रेल अधिकारियों की अनदेखी: कोटा से लखनऊ तक दौड़ीं एक ही नंबर की दो ट्रेनें
भारतीय रेल के अधिकारियों की एक बड़ी खामी उजागर हुई है। कोटा से ट्रेन पटना के लिए चली। कानपुर पहुंचने के बाद सिस्टम से ही गायब हो गई।
पटना/लखनऊ [जागरण टीम]। रेलवे का सिस्टम भी अब ट्रेनों की तरह पटरी से उतर गया है। कोटा से ट्रेन पटना के लिए चली। कानपुर पहुंचने के बाद सिस्टम से ही गायब हो गई। उधर, इसी नाम की दूसरी ट्रेन लखनऊ पहुंची तो गार्ड को शंका हुई। उसने ट्रेन को आगे चलाने से मना कर दिया और अफसरों को इसकी जानकारी दी। करीब घंटे भर जांच हुई तब पता चला कि यह खामी ट्रेन नंबर की गलत फीडिंग का नतीजा है। इस दौरान ट्रेन अचानक रुकने से यात्री भी असमंजस में रहे। इससे पहले 23 अप्रैल को पुणे-गोरखपुर स्पेशल ट्रेन भी सिस्टम से गायब हो गई थी, जिसका आज तक पता नहीं चल सका है।
दरअसल, छह मई को कोटा से लखनऊ रवाना होने वाली ट्रेन 13238 कोटा-पटना एक्सप्रेस 28:20 घंटे की देरी से सात मई की शाम 7:20 बजे चली। वहीं सात मई को ही लखनऊ के लिए रवाना होने वाली 13240 कोटा-पटना एक्सप्रेस 9:34 घंटे की देरी से रात 12:24 बजे चली। रेलवे ने ट्रेन 13238 कोटा पटना एक्सप्रेस को 13240 कोटा पटना एक्सप्रेस समझकर उसकी फीडिंग कर दी।
ट्रेन नंबर 13238 कोटा पटना एक्सप्रेस गलत नंबर 13240 से कोटा से कानपुर तक चली आई। ट्रेन जैसे ही सुबह 8:54 बजे कानपुर से निकली, यह नेशनल ट्रेन इंक्वायरी सिस्टम (एनटीईएस) से गायब हो गई। लखनऊ में ट्रेन का गार्ड 13238 कोटा पटना एक्सप्रेस की ड्यूटी का इंतजार कर रहा था, जबकि यात्रियों को ट्रेन 13240 कोटा पटना एक्सप्रेस के आने की सूचना प्रसारित कर दी गई।
ऐसे पकड़ा मामला
गार्ड ने गलत नंबर की सूचना प्रसारित होने पर कंट्रोल रूम को जानकारी दी। कंट्रोल रूम की सूचना पर उन्नाव में ट्रेन के गार्ड से संचालन से जुड़े दस्तावेज देखे गए। रेलवे को तब पता चला कि यह ट्रेन 13238 कोटा पटना एक्सप्रेस है, जो अब तक 13240 के नंबर से चल रही थी।
अलग हैं दोनों के रूट
दोनों ही ट्रेनों के लखनऊ से पटना के बीच अलग रूट हैं। ट्रेन नंबर 13240 कोटा पटना एक्सप्रेस लखनऊ आकर सुलतानपुर के रास्ते रवाना होती है। वहीं 13238 कोटा पटना एक्सप्रेस लखनऊ से फैजाबाद होकर जाती है। ट्रेन 13238 कोटा पटना एक्सप्रेस में लखनऊ से डीजल इंजन लगाया जाता है। वहीं सुलतानपुर होकर जाने वाली ट्रेन में कोटा से ही इलेक्ट्रिक इंजन लगकर आता है। लखनऊ में गलती न पकड़ी जाती तो आगे रूट बदलने से यात्रियों व रेलवे दोनों को दिक्कत होती।
ट्रेन जहां से आरंभ होती है, वहां से ही उसकी फीडिंग की जाती है। इस बारे में कुछ भी बता पाना मुश्किल है।
- गौरव कृष्ण बंसल, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, उत्तर मध्य रेलवे
-इस मामले में फीडिंग करने वाले सिस्टम की जांच की जाएगी। संबंधित अधिकारी को जानकारी दे दी गई है। मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं।
- गुंजन गुप्ता, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, पश्चिम मध्य रेलवे