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बिहार में कोर्ट का बर्थ-डे गिफ्ट : आरोपित बोला- सर, आज मेरा जन्‍मदिन है; जज ने किया रिहा ...जानिए कारण

बिहार के नालंदा के किशोर न्याय परिषद ने अपने फैसले में एक आरोपित किशोर को बर्थ-डे गिफ्ट में रिहाई दी। जज मानवेंद्र कुमार मिश्र अपने ऐसे मानवीय फैसलों के लिए जाने जाते हैं। यह फैसला भी इसी की ताजा कड़ी है।

By Amit AlokEdited By: Published: Wed, 07 Apr 2021 03:48 PM (IST)Updated: Wed, 07 Apr 2021 03:50 PM (IST)
बिहार में कोर्ट का बर्थ-डे गिफ्ट : आरोपित बोला- सर, आज मेरा जन्‍मदिन है; जज ने किया रिहा ...जानिए कारण
नालंदा के किशोर न्याय परिषद ने दिया अनोखा फैसला। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर।

पटना, ऑनलाइन डेस्‍क। बिहार के नालंदा के एक कोर्ट के अनोखे फैसले की खूब तारीफ हो रही है। अपराध की प्रकृति, आरोपित की उम्र और उसमें सुधार को देखते हुए नालंदा के किशोर न्याय परिषद के जज (Juvenile Justice Board) मानवेंद्र कुमार मिश्र ने अपने फैसले में आरोपित को बर्थ-डे गिफ्ट दिया। उनके इस फैसले पर किशोर न्याय परिषद के सदस्य धर्मेंद्र कुमार और उषा कुमारी ने भी सहमति दी। आरोपित ने कोर्ट को बताया था कि आज उसका जन्‍मदिन है और वह 18 साल का हो गया है। विदित हो कि जज मानवेंद्र कुमार मिश्र मानवीय आधार पर पहले भी कई चर्चित फैसले कर चुके हैं।

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आरोपित ने लगाई माफी की गुहार

मामला नालंदा के किशोर न्‍याय परिषद के एक मुकदमे का है। नालंदा के बिहार थाने के एक मोहल्ले का निवासी आरोपित किशोर मां के पड़ोसी से झगड़े के दौरान साथ देने के लिए उसमें कूद पड़ा था। यह मामला इतना बढ़ा कि कोर्ट पहुंच गया। इसकी सुनवाई के दौरान आरोपित ने जज से कहा कि आज उसका जन्मदिन है और वह 18 साल का हो गया है। उसके खिलाफ किसी अन्‍य थाने या कोर्ट में कोई दूसरा मुकदमा दर्ज नहीं है। उसने यह भी बताया कि वह दवा दुकान में कर्मचारी है। कोर्ट में सुनवाई के दिन वह दुकान नहीं जा पाता है, इसलिए दुकान मालिक उस दिन का वेतन काट लेता है। इससे परिवार चलाने में परेशानी होती है। अपनी बात रखने के दौरान उसने माफी की गुहार लगाई।

कोर्ट ने मामला देख कर दिया रिहा

कोर्ट ने इसके बाद उसकी मां से पूछताछ की। मां ने बेटे की बातों को सही बताया। साथ ही कहा कि बेटा अब ठीक से रहता है। कागजात देखने पर कोर्ट ने पाया कि साधारण प्रकृति के अपराध का यह मामला सात महीने से लंबित है, लेकिन पुलिस ने आरोप पत्र भी दाखिल नहीं किया है। इसके बाद कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए आरोपित किशोर को आरोप मुक्त करने का फैसला सुनाया। साथ ही कोर्ट ने उसे भविष्य में किसी भी आपराध में शामिल नहीं होने की हिदायत भी दी।


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