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जन वेदना रैली के साथ कांग्रेस का बिहार में चुनावी शंखनाद, BJP ने खड़ा किया सवाल

पटना में रविववार को कांग्रेस रैली का आयोजन कर केंद्र व राज्‍य सरकारों का विरोध किया। रैली को लेकर बीजेपी की तरफ से सुशील मोदी व संजय जायसवाल ने कांग्रेस पर हमला किया।

By Amit AlokEdited By: Published: Sun, 24 Nov 2019 11:13 AM (IST)Updated: Sun, 24 Nov 2019 10:35 PM (IST)
जन वेदना रैली के साथ कांग्रेस का बिहार में चुनावी शंखनाद, BJP ने खड़ा किया सवाल
जन वेदना रैली के साथ कांग्रेस का बिहार में चुनावी शंखनाद, BJP ने खड़ा किया सवाल

पटना [जेएनएन]। देश व बिहार की सरकारों की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ रविवार को कांग्रेस (Congress) पटना की सड़कों पर राज्‍यस्‍तरीय 'जन वेदना रैली' (Jan Vadena Rally) का आयोजन किया। इसके पहले 18 से 22 नवंबर तक पार्टी ने प्रखंड एवं जिला मुख्यालयों में धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया। कांग्रेस के इस आयोजन को आगामी बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) को ले उसका चुनावी शंखनाद माना जा रहा है। उधर, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इस रैली पर तंज कसा है।

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विधायक रामदेव राय जख्‍मी, हिरासत में प्रेमचंद मिश्रा

रैली के दौरान प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हड़ताली मोड़ के पास रोका। वहां बैरिकेडिंग तोड़े जाने पर पुलिस ने पहले वाटर कैनन का इस्‍तेमाल किया, फिर आंसू गैस के गोले छोड़े। इसमें एक दर्जन से अधिक कार्यकर्ताओं को चोटें लगी हैं। कई जख्‍मी हो गए हैं। वहीं, कांग्रेस के बछवारा विधायक रामदेव राय जख्‍मी हो गए। उन्‍हें अस्‍पताल ले जाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद वे लौटे।  

डेढ़ घंटे में तक रखा थाने में

दरअसल, कांग्रेस ने रविवार को केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ सदाकत आश्रम से मार्च निकाला, जिसे शहीद स्मारक पहुंचने से पहले ही हड़ताली मोड़ पर रोक दिया गया। पुलिस ने जुलूस को रोकने के लिए वहां दो बार आंसू गैस के गोले छोड़े, फिर पानी की तेज बौछार फेंकी और लाठीचार्ज किया। लाठीचार्ज में तारिक अनवर, रामदेव राय, लाल बाबू लाल, अजय यादव सहित कई नेताओं को चोट आई। सासाराम से आए कांग्रेस कार्यकर्ता विनोद पासवान और युवा कांग्रेस के निशांत को हाथ में प्लास्टर कराना पड़ा। पुलिस ने मार्च का नेतृत्व कर रहे प्रदेश अध्यक्ष डा. मदन मोहन झा के अलावा अखिलेश सिंह, अमिता भूषण, प्रेमचंद मिश्रा, कौकब कादरी आदि नेताओं को हिरासत में लिया और करीब डेढ़ घंटे तक कोतवाली में रखने के बाद छोड़ दिया। 

राजेश राठौर बोले

पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेश राठौर ने बताया कि उन्हें यह कह पुलिस वाहन में बैठाया गया कि राज्यपाल से समय मिल गया है, आप लोग चलकर उन्हें अपनी बातें कह सकते हैं। मगर पुलिस हमें राजभवन की बजाय कोतवाली ले आई। इसी बीच रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कोतवाली थाना पहुंच इन नेताओं से मुलाकात की। हड़ताली मोड़ पर जब जुलूस को रोका गया तो वहां बिहार कांग्रेस के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल, इस अभियान के प्रभारी व पूर्व सांसद राजेश मिश्रा और प्रदेश अध्‍यक्ष डा. मदन मोहन झा सहित कई वरिष्ठ नेता धरना पर बैठ गए।

शक्ति सिंह गोहिल बोले

शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि शांतिपूर्ण जुलूस पर लाठीचार्ज और आंसू गैस छोडऩा राज्य सरकार की पूर्णत: गलत कार्रवाई है। डा. झा ने कहा कि सरकार सच का सामना नहीं करना चाहती। वहीं, कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता सदानंद सिंह ने कहा कि सरकार की लाठियां कांग्रेस का विरोध नहीं रोक सकतीं। ये सभी बढ़ती महंगाई, आर्थिक मंदी, बेरोजगारी, बैंकों में व्याप्त भ्रष्टाचार आदि के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे।

केंद्र की मोदी सरकार से संभल नहीं रहे हालात

बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा (Madan Modjn Jha) ने बताया कि देश में बेरोजगारी, आर्थिक मंदी और कृषि संकट चरम पर हैं। हालात को केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार संभाल नहीं पा रही। इसके खिलाफ कांग्रेस ने पांच से 15 नवंबर तक धरना-प्रदर्शन की घोषणा की थी। लेकिन इसी बीच राम मंदिर विवाद (Ram Mandir Issue) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का फैसला आने के कारण आंदोलन को रेाक दिया गया।

18 से 22 नवंबर तक जिलों में धरना-प्रदर्शन

मदन मोहन ने बताया कि इसके बाद कांग्रेस ने 18 से 22 नवंबर तक जिलों में धरना-प्रदर्शन किया, जिसमें पार्टी के सांसद-विधायक सहित पार्टी के वर्तमान व पूर्व जनप्रतिनिधियों तथा पार्टी नेताओं-कार्यकर्ताओं ने शिरकत की।

पटना में राज्य स्तरीय रैली का हुआ आयोजन

इसके बाद रविवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्‍यालय सदाकत आश्रम (Sadaquat Ashram) से शहीद स्‍मारक (Shaheed Smarak) तक राज्य स्तरीय रैली का आयोजन किया गया। रैली में कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल, पर्यवेक्षक राजेश मिश्रा तथा कांग्रेस के सचिव वीरेंद्र सिंह राठौर के साथ पार्टी के नेता व जनप्रतिनिधि शामिल रहे। कांग्रेस नेताओं ने रैली को हड़ताली मोड़ पर रोके जाने को ले विरोध प्रकट किया। विदित हो कि पुलिस ने वहां प्रदर्शनकारियों पर वाटर कैनन का इस्‍तेमाल किया तथा आंसू गैस के गोले छोड़े।  पुलिस के बल प्रयोग में दर्जनों कांग्रेसी कार्यकर्ता घायल हो गए। कांग्रेस प्रवक्ता एसके वर्मा ने कहा कि यह शांतिपूर्ण आंदोलन को कुचलने की कोशिश थी। लेकिन जन असंतोष को दबाया नहीं जा सकता।

कांग्रेस के मार्च के कारण पूरे पटना में जगह-जगह सड़क जाम रहा। दीघा-कुर्जी रोड, बोरिंग रोड व बेली रोड आदि पर घंटों जाम लगा रहा।

कांग्रेस की रैली पर बीजेपी हमलावर

कांग्रेस की इस रैली पर बीजेपी हमलावर दिख रही है। बीजेपी के वरीय नेता व उपमुख्‍यमंत्री (Dy. CM) सुशील कुमार मोदी (Sushil Lumar Modi)  ने कहा कि बिहार में कांग्रेस ने 40 साल तक शासन किया। ऐसे में वह 'जन वेदना रैली' क्‍यों निकाल रही है? आगामी विधानसभा चुनाव की ओर इशारा करते हुए उन्‍होंने कहा कि 'विपक्ष में रहने वालों को विरोध करने का हक है, लेकिन 'जनता तय कर चुकी है कि उसे किसके साथ जाना है। बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्‍यक्ष संजय जायसवाल (Sanjay Jaiswal) ने कहा कि यह भ्रष्टाचार (Corruption) नहीं कर पाने के कारण 'वेदना रैली' है। बीजेपी सरकार भ्रष्टाचार करने का अवसर नहीं दे रही, इसी की वेदना कांग्रेस को है।


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