भारत व नेपाल के दबाव का नतीजा है ISI एजेंट शमशुल की गिरफ्तारी
आइएसआइ एजेंट शमशुल होदा की गिरफ्तारी भारत और नेपाल के संयुक्त दबाव का नतीजा है। इसके बाद यूएई ने उसे काठमांडू भेज दिया। शमशुल भारत में आतंकी गतिविधियों का आरोपी है।
पटना [जेएनएन]। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के इशारे पर भारतीय रेल निशाना बनाने वाले नेपाली नागरिक शमसुल होदा की गिरफ्तारी के लिए भारत और नेपाल सरकार द्वारा मिलकर यूएई पर बनाया गया दबाव कारगर साबित हुआ। दोनों देशों के संयुक्त दबाव का ही नतीजा है कि यूएई की सरकार ने शमसुल होदा को गत शनिवार को ही दुबई से काठमांडू के लिए 'डिपोर्ट' कर दिया था। साथ ही इसकी आधिकारिक सूचना नेपाल और भारत सरकार को पहले ही उपलब्ध करा दी थी।
दक्षिण नेपाल के कलैया नामक स्थान पर शमसुल व उसके तीन अन्य साथियों से की जा रही पूछताछ में उसने आइएसआइ के साथ मिलकर भारत में गड़बड़ी फैलाने की साजिश रचने के आरोप भी स्वीकार कर लिए हैं। अब नेपाल पुलिस ने शमसुल व आइएसआइ से जुड़े उसके अन्य साथियों का आपराधिक इतिहास खंगालने के लिए बिहार पुलिस से मदद मांगी है। शमसुल व उसके नेपाली मूल के साथियों पर नेपाल से लगी बिहार के सीमावर्ती जिलों में भी कई आपराधिक वारदातों को अंजाम देने के मामले दर्ज हैं।
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जब शमसुल व उसके तीन अन्य साथियों को काठमांडू त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पर डिपोर्ट किया गया था, तब भारतीय खुफिया व सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी भी वहां मौजूद थे। दुबई से डिपोर्ट किए गए शमसुल के तीन अन्य साथियों में आशीष सिंह, मुजाहिर अंसारी और उमेश कुमार कुर्मी शामिल हैं।
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नेपाल में शमसुल होदा व उसके अन्य तीन साथियों पर दो भारतीय मूल के नागरिकों की हत्या के आरोप हैं। इन्हीं आरोपों को लेकर नेपाल सरकार ने शमसुल समेत चारों आइएसआइ एजेंटों को नेपाल लाने के लिए इंटरपोल से मदद मांगी थी। सूत्रों ने बताया कि शमसुल व उसके तीन अन्य साथियों से दक्षिणी नेपाल के कलैया में भारतीय खुफिया एजेंसी आइबी, रॉ और एनआइए की टीमें भी पूछताछ में शामिल हैं।