मसौढ़ी में डायरिया से दो और मरीजों की मौत, पटना में भयावह हो रही बीमारी Patna News
पटना में डायरिया बीमारी पांव पसारती जा रही है। जिले में लगातार इसके मामले सुनने को मिल रहे हैं। नगर के कश्मीरगंज मोहल्ले में शनिवार को डायरिया से पीड़ित दो और महिलाओं की मौत हो गई।
By Edited By: Published: Sun, 14 Jul 2019 01:26 AM (IST)Updated: Sun, 14 Jul 2019 08:25 AM (IST)
पटना, जेएनएन। नगर के कश्मीरगंज मोहल्ले में शनिवार को डायरिया से पीड़ित दो और महिलाओं की मौत हो गई। जिनकी पहचान मरहूम मो.अजीज की पत्नी खैरुन निशा (70 वर्ष) और रउफ मिया की पत्नी हसीना खातून (60 वर्ष) शामिल हैं। खैरुन निशा की मौत शुक्रवार की शाम पीएमसीएच से इलाज कराकर घर लौटने के बाद हो गई, जबकि हसीना खातून की मौत शनिवार की दोपहर उनके निवास पर हो गई। कश्मीरगंज में डायरिया से अबतक तीन वृद्ध महिलाएं व एक 30 वर्षीय दिव्याग युवक की मौत हो गई है।
जानकारी के मुताबिक, डायरिया पीड़िता खैरुन निशा को नौ जुलाई को अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहा से डॉक्टरों ने गंभीर अवस्था में पीएमसीएच रेफर कर दिया। पीएमसीएच से दो दिन बाद परिजन लेकर घर आ गए। जहां शुक्रवार की शाम उनकी मौत हो गई। वहीं पीड़ित 60 वर्षीया हसीना खातून बीते करीब दस दिन से घर में ही बीमार पड़ी थी। उसके परिजन बाहर से दवा लाकर दे रहे थे। गंभीर हालत में भी अस्पताल नहीं लाया गया, जिसके कारण हालत काफी बिगड़ गई और शनिवार को मौत हो गई। अनुमंडलीय अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. हरिचंद हरि ने बताया कि खैरुन निशा को डायरिया के अलावा भी बीमारी थी।
उनकी मौत डायरिया से नहीं बल्कि दूसरी बीमारी से हुई है। इससे पहले 80 वर्षीया सायरा बानो व 30 वर्षीय दिव्याग मो. परवेज की मौत हो चुकी है। लगातार हो रही मौतों के बाद पूरे कश्मीरगंज मोहल्ले में हड़कंप मच गया है। कश्मीरगंज में स्वास्थ्य विभाग की पाच सदस्यीय टीम प्रतिनियुक्त डायरिया के प्रकोप से लोगों को बचाने के लिए कश्मीरगंज में पाच सदस्यीय टीम को प्रतिनियुक्त किया गया है। इस संबंध में अनुमंडलीय अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. हरिचंद हरि ने बताया कि पाच सदस्यीय टीम में आशा कार्यकर्ता, आगनबाड़ी केंद्रों की सेविका-सहायिका के अलावा अन्य स्वास्थ्यकर्मी शामिल हैं। स्वास्थ्य विभाग की यह टीम रोज सुबह से शाम तक कश्मीरगंज में डायरिया पीड़ितों की देखभाल करेंगी।
जानकारी के मुताबिक, डायरिया पीड़िता खैरुन निशा को नौ जुलाई को अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहा से डॉक्टरों ने गंभीर अवस्था में पीएमसीएच रेफर कर दिया। पीएमसीएच से दो दिन बाद परिजन लेकर घर आ गए। जहां शुक्रवार की शाम उनकी मौत हो गई। वहीं पीड़ित 60 वर्षीया हसीना खातून बीते करीब दस दिन से घर में ही बीमार पड़ी थी। उसके परिजन बाहर से दवा लाकर दे रहे थे। गंभीर हालत में भी अस्पताल नहीं लाया गया, जिसके कारण हालत काफी बिगड़ गई और शनिवार को मौत हो गई। अनुमंडलीय अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. हरिचंद हरि ने बताया कि खैरुन निशा को डायरिया के अलावा भी बीमारी थी।
उनकी मौत डायरिया से नहीं बल्कि दूसरी बीमारी से हुई है। इससे पहले 80 वर्षीया सायरा बानो व 30 वर्षीय दिव्याग मो. परवेज की मौत हो चुकी है। लगातार हो रही मौतों के बाद पूरे कश्मीरगंज मोहल्ले में हड़कंप मच गया है। कश्मीरगंज में स्वास्थ्य विभाग की पाच सदस्यीय टीम प्रतिनियुक्त डायरिया के प्रकोप से लोगों को बचाने के लिए कश्मीरगंज में पाच सदस्यीय टीम को प्रतिनियुक्त किया गया है। इस संबंध में अनुमंडलीय अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. हरिचंद हरि ने बताया कि पाच सदस्यीय टीम में आशा कार्यकर्ता, आगनबाड़ी केंद्रों की सेविका-सहायिका के अलावा अन्य स्वास्थ्यकर्मी शामिल हैं। स्वास्थ्य विभाग की यह टीम रोज सुबह से शाम तक कश्मीरगंज में डायरिया पीड़ितों की देखभाल करेंगी।
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