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बॉडी बिल्डिंग और लड़कियां: जमाने के ताने सुने लेकिन पूरे किए पापा के सपने

लोगों के ताने सुनकर भी दो बेटियों ने अपने पिता के सपने के पूरा कर साबित कर दिया है कि मुश्किल कुछ भी नहीं है अगर ठान लीजिए। एक ने गोल्ड तो दूसरी ने गोल्डेन मेडल मिला है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Mon, 11 Feb 2019 04:53 PM (IST)Updated: Tue, 12 Feb 2019 09:47 AM (IST)
बॉडी बिल्डिंग और लड़कियां: जमाने के ताने सुने लेकिन पूरे किए पापा के सपने
बॉडी बिल्डिंग और लड़कियां: जमाने के ताने सुने लेकिन पूरे किए पापा के सपने

पटना [अंकिता भारद्वाज]। दंगल फिल्म में आपने दो बहनों की कहानी देखी होगी कि कैसे वे अपने  पिता के सपनों को पूरा करने के लिए जी-जान लगा देती हैं। पिता को भी अपनी बेटियों पर भरोसा होता है कि उसकी छोरियां छोरों से कम नहीं...ये तो थी रील कहानी यानि फिल्मी। लेकिन इसी तरह की एक रियल कहानी भी है जो पटनासिटी की रहने वाली दो बहनों की है

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दोनों बेटियों नए अपने पिता के सपने को पूरा करने के लिए जी-जान लगा दिया और उन्होंने फिटनेस बॉडी बिल्डिंग 2018 प्रतियोगिता में गोल्ड और सिलवर मेडल जीतकर जमाने का मिथक तोड़ा है कि बॉडी बिल्डिंग सिर्फ मर्दों के ही वश की बात है, लड़कियां ये नहीं कर सकतीं।

ढ़ाई के साथ-साथ बॉडी बिल्डिंग की भी तैयारी : 

बड़ी बहन रूचिका शर्मा अभी ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रही हैं तो छोटी बहन रीमा शर्मा बारहवीं में हैं। बॉडी बिल्डिंग में खिताब के लिए दोनों बहनों ने छोटी उम्र से ही कड़ी मेहनत की। पिता की ट्रेनिंग की मदद से उन्होंने अपने बॉडी को शेप दिया और फिर लोकल स्तर पर प्रतियोगिताओं में भाग लेना शुरू किया।

लोकल स्तर पर खिताब जीतने के बाद दोनोंं बहनों ने एक साथ इंडिया फिटनेस बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता में हिस्सा लिया।  प्रतिभागियों को कड़ी टक्कर देते हुए बड़ी बहन रूचिका ने मिस इंडिया फिटनेस का खिताब अपने नाम कर लिया। उसे गोल्ड मेडल से नवाजा गया। वहीं छोटी बहन रीमा ने भी सिल्वर मेडल अपने नाम किया। 

शुरुआत में हुई थोड़ी परेशानी 

रूचिका बताती है कि शुरुआत में ट्रेनिंग के दौरान परेशानी का सामना करना पड़ा क्योंकि अभी भी हमारा समाज लड़कियों के बॉडी बिल्डिंग में हिस्सा लेने को स्वीकार नहीं करता। लेकिन परिवार और खासकर पिता का सपोर्ट मिलने के कारण हम यहां तक पहुंच पाए। 

उन्होंने बताया कि हमारा खुद का जिम है जहां हमारे पिता हमें ट्रेनिंग देते हैं। आसपास के लोग फब्तियां कसते कि ये लड़कियों का खेल नहीं है, क्यों अपने शरीर को खराब कर रही हो। पर हमारे माता-पिता ने हमेशा हमारा सहयोग किया और हम आज जिस भी मुकाम पर है अपने मात-पिता के कारण ही हैं। 

जिम में अब लोगों को दोनों बहने देती हैं ट्रेनिंग 

रूचिका और रिमा अपनी पढ़ाई के बाद अपना सारा समय जिम में देती हैं। रिमा बताती हैं कि वे अभी कई सारे लड़कों को बॉडी बिल्डिंग की ट्रेनिंग दे रही हैं। 


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