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केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर ने कहा- विधान सभाओं में निजी क्षेत्रों में आरक्षण पर हो रहा विमर्श, राष्ट्रीय सहमति जरूरी

रविशंकर प्रसाद ने कहा -विभिन्न राज्यों की विधानसभाओं में इसपर विमर्श हो रहा है। जब सहमति बन जाएगी तो इसे लागू करने में कोई दिक्कत नहीं होगी। वे बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी समारोह में विधायकों के सवालों का जवाब दे रहे थे ।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Mon, 08 Feb 2021 12:18 PM (IST)Updated: Mon, 08 Feb 2021 12:18 PM (IST)
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर ने कहा- विधान सभाओं में निजी क्षेत्रों में आरक्षण पर  हो रहा विमर्श, राष्ट्रीय सहमति जरूरी
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद की तस्‍वीर ।

पटना, राज्य ब्यूरो । केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि निजी क्षेत्रों में आरक्षण के लिए राष्ट्रीय सहमति बननी चाहिए। विभिन्न राज्यों की विधानसभाओं में इसपर विमर्श हो रहा है। जब सहमति बन जाएगी तो इसे लागू करने में कोई दिक्कत नहीं होगी। केंद्रीय मंत्री रविवार को बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी समारोह में विधायकों के सवालों का जवाब दे रहे थे।

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निजी क्षेत्र में आरक्षण से जुड़े पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के एक सवाल का जवाब देते हुए रविशंकर ने कहा कि आजादी के बाद जब देश का संविधान बन रहा था तो भीमराव आंबेडकर ने सिर्फ नौकरियों में ही आरक्षण की व्यवस्था नहीं की थी, बल्कि लोकसभा और विधानसभा में भी वंचित समाज के लिए आरक्षण अनिवार्य किया था। जहां तक निजी क्षेत्रों की बात है तो कई बड़ी कंपनियों ने इस दिशा में पहल की है। इस संबंध में दलित चेंबर ऑफ कामर्स को भी आगे बढ़कर प्रयास करना चाहिए। उनके भी कई सदस्यों की कंपनियां करोड़ों रुपये की हैं।

इसके पहले रविशंकर ने सदस्यों को संविधान का सार और कानून बनाने के दायित्व के बारे में समझाया। उन्होंने कहा कि कानून वही बन सकता है, जिसे जनता चुनती है। हम न्यायपालिका का सम्मान करते हैं, लेकिन कई बार ऐसी टिप्पणियां होती हैं, जो विधायिका के अनुकूल नहीं रहती हैं।

सदन में सदस्यों की मौजूदगी जरूरी : चौधरी

संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने सदस्यों को सदन में सवाल एवं अन्य विधायी प्रक्रिया के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि सदस्यों का कार्य संचालन नियमावली को बारीकी से जानना और विमर्श के दौरान सदन में रहना जरूरी है। तभी वे सदन में अपनी बात रख सकेंगे। महत्वपूर्ण विषयों पर विमर्श को समझ सकेंगे। चौधरी ने सदस्यों को सदन में सवाल पूछने के तरीके, शून्यकाल, तारांकित और अतारांकित प्रश्नों आदि के बारे में बताया।

उन्होंने कहा कि संविधान की पृष्ठ संख्या 168 से 213 के बीच विधानमंडल की पूरी प्रक्रिया और नियमों के बारे में समझाया गया है। सदस्यों को उसे जरूर पढऩा चाहिए। संवाद सत्र में नीरज कुमार, संजीव कुमार सिंह एवं मदन सहनी समेत कई सदस्यों ने सवाल पूछे, जिसका जवाब स्पीकर विजय सिन्हा और मंत्री विजय चौधरी ने दिया।

संविधान पढ़ेंगे सदस्य

विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा को संविधान की तीन प्रतियां दी गई। इस पर सदस्यों की ओर से मांग की गई कि उन्हें संविधान की प्रतियां दी जाएं। स्पीकर ने आश्वासन दिया कि विधानसभा की ओर से सदस्यों को भी एक-एक प्रति उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा। इसके पहले रविशंकर प्रसाद ने सदस्यों को संविधान की प्रति दिखाते हुए बताया कि बिहार के नंदलाल बोस ने मूल संविधान पर देवताओं और महापुरुषों की तस्वीरें बनाई थीं। उसमें राम-सीता, कृष्ण, हनुमान, बुद्ध के साथ-साथ अकबर की भी तस्वीरें हैं। इसके अलावा सुभाषचंद्र बोस, महात्मा गांधी, नेहरू, पटेल, अंबेडकर, श्रीकृष्ण सिंह और अनुग्रह नारायण सिंह की भी तस्वीरें हैैं।


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