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बक्सर में नहाने के दौरान आहर में डूबे दो बच्चे, एक का शव बरामद-दूसरे की तलाश जारी

बक्सर में जेसीबी से काटे गए करीब 50 फीट गहरे आहर में नहाने के दौरान दो बच्चे डूब गए। गुरुवार की सुबह जब एक बच्चे का शव पानी के ऊपर उतराने लगा तब घटना की जानकारी हुई। दूसरे बच्चे की तलाश जारी है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Thu, 24 Sep 2020 10:55 AM (IST)Updated: Thu, 24 Sep 2020 10:55 AM (IST)
बक्सर में नहाने के दौरान आहर में डूबे दो बच्चे, एक का शव बरामद-दूसरे की तलाश जारी
बक्सर में स्नान के दौरान दो बच्चे डूब गए। इसमें एक की मौत हो गई।

बक्सर, जेएनएन। सदर प्रखंड के बलुआ स्थित जेसीबी से काटे गए करीब 50 फीट गहरे आहर में बुधवार को नहाने के दौरान दो बच्चे डूब गए। गुरुवार की सुबह जब एक बच्चे का शव पानी के ऊपर उतराने लगा तब घटना की जानकारी हुई। दूसरे बच्चे की एनडीआरएफ तलाश कर रही है। मृतक की पहचान अनुराग (12) के रूप में हुई है। उसके स्वजनों को सदर बीडीओ द्वारा पारिवारिक लाभ योजना के तहत 20 हजार का चेक दे दिया गया है।

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बुधवार हुए थे लापता, गुरुवार को मिला शव

दुर्घटना के संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार लक्ष्मीपुर निवासी अजय राज का पुत्र अनुराग (12) और बलरामपुर निवासी सचिन राम का पुत्र रितिक कुमार (16) बुधवार की सुबह ही अपने-अपने घर से स्नान करने और मछली पकड़ने की बात कहकर निकले थे। शाम तक उनके घर वापस नहीं लौटने पर घरवालों द्वारा दोनों बच्चों की खोजबीन शुरू की गई। रात हो जाने के कारण बच्चों की तलास नहीं की जा सकी। इस बीच सारी रात दोनों बच्चों के स्वजन लोगों से पूछताछ कर उनके बारे में पता लगाते रहे।

शव फूलकर पानी के ऊपर आया तो मिली घटना की जानकारी

गुरुवार की सुबह बच्चे का शव फूलकर आहर के पानी के ऊपर आया तब ग्रामीणों को इसकी जानकारी मिली। आननफानन में प्रशासन को घटना की सूचना दी गई। इस बीच बलरामपुर निवासी अनुराग का शव गोताखोरों द्वारा निकाल लिया गया है, जबकि दूसरे की तलाश के लिए एनडीआरएफ की टीम लगी है। इस बीच तलाश करने में हो रही परेशानी को देखते हुए टीम द्वारा मोटरबोट मंगा कर फिर खोजबीन की जा रही है।

करीब 50 फीट गहरे पानी के चले गए अंदर

घटना की सूचना मिलते ही सदर बीडीओ दीपचंद जोशी द्वारा मृतक अनुराग के स्वजनों को पारिवारिक लाभ के तहत 20 हजार रुपये का चेक सौंप दिया गया है। बताया जाता है कि उस क्षेत्र में कई ईंट चिमनी होने के कारण जेसीबी द्वारा मिट्टी की लगातार कटाई किए जाने से करीब 50 फिट गहरा विशाल गढ्ढा तैयार हो गया है। जिसमें बरसात का पानी भर जाने से उसकी गहराई का अनुमान नहीं हो पाने से यह हादसा हुआ है।


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