं आते। उनके लिए ट्रेनिंग का मकसद पटना घूमना या फिर रिश्तेदारों से मिलना है। वहीं, प्रशिक्षण देने के पीछे महकमे का उद्देश्य पुलिसकर्मियों की क्षमता को बढ़ाना है। जरूरत है कि पुलिसकर्मियों को उनके रवैये में सुधार के लिए प्रशिक्षित किया जाए। अक्सर देखा गया है कि ट्रेनिंग करने आने वाले पुलिसकर्मी प्रशिक्षक की बातों को सुनने और उस पर गौर करने के बजाय जमुहाई लेने लगते हैं। उन्हें प्रशिक्षक की बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता। ऐसे पुलिसकर्मियों को अपना व्यवहार बदलने की जरूरत है।
वर्दी पहनकर गलत करने वाले भी अपराधी
सभा को संबोधित करते हुए डीजी सुनील कुमार ने कहा कि पुलिस की वर्दी पहनकर गलत काम करने वाले लोगों को भी बख्शा नहीं जाए। उनके साथ भी अपराधियों जैसा सलूक हो। ऐसे पुलिसकर्मी महकमे पर काला धब्बा हैं। उन्हें चिन्हित करने की आवश्यकता है। महिलाओं की सुरक्षा की बातें केवल समाज में ही नहीं, पुलिस विभाग में भी होने चाहिए। सात चरणों में दिया जाएगा प्रशिक्षण डीजी आलोक राज ने बताया कि हमारी कोशिश पुलिस को पीपुल्स फ्रेंडली बनाने की है। सात चरणों में प्रशिक्षण दिया जाएगा। पहले दिन पटना पुलिस के 20 और भोजपुर के 10 पुलिसकर्मी प्रशिक्षण लेंगे। 250 पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है। सीआइडी (कमजोर वर्ग) के पदाधिकारी पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण देंगे।
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