ट्रेन से कट चाचा-भतीजी व सर्पदंश से भाई-बहन की मौत, बिहार के नालंदा में हुई दर्दनाक घटनाएं
नालंदा जिले में मंगलवार की रात और बुधवार की सुबह अलग-अलग घटनाओं में चाचा-भतीजी और सगे भाई-बहन की मौत हो गई। चाचा और भतीजी की मौत जहां ट्रेन से कटने से हो गई वहीं भाई-बहन की मौत सर्पदंश से हो गई।
बिहारशरीफ, जागरण संवाददाता। नालंदा जिले में मंगलवार की रात और बुधवार की सुबह अलग-अलग घटनाओं में चाचा-भतीजी और सगे भाई-बहन की मौत हो गई। खुदागंज थाना क्षेत्र के रूपसपुर गांव स्थित जगदीशपुर टोले में विषैले सांप के डसने से मासूम भाई-बहनों की जान चली गई। मृतकों में सर्वेश जमादार के सात वर्षीय सौरभ कुमार व पांच वर्षीय पुत्री सोनाली कुमारी शामिल हैं। वहीं बिहारशरीफ रेलवे स्टेशन पर बुधवार सुबह राजगीर-दानापुर पैसेंजर ट्रेन से कटकर खंंदक पर निवासी बासुकीनाथ व उनकी सात वर्षीय भतीजी सुरुचि की मौत हो गई।
श्राद्धकर्म में शामिल होने जा रहे थे पटना
जानकारी के अनुसार बासुकीनाथ अपनी भतीजी के साथ किसी रिश्तेदार के श्राद्धकर्म में शामिल होने पैसेंजर ट्रेन पकड़कर पटना जा रहे थे। रेलवे ट्रैक क्रॉस करने के दौरान विपरीत दिशा से आ रही ट्रेन की चपेट में आ गए। भतीजी की मौत मौके पर ही हो गई । जबकि चाचा का एक हाथ कट गया। सूचना मिलते ही रेल पुलिस मौके पर पहुंची और अधेड़ को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया। जहां से चिकित्सकों ने विम्स पावापुरी रेफर कर दिया। लेकिन इलाज के दौरान उसकी भी मौत हो गई। रेल थाना पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया ।
सोते समय विषैले सर्प ने भाई-बहन को डसा
खुदागंज थाना क्षेत्र के रूपसपुर गांव के जगदीशपुर टोला में मंगलवार सर्वेश जमादार के घर के सभी लोग सोये हुए थे। सौरभ और सोनाली भी एक ही जगह सोए थे। इसी दौरान सांंप ने उन्हें डस लिया। कुछ देर में उनके मुंंह से झाग निकलने लगा। बताया जाता है कि रात के लगभग बारह बजे सौरभ व सोनाली के अजीब सी आवाज निकालने लगे। यह सुनकर मां की नींद खुल गई। दोनों के मुंह से झाग निकलता हुआ देख वह चिल्लाने लगी। आसपास के लोग व स्वजन आए तो पहले झांड़-फूंक और ओझा-गुनी के चक्कर में पड़ गए। इस बीच रात बीत गई, इलाज के अभाव में बुधवार की सुबह दोनों की मौत हो गई। घटना की सूचना फैलते ही पूरे गांव में कोहराम मच गया। बच्चों की मां सोजनकी देवी मूर्छित हो गई। मृतक बच्चों के पिता सर्वेश जमादार दिल्ली में हैं। वे वहां रहकर मजदूरी करते हैं।