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सोशल मीडिया पर यूजर कर रहे प्रत्याशियों के वादों-इरादों की 'चौकीदारी'

पटना के लोग भले ही अपनी बातें बड़े नाम होने की वजह से उम्मीदवारों से न कर सकें पर सोशल मीडिया पर खूब बखिया उधेड़ रहे हैं।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Fri, 19 Apr 2019 01:55 PM (IST)Updated: Fri, 19 Apr 2019 01:55 PM (IST)
सोशल मीडिया पर यूजर कर रहे प्रत्याशियों के वादों-इरादों की 'चौकीदारी'
सोशल मीडिया पर यूजर कर रहे प्रत्याशियों के वादों-इरादों की 'चौकीदारी'

अक्षय पांडेय, पटना। चुनाव के समय वादों की लहर इंटरनेट के थर्मामीटर पर भी नापी जा रही है। अंगुलियों पर मतदान की स्याही लगने से पहले उम्मीदवार के कद के कमतर और बेहतर होने का आकलन चल रहा है। फूल देकर सम्मान करिये या पत्थर मारकर भाग जाइये, सोशल मीडिया पर अपनी बातें रखने वालों का खूब बोलबाला है।

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नेताओं पर टिप्पणी करने में असंसदीय भाषा का प्रयोग भी जमकर किया जा रहा। आलम यह है कि वोटर उम्मीदवार के सामने भले कुछ ना बोल सकें, पर सोशल नेटवर्क वह खूब बखिया उधेड़ रहे हैं। इस मामले में उससे कोई चूक नहीं हो रही। कुल मिलाकर वादों-इरादों की चौकीदारी हो रही है।

इंटरनेट की गलियां बनीं संवाद की जरिया

मीसा भारती की पहचान राज्यसभा सांसद से कहीं ज्यादा लालू प्रसाद की बेटी के रूप में है। रविशंकर प्रसाद कानून मंत्री हैं तो रामकृपाल यादव भी केंद्र में मंत्री हैं। रही बात शत्रुघ्न सिन्हा की तो वो सिने अभिनेता हैं, केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं। पटना साहिब में वो जब चुनाव प्रचार कर रहे हैं तो लोग खामोश ही रहते हैं। शत्रुघ्न से तो बस एक ही रिक्वेस्ट होती है- सर एक सेल्फी। ऐसे में इंटरनेट नापतौल का बेहतर जरिया है। ऐसे में संवाद का बेहतर जरिया इंटरनेट की गलियों में ही तलाशा जा रहा है।

एक-एक मैसेज पर रिएक्शन

सामने आने पर तो सभी से बोल देते हैं कि वोट आपको ही देंगे, परंतु असल में माजरा क्या है ये सोशल मीडिया पर पता चलता है। रवि शंकर प्रसाद ट्विटर पर खूब सक्रिय हैं। वे अपने रोज के कार्यक्रमों की जानकारी पहले ही दे देते हैं। पार्क में जाते हैं तो लोगों संग फोटो माइक्रो ब्लॉगिंग वेबसाइट पर साझा करते हैं। उनसे जवाब-तलब भी होता है। लेकिन, रवि शंकर पटना में दिखने की जानकारी देते हैं तो जनता उनसे राफेल पर सवाल कर ही देती है। वे जवाब दे न दें, उनके लिए नमो अगेन और कमल के खिलने का संदेश आ ही जाता है।

कोई पूछे तो कहना छेनू आया था

शत्रुघ्न सिन्हा के लिए कहा जाता है कि वो खामोश हैं। दस साल से अपने सांसद के हाल को जनता नए शब्दों में बयां कर रही। उनकी एक फिल्म थी ‘मेरे अपने’ पर इंटरनेट पर लोग उन्हें अपना नहीं मान रहे। लिख रहे हैं पटना साहिब के सांसद जी, आपको तो ये कहना पड़ रहा है कि छेनू आया था। शत्रु से लोग पूछ रहे हैं, आपकी पत्नी पहली बार राजनीति में आ रही हैं, तो क्या आप आजम खान के बयान का समर्थन करते हैं?

तेजस्वी से भी हो रहे सवाल

तेजस्वी से सोशल मीडिया पर सवाल हो रहे हैं, उनपर परिवार और प्रॉपर्टी को लेकर शब्द बाण चल रहे हैं। तेजस्वी भी मतदाताओं से प्रश्न करते हैं. देश का पैसा लेकर भागने वालों का आप कैसे समर्थन करेंगे? जवाब मिलता है आप भी अपने परिवार पर उठी अंगुलियों पर जवाब दीजिए।

रामकृपाल देते हैं पल-पल की जानकारी

पटना से जुड़े राजनीतिक चेहरों में शामिल रामकृपाल यादव सबसे ज्यादा सक्रिय नेता हैं। रामकृपाल पल-पल की जानकारी ट्विटर पर साझा कर रहे हैं। उनके लिए लोगों का समर्थन है, पर सवाल भी हो रहे हैं। ट्विटर पर गरीब परिवारों के लिए घर का सपना साकार करने की बात पर रामकृपाल से प्रश्न किया जा रहा है, कृप्या बताएं आपने कितने लोगों को पक्का मकान दिया। ऐसे ढेरों सवाल ट्विटर पर प्रत्याशियों से पूछे जा रहे हैं।


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