हमारे योद्धाः कोरोना से लोगों को बचाने के लिए दो युवा बेचने लगे सब्जी, जानें इनकी कहानी
इंद्रपुरी का रहने वाला युवा नंदु राज एवं उसका दोस्त आकाश लोगों के घर-घर जाकर सब्जी पहुंचाने में लगा है। जानें इन दो कर्मयोद्धाओं की कहानी।
पटना, जेएनएन। कोरोना वायरस के कारण शहर में हर तरफ डर का माहौल बना है। लोग अपने आप को सुरक्षित रखने के लिए परिवार के साथ घरों में कैद हैं। इस वातावरण में भी समाज के कुछ ऐसे कर्मयोद्धा हैं जो अपनी जान को जोखिम में डालकर लोगों की सेवा करने में लगे हैं। इंद्रपुरी का रहने वाला युवा नंदू राज एवं उसका दोस्त आकाश लोगों के घर-घर जाकर उन्हें सब्जी पहुंचाने में लगा है। नंदू ने चार दिन पहले से ही ठेले पर सब्जी बेचनी शुरू की है।
सस्ते दाम पर मुहैया करा रहे सब्जी
कोराेना वायरस से बचाव को लेकर ये दोनों युवा अपने मुंह पर मास्क लगाकर लोगों को सस्ते दाम पर सब्जी देने के साथ वायरस से बचाव के लिए जागरूक कर रहे हैं। नंदू ने बताता कि कोरोना के कारण लोग अपने घरों से सब्जी लेने के लिए बाजार नहीं आ रहे। ऐसे में लगा कि इस समस्या के निवारण के लिए अपने दोस्त आकाश के साथ मिलकर घरों में जाकर सब्जी दी जाए। इसके साथ ही दोनों फोन करने पर जरूरतों का हर सामान भी घर के दरवाजे तक पहुंचाते हैं।
स्कूल बंद होने पर शुरू किया सब्जी बेचना
डीएवी कान्वेंट में पढ़ने वाले नंदू के पिता शंकर प्रसाद राज मिस्त्री हैं। वहीं आकाश के पिता संगीत कुमार पेंटिंग करते हैंं। दोनों दोस्तों की मानें तो इन दिनों पिता को कोई काम नहीं मिल रहा। जिसके कारण वे भी घर में बैठे हैं। दूसरी ओर परिवार को पेट पालने की चलाने की चिंता अलग है। ऐेसे में सब्जी बेचकर दो पैसे कमाने में दोनों युवा कर्मवीर लगे हैं। नंदू और आकाश की मानें तो इन दिनों कोरोना के कारण स्कूल भी बंद है, ऐसे में घर वालों को सपोर्ट मिल जाए, जिसके लिए दोनों अपनी जान पर खेलकर सब्जी बेचने में लगे हैं।
पेट क्या नहीं करने को विवश करता...
दोनों कहते हैं, कोरोना वायरस के संक्रमण से हमें भी डर लगता है लेकिन पापी पेट क्या नहीं करने को विवश करता है। कोरोना वायरस से बचने के लिए दोनों मुंह पर मास्क लगाते हैं साथ ही अपने पास में सैनिटाइजर भी रखते हैं। नंदू ने बताता कि कोरोना के कारण सब्जी आदि चीजों को लेकर कालाबजारी की बात लोगों के दिमाग में है लेकिन ऐसा नहीं है। सरकार अपनी ओर से लोगाें को राहत देने का प्रयास कर रही है। लोगों को खाद्य-पदार्थ की कमी न हो जिसके लिए सब्जी व अन्य पदार्थ बाजार में उपलब्ध है।