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एनएमसीएच में खुला किडनी व हृदय रोग का सुपर स्पेशलिटी

नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में लंबे इंतजार के बाद सोमवार को मरीज हित में एक बड़ी योजना अमल में आयी। किडनी संबंधित रोग का इलाज करने के लिए नेफ्रोलॉजी विभाग तथा हृदय रोग संबंधित इलाज के लिए कार्डिलॉजी विभाग खोला गया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 03 Dec 2019 01:25 AM (IST)Updated: Tue, 03 Dec 2019 01:25 AM (IST)
एनएमसीएच में खुला किडनी व हृदय रोग का सुपर स्पेशलिटी
एनएमसीएच में खुला किडनी व हृदय रोग का सुपर स्पेशलिटी

पटना सिटी। नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में लंबे इंतजार के बाद सोमवार को मरीज हित में एक बड़ी योजना अमल में आयी। किडनी संबंधित रोग का इलाज करने के लिए नेफ्रोलॉजी विभाग तथा हृदय रोग संबंधित इलाज के लिए कार्डिलॉजी विभाग खोला गया। सप्ताह में छह दिन इन दोनों विभाग का ओपीडी चलेगा। मरीज भर्ती का इलाज करने के साथ ही आवश्यक जांच भी होगी। इस बात की जानकारी प्राचार्य डॉ. विजय कुमार गुप्ता एवं अधीक्षक डॉ. गोपाल कृष्ण ने दी। उन्होंने बताया कि यह दोनों विभाग सुपर स्पेशलिटी के रूम में काम करेगा। इसके लिए फिलहाल दो-दो चिकित्सक तैनात किए गए हैं। सोमवार को नव निर्मित विभाग में किडनी के मरीजों को देखा गया।

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प्राचार्य डॉ. विजय कुमार गुप्ता ने बताया कि किडनी रोग विभाग में डॉ. प्रो. अमर कुमार एवं असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. ऋषि किशोर को नामित किया गया है। इस विभाग का ओपीडी सप्ताह में प्रत्येक सोमवार, बुधवार एवं शुक्रवार को सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक चलेगा। हृदय रोग विभाग डॉ. अरुण कुमार एवं डॉ. रामसागर राय चलाएंगे। इस विभाग का ओपीडी प्रत्येक सप्ताह मंगलवार, गुरुवार एवं शनिवार को चलेगा। अधीक्षक डॉ. गोपाल कृष्ण ने बताया कि हृदय रोगियों का इको, टीएमटी व अन्य जांच प्रत्येक सोमवार, बुधवार एवं शुक्रवार को होगी। मंगलवार, गुरुवार एवं शनिवार को नेफ्रोलॉजी विभाग के दोनों डॉक्टर पीजी डॉक्टरों को पढ़ाएंगे।

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-- मरीज भर्ती के लिए पांच-पांच बेड मेडिसिन में हुआ अलग

एनएमसएच अधीक्षक डॉ. गोपाल कृष्ण ने बताया कि सुपर स्पेशलिटी के रूप में खोले गए नेफ्रोलॉजी विभाग एवं कार्डियोलॉजी विभाग में भर्ती होने वाले मरीजों के लिए मेडिसिन विभाग में फिलहाल पांच-पांच बेड अलग किया गया है। मरीजों की संख्या बढ़ने पर बेड व अन्य सुविधाएं बढ़ायी जाएंगी। उन्होंने बताया कि हृदय रोगियों की जांच के लिए जल्द ही नयी टीएमटी मशीन अस्पताल पहुंच जाएगी। वहीं, गठित नए विभाग के डॉक्टरों का कहना है कि मेडिसिन विभाग के अधीन वह पहले भी किडनी और हृदय रोगियों का इलाज कर रहे थे। शुरू किए गए सुपर स्पेशलिटी के लिए संसाधन एवं कर्मियों की आवश्यकता होगी।


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