वाराणसी-रांची- कोलकाता एक्सप्रेसवे के रास्ते पर आ गया 'मृत पहाड़', अब क्या करेगी सरकार?
वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे के रास्ते में एक 'मृत पहाड़' आ गया है, जिससे निर्माण कार्य बाधित हो गया है। अब देखना यह है कि सरकार इस समस्या का समा ...और पढ़ें

एक्सप्रेस वे के सामने आया संकट। सांकेतिक तस्वीर
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार से गुजर रहे वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेस वे के निर्माण में अब तक फारेस्ट क्लियरेंस का मामला ही संकट था पर अब पहाड़ का भी एक पेच सामने आ गया है।
मामला गया के डुमरिया के संग्रामपुर के समीप एक मृत पहाड़ को काटने का है। एलायनमेंट के तहत पहाड़ सामने आ रहा। एनएचएआई ने पहाड़ को काटकर हटाने की अनुमति मांगी है।
क्रशर लगाने पर पाबंदी से मुश्किल
पर यहां वैधानिक अड़चन यह है कि पहाड़ को काटने के लिए क्रशर लगाने पर सरकार ने पाबंदी लगा रखी है। जब तक क्रशर नहीं लगेगा तब तक पहाड़ को काटा नहीं जा सकता। ऐसा नहीं होने से इस क्षेत्र से एक्सप्रेस वे का गुजर पाना संभव नहीं।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार एनएचएआई ने सरकार को भेजे गए अपने आवेदन में कहा है कि पहाड़ काटकर जो गिट्टी निकलेगी उसका इस्तेमाल वे वाराणसी-रांची-कोलकाता प्रोजेक्ट में ही कर लेंगे।
इस प्रोजेक्ट का निर्माण सात पैकेज में हो रहा। सभी पैकेज के लिए जमीन की उपलब्धता हो गयी है पर अब पहाड़ का संकट सामने आ गया है। वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेस वे के तहत कैमूर में लंबी अवधि तक एक मामला फंसा रहा।
सुरंग बनाने के लिए नहीं मिली एनओसी
एलायनमेंट के तहत इस सड़क को वन क्षेत्र में टनल बनाकर निकलना था पर वन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं मिल पाया। वन विभाग को इस पर आपत्ति थी कि रास्ते के पहाड़ को ब्लास्ट करके उड़ाया जाना उचित नहीं।
इसके बाद तय हुआ कि एलायनमेंट में बदलाव किया जाए। इसके बाद नया एलायनमेंट यह बना कि पहाड़ के किनारे-किनारे एक्सप्रेस वे को ले जाया जाए।
इसके मूल में यह बात रही काम तेजी से आगे बढ़े। सड़क अब काफी दूर तक घूमावदार हो जाएगी। जगह भी बदल गयी है। इस क्षेत्र में काम को अभी आवंटित नहीं किया गया है। जमीन अधिग्रहण का भी मामला सामने है।

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