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उमेश ने धोखेबाज कहकर इस्तीफा मांगा, उपेंद्र कुशवाहा बोले- JDU में दोनों बार 'उन्होंने' बुलाया, नहीं छोड़ूंगा

प्रदेश जदयू के अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने पत्रकारों से बातचीत में उपेंद्र कुशवाहा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में पार्टी काफी मजबूत है। 75 लाख सदस्य बनाए गए हैं।

By Dina Nath SahaniEdited By: Yogesh SahuPublished: Fri, 27 Jan 2023 08:36 PM (IST)Updated: Fri, 27 Jan 2023 08:36 PM (IST)
उमेश ने धोखेबाज कहकर इस्तीफा मांगा, उपेंद्र कुशवाहा बोले- JDU में दोनों बार 'उन्होंने' बुलाया, नहीं छोड़ूंगा
उमेश ने धोखेबाज कहकर इस्तीफा मांगा, उपेंद्र कुशवाहा बोले- JDU में दोनों बार 'उन्होंने' बुलाया, नहीं छोड़ूंगा

राज्य ब्यूरो, पटना। प्रदेश जदयू के अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने पत्रकारों से बातचीत में उपेंद्र कुशवाहा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में पार्टी काफी मजबूत है। 75 लाख सदस्य बनाए गए हैं।

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उन्होंने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहां से कहां पहुंचा दिया, आज सवाल उठाते हैं। जब पार्टी का विलय कर दिया तो फिर एक संगठन के नाम पर कोई संगठन चलाने का क्या मतलब? जिस व्यक्ति ने लगातार नीतीश कुमार को धोखा दिया आज वो पार्टी हित की बात किस मुंह से कर रहे हैं, उन्हें कोई दिक्कत है तो त्यागपत्र दे दें।

उमेश कुशवाहा ने कहा कि संगठन को मजबूत करने की बात करने वाले हिस्सेदारी मांग रहे हैं, उनको सोचना चाहिए कि मुख्यमंत्री ने उन्हें विरोधी दल का नेता बनाया, राज्यसभा और विधान परिषद में भेजा, दल के संसदीय दल का नेता बनाया उनके बारे में ऐसी बात करते हैं, हमको तो ताज्जुब लगता है। जब से पार्टी में आए हैं, पार्टी को कमजोर करने का काम किया है।

दोनों बार नीतीश के बुलावे पर ही जदयू में शामिल हुए: उपेंद्र

इधर, जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि वे तीन बार नहीं, दो बार जदयू में शामिल हुए। दोनों बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुलाया, लेकिन इस बार वे छोड़ कर नहीं जा रहे हैं। बर्बाद हो रही पार्टी को बचाने की कोशिश अंतिम सांस तक करेंगे। पार्टी में हमारा भी हिस्सा है। वे शुक्रवार को यहां पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि पहली बार नीतीश ने उन्हें 2009 में और दूसरी बार 2020 में बुलाया। विधानसभा में विपक्ष के तत्कालीन नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री पर निजी और आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। मुख्यमंत्री असहाय महसूस कर रहे थे। मैंने तेजस्वी के विरोध में ट्वीट किया। इसके बाद ही मुझे बुलाया गया। जदयू में शामिल होने और इसे मजबूत करने का आग्रह किया गया। हां, पार्टी में शामिल होने के बाद मुख्यमंत्री ने अपनी ओर से कभी फोन नहीं किया।

उपेंद्र ने कहा कि मुख्यमंत्री से अंतिम बार आमने-सामने की बातचीत दिसंबर के अंतिम सप्ताह में हुई थी। उसमें मुख्यमंत्री ने मुझसे पूछा था- क्या आप भाजपा में जा रहे हैं? कुशवाहा ने कहा कि मुख्यमंत्री गलत सलाहकारों से घिरे हैं। मूल समता पार्टी के 95 प्रतिशत लोग आज उपेक्षित हैं। जहां तक पार्टी में आने जाने वालों का प्रश्न है, वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह भी उसी श्रेणी के हैं।

मुख्यमंत्री को 30 में से 29 दिन घेर कर रखने वाले सभी लोग दूसरी पार्टी से आए हुए हैं। मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि उपेंद्र कुशवाहा मीडिया के बदले पार्टी मंच पर बात रखें। इसकी शुरुआत मुख्यमंत्री ने ही की, जब उन्होंने मीडिया से आग्रह किया कि वे उपेंद्र कुशवाहा को हमसे बात करने के लिए कहें। हम तैयार हैं। मुख्यमंत्री मुझे बुलाएं, राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाएं। उसमें राजद के साथ हुई डील पर चर्चा हो। हम बताएंगे कि पार्टी कैसे कमजोर हुई है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अपने-पराए की पहचान करें। उन्होंने कहा कि सामाजिक संगठन ज्योति बा महात्मा फुले समता परिषद की ओर से दो फरवरी को जगदेव प्रसाद की जयंती समारोह आयोजित है। उसमें शामिल होने से पार्टी की ओर से उन्हें रोका जा रहा है। वह उस समारोह में शामिल होंगे। अभी एक सामाजिक संगठन की ओर से महाराणा प्रताप की जयंती का आयोजन किया गया था। उसमें जदयू के सभी लोग शामिल हुए थे। यह अच्छी बात है।


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