Move to Jagran APP

10 दिसंबर को राहुल गांधी से मिल सकते हैं उपेंद्र कुशवाहा, देंगे मंत्री पद से इस्तीफा

उपेंद्र कुशवाहा ने आज भी एनडीए छोड़ने का फैसला नहीं किया। लेकिन, अब वो कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से दस दिसंबर को मुलाकात कर एनडीए छोड़ने का फैसला करेंगे।

By Kajal KumariEdited By: Published: Thu, 06 Dec 2018 04:36 PM (IST)Updated: Fri, 07 Dec 2018 03:09 PM (IST)
10 दिसंबर को राहुल गांधी से मिल सकते हैं उपेंद्र कुशवाहा, देंगे मंत्री पद से इस्तीफा
10 दिसंबर को राहुल गांधी से मिल सकते हैं उपेंद्र कुशवाहा, देंगे मंत्री पद से इस्तीफा

 पटना, जेएनएन। रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने मोतिहारी में आयोजित चिंतन शिविर के अंतिम दिन पार्टी के खुले अधिवेशन के दिन भी सबको संशय में डालते हुए एनडीए से अलग होने का एेलान नहीं किया, लेकिन वो भाजपा और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर बरसे।

loksabha election banner

अब सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक उपेंद्र कुशवाहा दस दिसंबर को दिल्ली जाकर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात कर सकते हैं और उसके बाद ही वो  एनडीए छोड़ने की घोषणा करेंगे और फिर केंद्रीय मंत्रिमंडल से भी इस्तीफा दे सकते हैं। 

लेकिन, बिहार कांग्रेस नेता कौकब कादरी ने साफ कह दिया है कि उपेंद्र कुशवाहा एनडीए छोड़कर आते हैं तो महागठबंधन में उनका स्वागत किया जाएगा, लेकिन यहां सीएम पद की कोई वैकेंसी नहीं है। 

उपेन्द्र कुशवाहा ने  नीतीश कुमार के साथ ही आज पहली बार प्रधानमंत्री मोदी को भी अपने निशाने पर लिया।उन्होंने कहा कि मैंने जिसके साथ काम किया उनके साथ काम करके मुझे कोई बड़ा परिवर्तन नहीं दिखा। कुशवाहा ने कहा कि हमने जिसके साथ दस बारह साल लम्बी लड़ाई लड़ी वो बेकार चला गया।

कुशवाहा ने जहां बिहार की शिक्षा व्यवस्था को लेकर सीएम नीतीश कुमार को लताड़ा वहीं राम मंदिर के मुद्दे को लेकर भाजपा पर भी जमकर हमला बोला। कहा कि बिहार की जो हालत पंद्रह साल पहले थी वही हाल आज भी है। उन्होंने कहा कि नीतीश मॉडल में शिक्षा का हाल पूरी तरह बदहाल हो गया है।

वहीं भाजपा पर तंज कसते हुए कुशवाहा ने कहा कि चुनाव आते ही भाजपा का मंदिर-मस्जिद मुद्दा शुरू हो जाता है। ये राजनीतिक मुद्दा नहीं बनना चाहिए। जहां चाहिए वहां मंदिर बनाईए, मस्जिद बनाईए। विकास और शिक्षा का मु्द्दा जरूरी है ना कि मंदिर-मस्जिद।

बता दें कि रालोसपा के चिंतन शिविर में पार्टी के दोनों विधायक और सांसद मौजूद नहीं थे। इससे पहले भी उन्होंने उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ बयानबाजी की थी और खुद को एनडीए में रहने की बात कही थी। हालांकि सांसद रामकुमार शर्मा ने कुशवाहा को मनाने की पूरी कोशिश की थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.