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बच्चों में बीमारियां बांट रहे घरों में पड़े बेकार मोबाइल, राजधानी में ई-कचरे का निस्‍तारण बना गंभीर चुनौती

बदलते जमाने की चुनौतियां नई हैं। जिंदगी में तकनीक के बढते इस्‍तेमाल के साथ ई-कचरे का निपटान एक समस्‍या बनकर उभरा है। ऐसा कचरा आपको और आपके बच्‍चे को बीमार भी बना सकता है। यह पर्यावरण के लिए भी खतरनाक है।

By Shubh NpathakEdited By: Published: Fri, 30 Oct 2020 10:09 AM (IST)Updated: Fri, 30 Oct 2020 10:09 AM (IST)
बच्चों में बीमारियां बांट रहे घरों में पड़े बेकार मोबाइल, राजधानी में ई-कचरे का निस्‍तारण बना गंभीर चुनौती
बच्‍चे को खेलने के लिए नहीं दें पुराने मोबाइल फोन। जागरण

जेएनएन, पटना। राजधानी में ई-कचरा एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है। बेकार मोबाइल और पुराने कंप्यूटर बीमारियां बांट रहे हैं। इसको लेकर अब बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद भी गंभीर हो गया है। पर्षद ने इससे निपटने की तैयारी शुरू कर दी है। इसमें खराब पड़े मोबाइल, कंप्यूटर, लैपटॉप व कैमरा सहित कई उपकरण शामिल हैं।

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खराब मोबाइल बन रहे बच्चों के खिलौने

बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के वरिष्ठ विज्ञानी डॉ. नवीन कुमार ने बताया कि खराब मोबाइल आजकल बच्चों का खिलौना बन रहा है। इससे बच्चों को काफी नुकसान हो रहा है। घरों में बेकार पड़े मोबाइल का उपयोग बच्चों के लिए हानिकारक हो सकता है। मोबाइल में उपयोग की जाने वाली बैट्री कई रासायनिक तत्वों को मिलाकर तैयार की जाती है। अगर गलती से बच्चे ने मुंह में डाल लिया तो उन्हें कई बीमारियों का शिकार बना सकता है। बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने सभी मोबाइल कंपनियों को भी निर्देश दिया है कि वे अपनी कंपनी के बेकार उत्पादों को स्वयं संग्रह करें। पुराने मोबाइल संग्रह के लिए विशेष काउंटर भी खोले जा सकते हैं, अन्यथा प्रदूषण फैलाने के लिए उन्हें भी जिम्मेदार ठहराया जाएगा। बोर्ड के निर्देश पर कई कंपनियों द्वारा बेकार मोबाइल के लिए संग्रह की व्यवस्था की जा रही है।

सांस की बीमारियों के भी बन रहे वाहक

पीएमसीएच के हार्ट रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक कुमार का कहना है कि पुराने कंप्यूटर सांस की बीमारियों का कारण बन रहे हैं। कई रिसर्च से स्पष्ट हो गया है कि घरों में रखे पुराने कंप्यूटरों पर धूल की मोटी परत बैठ जाती है। उसके आसपास भी धूलकण की परत होती है। इससे सांस संबंधी बीमारियां होने की आशंका काफी बढ़ जाती है। खासकर दमा की बीमारी तेजी से पांव पसार रही है।

फेंकने की बजाय एक्‍सचेंज करना बेहतर

पुराने मोबाइल और अन्‍य इलेक्‍ट्रॉनिक उपकरणों को जहां'तहां फेंकना घातक हो सकता है। यह पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए सबसे अच्‍छा यह है कि अाप नये उपकरण खरीदते समय पुराने को दुकान पर ही एक्‍सचेंज कर लें। इसके लिए आपको उपकरण का चालू हालत में होना जरूरी रहता है। इससे आपको आर्थिक तौर पर भी फायदा होता है। आप उपकरण खरीदते समय ही चेक कर सकते हैं कि संबंधित कंपनी बायबैक का ऑफर देती है। कई कंपनियां समय-समय पर एक्‍सचेंज आॅफर लाती रहती हैं।

ये कंपनियां खरीदती हैं पुराने मोबाइल

आप अपना पुराना मोबाइल ओएलएक्‍स पर बेच सकते हैं। यहां आपको मोबाइल की सबसे बेहतर कीमत मिल जाएगी। इसके अलावा cashify.in, recycledevice.com, getinstacash.in, yaantra.com जैसी कई साइटें पुराने मोबाइल खरीदती हैं। आप गूगल के सहारे ऐसी और भी साइटों के बारे में पता कर सकते है।


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