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बिहार की दो निर्भया, अस्पताल में भुगत रहीं 'बेटी' होने की सजा...जानिए

बिहार के मोतिहारी जिले में दुष्कर्म की दो वारदातें सामने आई हैं जिसमें दोनों पीड़िताओं पर हुए अत्याचार की दास्तान सुन आंखों में आंसू आ जाएंगे।

By Kajal KumariEdited By: Published: Fri, 24 Jun 2016 01:30 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jun 2016 07:50 AM (IST)
बिहार की दो निर्भया, अस्पताल में भुगत रहीं 'बेटी' होने की सजा...जानिए
बिहार की दो निर्भया, अस्पताल में भुगत रहीं 'बेटी' होने की सजा...जानिए

पटना [काजल]। दिल्ली में हुए निर्भया कांड की याद जेहन में ताजा करने वाली दो घटनाएं बिहार में देखने को मिली हैं। ये दो घटनाएं एक ही जगह की हैं। मोतिहारी जिले की दो लड़कियां जो अस्पताल में शारीरिक यातनाएं झेल रही हैं दोनों की कहानी सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं।

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पहली घटना जिसमें एक लड़की के साथ कुछ दबंगों ने न सिर्फ बलात्कार किया बल्कि ऐसी खौफनाक हरकत को अंजाम दिया जिसे बताने की और सुनने की भी हिम्मत होनी चाहिए। अस्पताल में पड़ी पीड़िता का आरोप है कि उसे सड़क पर सरेआम निर्वस्त्र कर पीटा गया।

पीड़िता को उसके घर से खींचकर सड़क पर लाकर उसे बेरहमी से पीटा गया उसके साथ बीच सड़क पर बलात्कार किया गया इतना ही नहीं उसे शारीरिक प्रताड़ना देने के लिए उसके प्राईवेट पार्ट्स में बंदूक की नली और लकड़ी से भी वार किया गया। इसके बाद बड़े आराम से सभी दबंग वहां से फरार हो गए और लड़की बुरी तरह से घायल अवस्था में सड़क पर तड़पती रही।

लड़की ने बताया कि गांव के समीउल्लाह ने 13 जून को उसके साथ बलात्कार करने की कोशिश की थी लेकिन वह बच निकली थी। लड़की के परिजनों ने जब इसकी शिकायत समीउल्लाह के घरवालों से की तो उन्होंने उन्हें मारकर भगा दिया था।

15 जून को समीउल्लाह के परिवार के लोगों और गांव के अन्य दबंगों ने युवती के साथ हैवानियत का खेल खेला। बंदूक के बल पर युवती को गांव में घुमा-घुमाकर पीटा गया। युवती को बचाने आई मां को भी दबंगों ने बेरहमी से मारा। लड़की को लेकर परिजन रोते बिलखते रहे। उसके बाद 18 जून 2016 को लड़की सदर अस्पताल में भर्ती कराई गई ।

घटना के 7वें दिन पीड़िता का मेडिकल कराया गया। 20 जून को रामगढ़वा थाना की पुलिस घटना के पांच दिन बाद लड़की के पास पहुंची। यहां इलाज कर रही महिला चिकित्सक से बातचीत की गई। फिर 21 जून को मेडिकल बोर्ड गठित करने के लिए आवेदन दिया गया। 23 जून को मेडिकल बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट पुलिस को दी।

23 जून 2016 को लड़की का मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद परिजनों को न्याय मिलने की आस जगी। शहर के समाजसेवी भी अस्पताल पहुंचे और घटना पर विरोध जताते हुए प्रशासनिक अधिकारियों को इसकी जानकारी दी। इसके बाद एसपी जितेन्द्र राणा सदर अस्पताल पहुंचे। जिला प्रशासन के अधिकारियों ने भी मामले की जांच की। 24 जून 2016 को पुलिस ने मामले में तीन महिलाओं को हिरासत में लेकर पूछताछ की। पुलिस ने इस मामले के एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

कहा पुलिस उपाधीक्षक ने

मामले में पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। अबतक तीन महिलाओं को हिरासत में लिया गया है। सभी से पूछताछ की जा रही है। जल्द ही सभी आरोपितों को पुलिस गिरफ्तार कर लेगी।

राकेश कुमार

पुलिस उपाधीक्षक, रक्सौलमहिला आयोग की टीम जाएगी मोतिहारी

इस मामले में जांच के लिए दिल्ली से राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम आज पटना आएगी। इसके बाद टीम मोतिहारी जाकर पीड़िता और उसके परिजनों से मिलेगी और केस की जांच करेगी। आयोग की सदस्य सुषमा साहू ने इसकी जानकारी दी है। वहीं, आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने कई जगह छापेमारी की है और तीन महिलाओं को गिरफ्तार किया है।

10 साल की बच्ची को बनाया शिकार

वहीं दूसरी हृदय विदारक वारदात सामने आई हैं जिसमें एक 10 साल की लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया। घटना 15 जून की रात की है, जहां बच्ची के साथ पड़ोस के गांव के ही तीन युवकों ने गैंगरेप किया और दरिंदगी की हदें पार कर दी। बच्ची की मां जब उसे ढूंढऩे निकली तो युवकों की हरकत देखकर उसके होश उड़ गए।

मां के रोने-चिल्लाने के बाद युवक भाग गए। परिजनों ने बेहोश पड़ी बच्ची को मोतिहारी के सदर अस्पताल में भर्ती कराया जहां उसकी गंभीर हालत देख उसे पीएमसीएच रेफर कर दिया गया। पीएमसीएच सर्जरी विभाग में गुरुवार को बच्ची का ऑपरेशन किया गया है। अभी भी उसकी हालत चिंताजनक है।

इस मामले में मोतिहारी के पीपरा थाना में मामला दर्ज कराया गया। इस मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है - प्रमोद साहनी और कमल साहनी।

केस वापिस लेने के लिए दबाव

लड़की के भाई का कहना है 'उन्होंने उसका अपहरण किया और उसके साथ बलात्कार किया। जब वह चिल्लाने लगी तो उसकी गर्दन पर चाकू रख दिया गया।' भाई ने आरोप लगाया कि उनके परिवार पर केस वापिस लेने के लिए दबाव डाला जा रहा है। वह कहते हैं 'हम गरीब लोग हैं। उन्होंने कहा कि अगर हम केस वापिस नहीं लेंगे तो वो हमें शूट कर देंगे।'

आखिर कबतक यूं ही लड़कियों को बेटी होने की सजा दी जाएगी। वे भी तो इंसान हैं। हैवानियत की हद को पारकर किसी लड़की के शरीर से इस तरह उसके बेटी होने का बदला लिया जाना कहां तक उचित है। क्या लड़की होना गुनाह है.....इसकी एेसी सजा क्यों दी गई इन दोनों बेटियों को?


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