पटना में GPS से ट्रेस किए जाएंगे वाहन, दुर्घटना और अपराध पर लगेगी लगाम Patna News
पटना की सड़कों पर दौड़ने वाले वाहन जल्द ही जीपीएस से लैस होंगे। एेसा कहना है क्षेत्रीय विकास प्राधिकार के संयुक्त आयुक्त सह सचिव सुशील कुमार का।
श्रवण कुमार, पटना। मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम 2019 को लागू करने के लिए बरती जा रही सख्ती सरकार का खजाना भरने के लिए नहीं है। इसका एकमात्र मकसद पब्लिक की सुरक्षा है। हेलमेट से लेकर सीट बेल्ट लगाने या फिर ड्राइविंग लाइसेंस और हाई सिक्यूरिटी नंबर प्लेट तक की अनिवार्यता सुरक्षा के दृष्टिकोण से की जा रही है। क्षेत्रीय विकास प्राधिकार के संयुक्त आयुक्त सह सचिव सुशील कुमार ने ये बातें सोमवार को ‘यातायात के नियम कितने उपयोगी’ विषय पर जागरण कार्यालय में आयोजित ‘जागरण विमर्श’ कार्यक्रम में कहीं।
जीपीएस लगाकर नियंत्रित किए जाएंगे वाहन
सुशील कुमार ने बताया कि सुरक्षा के लिहाज से सभी वाहनों पर जीपीएस लगाने पर भी विचार किया जा रहा है। इससे कहीं भी दुर्घटना, कोई अपराध कर भागने की स्थिति में वाहन को ट्रेस किया जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि सख्ती के पीछे शासन और प्रशासन की साफ मंशा है कि वाहन चालक, सवार और सड़क पर चलने वाले पैदल यात्रियों को सुरक्षा दी जाए। हेलमेट और सीट बेल्ट दुर्घटना के दौरान सीधे तौर पर सवार को सुरक्षित रखने में सहायक होता है। वहीं ड्राइ¨वग लाइसेंस हों या हाई सिक्यूरिटी नंबर प्लेट, इनमें दर्ज डाटा सवार की पहचान बताता है। आकस्मिक स्थिति में ये सहायक बनते हैं। प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र का उद्देश्य पर्यावरण की सुरक्षा है। प्रदूषण से स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है। इसलिए प्रदूषण नियंत्रण सर्टिफिकेट की जांच सख्ती से हो रही है।
प्रदूषण जांच के लिए केंद्रों की संख्या बढ़ाई जा रही है। प्रयास है कि हर पेट्रोल पंप पर जांच की व्यवस्था हो। जुर्माने की राशि में भारी वृद्धि पर कुमार ने कहा कि इसका मकसद सुरक्षा, आत्म रक्षा के साथ वाहन चालकों में यातायात नियमों का पालन करने के लिए आदत विकसित करना है।
बड़े व्यावसायिक वाहनों पर भी बरती जाएगी सख्ती
प्राधिकार के सचिव ने कहा कि सवारियों की सुरक्षा के लिए बड़े व्यावसायिक वाहनों पर भी नियमों का अनुपालन कराने के लिए सख्ती बरती जाएगी। सुरक्षित यातायात के लिए पहले से ही यह प्रावधान है कि बसों या अन्य बड़े वाहनों पर चालक लगातार पांच घंटे से ज्यादा ड्राइ¨वग नहीं करेंगे। बसों का रूट अगर पांच घंटे से ज्यादा है तो उसे दो चालकों की शर्त पूरी करने के साथ परमिट जारी किया जाता है। सख्ती से इस नियम का पालन सुनिश्चित किया जाएगा।
उल्लंघन करने वाली बसों का परमिट रद किया जाएगा। सिटी बसों में ओवरलोडिंग भी खतरनाक है। इससे संबंधित शिकायतें लगातार मिल रही हैं। ओवरलोडिंग के खिलाफ भी सख्त अभियान चलाए जाने की तैयारी की जा रही है। बसों की रफ्तार पर भी लगाम लगेगी। किसी भी हाल में शहर में बसों की गति 40 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा नहीं हो सकती है। सचिव ने बताया कि बसों में बालू भरी बाल्टी और अग्निशमन यंत्र का रहना भी आवश्यक है। इसका भी अनुपालन कराया जाएगा।