विहिप के महामंत्री चंपत राय ने कहा - दूर होगी अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की बाधा
पटना पहुंचे विश्व हिन्दू परिषद् के अंतर्राष्ट्रीय महामंत्री चंपत राय ने कहा है कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण में जो छोटी-मोटी बाधाएं आ रही हैं वे जल्द ही खत्म हो जाएंगी।
पटना [जेएनएन]। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के अंतर्राष्ट्रीय महामंत्री चंपत राय ने दावा किया है कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की दिशा में ठोस काम हो रहा है। छोटी-मोटी जो बाधाएं हैं वे जल्द दूर हो जाएंगीं। वे मंगलवार को स्थानीय विश्व संवाद केंद्र में संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि अयोध्या की जनता 490 सालों से भगवान राम के भव्य मंदिर के निर्माण का सपना देख रही है। दावा किया कि विहिप ने इस संबंध में अब तक जो काम किया, सभी ठोस काम है। राम जन्मभूमि हिंदुओं की है, जिसे तोड़ा गया था। इस बात को सिद्ध करना है।
चंपत राय ने कहा कि इसके लिए भारत सरकार भी वचनबद्ध है। मुस्लिम समाज की भी वचनबद्धता है कि अगर यह सिद्ध हो गया कि वहां मंदिर था, जिसे तोड़ा गया था, तो वे स्वेच्छा से उक्त भूमि को सौंप देंगे। संवाददाता सम्मेलन में चंपत राय के साथ अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष जगन्नाथ शाही भी मौजूद थे।
पटना में होगी धर्मसभा
लगभग तीन दशक बाद पटना में विहिप की राष्ट्रीय प्रबंध समिति की दो दिवसीय बैठक और धर्मसभा होने जा रही है। कार्यकारिणी की बैठक 25-26 जून को होगी। 26 जून की शाम 5 बजे स्थानीय श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में धर्मसभा का आयोजन होगा।
बैठक 25 जून को सुबह 10 बजे से बैंक रोड स्थित राणी सती मंदिर परिसर में शुरू होगी। जिसमें देश-विदेश से लगभग तीन सौ प्रतिनिधि भाग लेंगे। एजेंडा तय करने के लिए 23 से ही 50 प्रमुख सदस्य मंथन शुरू कर देंगे।
तैयार होती है रणनीति
चंपत राय ने बताया कि विहिप जून व दिसंबर महीने में देश के विभिन्न शहरों में प्रबंध समिति की बैठक आयोजित करती है। विहिप ने देश को 44 प्रांतों में विभक्त कर रखा है। इस बैठक में सभी प्रांतों व पड़ोसी देशों के आमंत्रित सदस्य शामिल होते हैं। इस दौरान छह महीनों के काम का लेखा-जोखा होता है और अगले छह महीनों की रणनीति तैयार की जाती है।
प्रकाशोत्सव मनाने पर होगा विचार
बकौल चंपत राय, अमरनाथ यात्रा में देश के सभी हिस्सों के नागरिकों का प्रतिनिधित्व होना चाहिए। विहिप 14 अगस्त को अखंड भारत दिवस के रूप में मनाती है। विहिप इस वर्ष की बैठक में गुरु गोविंद सिंह जी महाराज के 350वें प्रकाशोत्सव व रामानुजाचार्य की एक हजार वीं जयंती मनाने पर विचार करेगी।