Move to Jagran APP

केंद्रीय मंत्री का बड़ा खुलासा, बिहार को नहीं मिलेगा विशेष राज्य का दर्जा

बिहार को विशेष राज्‍य का दर्जा नहीं मिलेगा। यह खुलासा एक केंद्रीय मंत्री ने किया है। हालांकि इसके बादले केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी 32 से बढ़ाकर 42 फीसद कर दी गई है।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Fri, 15 Sep 2017 07:16 PM (IST)Updated: Sat, 16 Sep 2017 08:14 AM (IST)
केंद्रीय मंत्री का बड़ा खुलासा, बिहार को नहीं मिलेगा विशेष राज्य का दर्जा
केंद्रीय मंत्री का बड़ा खुलासा, बिहार को नहीं मिलेगा विशेष राज्य का दर्जा

पटना [जेएनएन]। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलने की संभावना अब नहीं दिख रही है। हालांकि केन्द्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी 10 फीसद जरूर बढ़ा दी गई है। इसका खुलासा एक केंद्रीय मंत्री ने किया है। 

loksabha election banner

भारत सरकार के योजना मंत्रालय के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) राव इंद्रजीत सिंह ने सांसद पप्पू यादव को लिखे पत्र में कहा है बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने के संबंध में प्रधानमंत्री को आपके द्वारा पत्र भेजा गया था। उसके आलोक में कहना है कि बिहार को विशेष श्रेणी का दर्जा देने के मुद्दे पर पूर्व में एक अंतर मंत्रालय समूह ने विचार किया था। उसका गठन आठ सितंबर 2011 को किया गया था।

उसमें योजना आयोग के सदस्य सचिव व अध्यक्ष के तौर पर और वित्त मंत्रालय के व्यय सचिव सदस्य के रूप में थे। अंतर मंत्रालय समूह ने 30 मार्च 2012 को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। उसमें मौजूदा मापदंडों के आधार पर समूह का निष्कर्ष था कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया जा सकता है।

एक समान फार्मूला को सरकार ने किया स्वीकार

उन्होंने लिखे पत्र में कहा है कि 14वें वित्त आयोग ने सभी राज्यों को समस्तरीय अंतरण का एक समान फार्मूला दिया। संघ सरकार ने 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया। इसमें संघीय बजट 2015-16 से विवेकाधिकार का उपयोग कर किए जाने वाले अंतर को कम करने का निर्णय भी शामिल है। मंत्री ने कहा है कि इसी प्रकार 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों को स्वीकार करने के निर्णय में रघुराम राजन समिति की सिफारिशों को भी समायोजित कर लिया गया है। 

सामान्य व विशेष में नहीं है विभेद

मंत्री ने कहा है कि सामान्य श्रेणी के राज्यों और विशेष श्रेणी के राज्यों के बीच कोई विभेद नहीं किया गया है। इसमें केन्द्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी 32 से बढ़ाकर 42 कर दी गई है। इससे राज्यों के लिए अधिक असंबद्ध संसाधन उपलब्ध हुए हैं। केन्द्र प्रायोजित स्कीमों के लिए हिस्सेदारी पद्धति केन्द्र प्रयोजित स्कीमों के युक्तिकरण संबंधी मुख्यमंत्रियों के उपसमूह की रिपोर्ट की सिफारिशों पर आधारित है जिसे केन्द्र सरकार ने स्वीकार कर लिया।

इस मामले में लोकसभा सांसद पप्‍पू यादव ने कहा कि केन्द्र सरकार ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग खारिज कर दी है। वशेष राज्य का दर्जा दिलाने व कोसी, मिथिलांचल व सीमांचल को विशेष पैकेज दिलाने की लड़ाई संसद से सड़क तक लड़ी जाएगी। विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलना दुखद है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा चुनाव में विशेष राज्य के दर्जे को मुद्दा बनाया था। केन्द्र के निर्णय के बाद अब नीतीश कुमार बिहार की 11 करोड़ जनता को क्या जवाब देंगे। नीतीश कुमार और भाजपा का गठबंधन बेमेल है, जो सिर्फ सत्ता के लिए बना है। इससे जनकल्याण की उम्मीद नहीं की जानी चाहिए। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.