1956 में बना पटना विश्वद्यिालय छात्र संघ, जनमत के बाद 1970 से प्रत्यक्ष चुनाव
पटना [जेएनएन]। पटना विश्वविद्यालय छात्रसंघ की स्थापना 1956 में हुई। 1968 तक अप्रत्यक्ष पद्धति से छात
पटना [जेएनएन]। पटना विश्वविद्यालय छात्रसंघ की स्थापना 1956 में हुई। 1968 तक अप्रत्यक्ष पद्धति से छात्रसंघ पदाधिकारी और कैबिनेट सदस्य का चुनाव होता था। छात्रसंघ प्रतिनिधि और छात्रों की मांग पर तत्कालीन कुलपति डॉ. कालिकिंकर दत्त ने प्रत्यक्ष चुनाव के लिए लोकमत कराया। जिसके आधार पर नौ मार्च, 1970 को पहली बार प्रत्यक्ष रूप से छात्रों ने अपने प्रतिनिधियों का चयन किया। उक्त जानकारी पटना विश्वविद्यालय छात्रसंघ द्वारा प्रकाशित स्मारिका 'छात्रसंघ संवाद' में पीयू के 1970-71 की वार्षिक रिपोर्ट के आधार पर दी गई है।
रिपोर्ट के अनुसार तत्कालीन केंद्रीय मंत्री बलिराम भगत ने नए पदाधिकारियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ व्हीलर सीनेट हॉल में चार अप्रैल, 1970 को दिलाई। पटना मेडिकल कॉलेज के छात्र राजेश्वर प्रसाद अध्यक्ष बने। इसमें राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद महासचिव तथा कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामजतन सिन्हा समाजसेवा सचिव निर्वाचित हुए थे। उपाध्यक्ष स्नातकोत्तर राजनीतिक शास्त्र विभाग की उमा कुमारी बनीं थीं। छात्रसंघ कार्यकारिणी की प्रथम बैठक 13, अप्रैल, 1970 को हुई। 50 फीसद व्याख्यान में उपस्थित छात्रों को परीक्षा में बैठने की सिफारिश छात्रसंघ की कार्यकारिणी ने की, जिसे विश्वविद्यालय ने मान लिया। मगध महिला एवं वीमेंस कॉलेज की छात्राओं के यातायात की व्यवस्था के लिए बसें चलाने की भी मांग की गई। चुनाव में सभी छात्रों के लिए अनिवार्य छात्रावास की व्यवस्था, वर्तमान छात्रावासों की दशा में सुधार, समय पर परीक्षा फल का प्रकाशन, सही सत्र की व्यवस्था, विश्वविद्यालय के प्रशासन में छात्रों का प्रतिनिधित्व, पढ़ाई-लिखाई की दशा में सुधार एवं तदर्थ विश्वविद्यालय को केंद्र के अधीन करने, विश्वविद्यालय के कामकाज में हिंदी के उपयोग, गरीब-पिछड़े छात्रों को आर्थिक सहायता आदि प्रमुख मुद्दे थे।
छात्रसंघ की पहल पर प्रवेश परीक्षा से मेडिकल में नामांकन
पटना मेडिकल कॉलेज की गड़बड़ियों को दूर करने के लिए छात्रसंघ ने वाह्य परीक्षक प्रणाली और प्रवेश परीक्षा के आधार पर मेडिकल में नामांकन की माग की। जिसे स्वीकार कर लिया गया। 1970 में ही पटना विश्वविद्यालय ने अपनी स्वर्ण जयंती वर्ष कार्यक्रम मनाया था।
विश्व युवक एसेंबली में थी पीयू की धमक
1970 में न्यूयार्क में होने वाले विश्व-युवक एसेंबली में पटना विश्वविद्यालय छात्रसंघ भी शामिल हुआ था। इसमें प्रतिनिधि के तौर पर अध्यक्ष राजेश्वर प्रसाद और समाज सेवा सचिव रामजतन सिन्हा शामिल हुए थे। उसी वर्ष उत्कल विश्वविद्यालय के तत्वावधान में भुवनेश्वर में 'नेशनल काउंसिल ऑफ यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स ऑफ इंडिया' के 17वें अखिल भारतीय अधिवेशन में पटना विश्वविद्यालय की ओर से महासचिव लालू प्रसाद सहित चार प्रतिनिधियों ने भाग लिया। उक्त अधिवेशन में तत्कालीन समाज सेवा सचिव रामजतन सिन्हा राष्ट्रीय छात्रसंघ के 12 सदस्यीय कार्यकारिणी के सदस्य चुने गए थे।
1973 में लालू प्रसाद अध्यक्ष और सुशील मोदी बने महासचिव
1973 के छात्रसंघ चुनाव में लालू प्रसाद ने पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह को हराकर अध्यक्ष बने थे। इसमें वर्तमान उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी महासचिव निर्वाचित हुए थे। छात्र आंदोलन और आपातकाल के कारण छात्रसंघ चुनाव 1978 में हुआ। इसमें वर्तमान केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे एबीवीपी की टिकट पर अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे।
1970 में निर्वाचित पुसु के पदाधिकारी
राजेश्वर प्रसाद, मेडिकल कॉलेज, अध्यक्ष
उमा कुमारी, स्नातकोत्तर राजनीति, उपाध्यक्ष
लालू प्रसाद, विधि महाविद्यालय, महासचिव
अरुण कुमार चौधरी, मेडिकल कॉलेज, सह-महासचिव
रामजतन सिन्हा, विज्ञान महाविद्यालय, समाज सेवा सचिव
जयनारायण शर्मा, विज्ञान महाविद्यालय, क्त्रीड़ा सचिव
मंजू माथुर, स्नातकोत्तर, श्रम एवं समाज कल्याण, कैबिनेट सदस्य
मंजू श्रीवास्तव, मगध महिला महाविद्यालय, कैबिनेट सदस्य
चंद्रिका प्रसाद, बीएन कॉलेज, कैबिनेट सदस्य
जावेद अनवर, स्नातकोत्तर अंग्रेजी, कैबिनेट सदस्य
कन्हैया कुमार वर्मा, स्नातकोत्तर, जीव विज्ञान, कैबिनेट सदस्य
रंजन यादव, स्नातकोत्तर, भौतिकी, कैबिनेट सदस्य
पुसु के 1971 में निर्वाचित पदाधिकारी
रामजतन सिन्हा, एमएससी, रसायन, अध्यक्ष
जावेद अनवर, एलएलबी पार्ट-2, उपाध्यक्ष
नरेंद्र कुमार सिंह, एलएलबी पार्ट-1, महासचिव
नवल किशोर प्रसाद सिंह, एलएलबी पार्ट-1, उपमहासचिव
अनिल कुमार सिन्हा, एलएलबी, पार्ट-2, कैबिनेट सदस्य
सुशील कुमार मोदी, बीएससी, अंतिम ऑनर्स, कैबिनेट सदस्य
प्रीति मिश्रा, एमए अंग्रेजी, कैबिनेट सदस्य
विजय कुमार सिन्हा, बीए अंतिम ऑनर्स, कैबिनेट सदस्य
हरेंद्र कुमार सिंह, बीए अंतिम ऑनर्स, कैबिनेट सदस्य
अनामुल बारी, आइए, द्वितीय वर्ष, कैबिनेट सदस्य
सुशीला सहाय, समाज सेवा सचिव
बीरेंद्र मोहन प्रसाद, क्रीड़ा सचिव