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पप्‍पू यादव व मुजफ्फरपुर SSP में तकरार, जानिए क्‍या हुए आरोप-प्रत्‍यारोप

पप्‍पू यादव पर सवर्णों के भारत बंद के दौरान हमला पर विवाद बढ़ गया है। उन्‍होंने मुजफ्फरपुर SSP पर गंभीर आरोप लगाए हैं। SSP ने भी इसका प्रतिवाद किया है। किसने क्‍या कहा, जानिए।

By Amit AlokEdited By: Published: Sun, 09 Sep 2018 02:35 PM (IST)Updated: Sun, 09 Sep 2018 10:25 PM (IST)
पप्‍पू यादव  व मुजफ्फरपुर SSP में तकरार, जानिए क्‍या हुए आरोप-प्रत्‍यारोप
पप्‍पू यादव व मुजफ्फरपुर SSP में तकरार, जानिए क्‍या हुए आरोप-प्रत्‍यारोप
पटना [जेएनएन]। जन अधिकार पार्टी के सुप्रीमो व सांसद पप्‍पू यादव ने फिर कहा कि सवर्णों के भारत बंद के दिन मुजफ्फरपुर में उनकी हत्‍या तय थी। इस साजिश में मुजफ्फरपुर की एसएसपी भी शामिल थीं। उधर, एसएसपी हरप्रीत कौर ने कहा कि पपपू यादव गलतबयानी कर रहे हैं। वे पर्सनल टिप्‍पणी भी कर रहे हैं, जिसके खिलाफ वे कोर्ट जा सकतीं हैं।
एसएसपी पर लगाए ये आरोप
पप्पू यादव ने रविवार को कहा कि अगर वे मुजफ्फरपुर में नियंत्रण खो देते तो उनकी हत्या तय थी। इसके बावजूद उनपर हमला किया गया। इसके गवाह उनकी सुरक्षा में तैनात सरकारी सुरक्षाबल के जवान हैं। उन्‍होंने सवाल किया कि अगर उनपर हमला नहीं हुआ था तो एसएसपी ने हमले के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार क्‍यों किया? पप्‍पू यादव ने कहा कि मुजफ्फरपुर में उन्‍हें सुरक्षा नहीं दी गई तथा एसएसपी ने कॉल करने पर बात भी नहीं की।
मेरे आंसूओं का उड़ाया मजाक

पप्‍पू यादव ने कहा कि उस दिन घटना पर उनके आंसू निकल गए थे, जिसका उन लोगों ने मजाक उड़ाया, जाे हर दिन नाटक करते हैं।
आरोपों पर एसएसपी ने दिए ये जवाब
पप्पू यादव के आरोपों पर एसएसपी हरप्रीत कौर ने कहा कि वे गलत बोल रहे हैं। पप्‍पू यादव का कायर्क्रम मधुबनी में था, न कि मुजफ्फरपुर में। उन्‍होंने मुजफ्फरपुर आने की सूचना भी पुलिस को नहीं दी थी। ऐसे में उन्‍हें मुजफ्फरपुर पुलिस पूरी सुरक्षा कैसे देती?
एसएसपी के अनुसार, जहां तक कॉल पर बात नहीं करने का आरोप है, उन्‍होंने जिस नंबर से कॉल किया था वो सेव नहीं था। एसएसपी ने कहा, बाद में मैंने खुद कॉल कर पूरी जानकारी ली थी। एसएसपी ने बताया कि पपपू यादव से घटना में हुई क्षति का प्रदर्श देने को कहा गया, लेकिन उन्‍होंने न तो प्रदर्श दिया, न ही एफआइआर दर्ज की।
एसएसपी ने कहा कि पप्‍पू यादव पर्सनल व आपत्तिजनक टिप्‍पणी भी कर रहे हैं। नारी बचाओ आंदोलन करने वाले राजनेता का एक महिला अधिकारी के प्रति ऐसा वरूवहार आपत्तिजनक है। इसके खिलाफ वे कोर्ट जा सकती हैं।
 

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