आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को बेहतर बनाने में जानवरों की बुद्धि का इस्तेमाल, विशेषज्ञों ने इसपर की चर्चा
बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में बोले विशेषज्ञ- ऑर्टिफिशिल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में पशुओं की बुद्धिमत्ता पर भी हो शोध सुनामी आने से पहले ही हाथी सुरक्षित स्थान पर चले गए जबकि मनुष्य फंस गए
पटना, जागरण संवाददाता। ऑर्टिफिशिल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) की भविष्य में कितनी उपयोगिता हो सकती है, यह कल्पना से परे है। इसकी तुलना मानव की बुद्धि से की जाती है। कहा जाता है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) मानव की बुद्धि से कहीं अधिक तेज हो सकती है, लेकिन क्या यह जानवरों की बुद्धिमता से भी आगे जा सकती है। ऐसे ही सवाल पर शुक्रवार को पटना में चर्चा हुई।
बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने आयाेजित की थी कार्यशाला
मनुष्य सबसे बुद्धिमान है, यह सोच भी गलत है। ह्यूमन इंटेलिजेंस (Human Intelligence) की तुलना अगर कुत्ता (Dog), हाथी (Elephant), कीट (insects) व पक्षी (Bird) से आप करेंगे तो सही बात समझ में आ जाएगी। सुनामी (Tsunami) आने पर हाथियों (Elephant) को पहले ही आभास हो गया और वे सुरक्षित स्थान पर चले गए, जबकि मनुष्य इसमें फंस गए। इसलिए ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्षेत्र में हम पशुओं की बुद्धिमत्ता क्षमता पर भी शोध करें। उक्त बातें शुक्रवार को इंडियन स्कूल ऑफ माइंस, धनबाद के आइटी विभाग के प्रमुख प्रो. डॉ. सतीश कुमार सिन्हा ने कहीं। वे बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन की ओर से आयोजित इंटरनेट ऑफ थिंग्स विषयक कार्यशाला को ऑनलाइन संबोधित कर रहे थे।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से खुशहाल बन सकता है हमारा जीवन
सिन्हा ने कहा, ऑर्टिफिशिल इंटेलिजेंस को अपनाकर हम अपने जीवन को खुशहाल बना सकते हैं। आज से 15-20 वर्ष पूर्व जिसकी हम कल्पना करते थे, वह अब व्यवहार में है। एआइ और इसके भविष्य को समझना है तो पहले अपने पौराणिक संपदां को समझना होगा। सिन्हा ने पावर प्वॉइंट प्रजेंटेशन के जरिए एआइ से आने वाली चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला।
आइटी क्षेत्र में तीव्र विकास का सीधा असर आम आदमी के जीवन पर
इससे पूर्व बीआइए अध्यक्ष रामलाल खेतान ने कहा, आइटी क्षेत्र में हो रहे विकास से हमारा जीवन प्रभावित हो रहा है। इंटरनेट, मोबाइल, ईमेल अब जीवन का अंग बन चुके हैं। इसलिए जरूरी है कि हम अपने को शिक्षित-प्रशिक्षित करते रहें। बीआइए की आइटी सब कमेटी के चेयरमैन मुकेश कुमार ने कहा कि एआइ उद्योग एवं कृषि क्षेत्र में भी क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है।