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क्‍या शत्रुघ्‍न सिन्‍हा फिर बदलेंगे पाला? यशवंत सिन्‍हा की क्‍या हो सकती है भूमिका? ...जानिए हर सवाल का जवाब

शाटगन के नाम से मशहूर बालीवुड अभिनेता और दशकों से संसदीय राजनीति में सक्रिय शत्रुघ्‍न सिन्‍हा बीते कुछ हफ्तों से फिर चर्चा में हैं। बीजेपी में लंबी पारी खेलने वाले बिहारी बाबू को कांग्रेस में खास तवज्‍जो नहीं मिलने के बाद उनके पाला बदलने को लेकर चर्चाएं तेज हैं।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Fri, 16 Jul 2021 10:22 AM (IST)Updated: Fri, 16 Jul 2021 10:32 AM (IST)
क्‍या शत्रुघ्‍न सिन्‍हा फिर बदलेंगे पाला? यशवंत सिन्‍हा की क्‍या हो सकती है भूमिका? ...जानिए हर सवाल का जवाब
नरेंद्र मोदी, शत्रुघ्‍न सिन्‍हा, यशवंत सिन्‍हा और ममता बनर्जी। फाइल फोटो

पटना, आनलाइन डेस्‍क। शाटगन के नाम से मशहूर बालीवुड अभिनेता और दशकों से संसदीय राजनीति में सक्रिय शत्रुघ्‍न सिन्‍हा बीते कुछ हफ्तों से फिर चर्चा में हैं। बीजेपी में लंबी पारी खेलने वाले बिहारी बाबू को कांग्रेस में खास तवज्‍जो नहीं मिलने के बाद उनके पाला बदलने को लेकर चर्चाएं तेज हैं। पिछले दिनों उन्‍होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जुड़ा एक ट्वीट कर हलचल मचा दी थी। उन्‍होंने लिखा थी कि कुछ लोग मोदी से बेवजह परेशान रहते हैं। इसके बाद लोग कयास लगाने लगे कि वे फिर से अपनी पुरानी पार्टी में वापस हो सकते हैं। अब उनके तृणमूल कांग्रेस और ममता बनर्जी के नजदीक जाने का दावा किया जा रहा है। कुछ मीडियो रिपोर्टों में तो उनके तृणमूल ज्‍वाइन करने की तारीख तक बता दी गई है। हालांकि, शत्रुघ्‍न सिन्‍हा ने ऐसे तमाम कयासों को अफवाह करार दिया है।

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बंगाल चुनाव के बाद ममता बनर्जी से बढ़ी नजदीकी

पश्‍च‍िम बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की शानदार जीत के बाद शत्रुघ्‍न सिन्‍हा की ममता बनर्जी से नजदीकी बढ़ने की चर्चाएं हैं। चर्चा यह भी है कि इसमें भाजपा के पुराने कद्दावर नेता यशवंत सिंह की भूमिका मददगार की की है। यशवंत सिन्‍हा और शत्रुघ्‍न सिन्‍हा दोनों ही भाजपा में लंबे समय तक रहे। ये दोनों नेता अटल बिहारी वाजपेयी के मंत्रिमंडल में भी महत्‍वपूर्ण महकमों का दायित्‍व निभा चुके हैं। दोनों नेताओं के बीच काफी पुराने और गहरे संबंध रहे हैं। भाजपा से दोनों की नाराजगी नरेंद्र मोदी के केंद्रीय नेतृत्‍व में आने के बाद उभरी और इसके बाद दोनों ने ही नया ठौर तलाशा। यशवंत सिन्‍हा फिलहाल टीएमसी के उपाध्‍यक्ष हैं। ऐसा माना जा रहा है कि अगर शत्रुघ्‍न सिन्‍हा के लिए टीएमसी में कोई अच्‍छी जगह बनती है तो वे इस पर विचार कर सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो इसमें यशवंत सिन्‍हा की भूमिका रहना भी तय माना जा रहा है।

ट्विटर अकाउंट ही कहता है बहुत कुछ

आप शत्रुघ्‍न सिन्‍हा के हालिया ट्वीटों को देखेंगे तो उनमें एक बात कामन है। उनके ज्‍यादार ट्वीट में कांग्रेस के अलावा ममता बनर्जी और यशवंत सिन्‍हा को जरूर टैग किया गया है। ऐसा नहीं है कि शुरू से ऐसा ही रहा है। उनकी ट्वीट में यह ट्रेंड हाल के दिनों में ही विकसित हुआ है। शत्रुघ्‍न सिन्‍हा फिलहाल कांग्रेस छोड़ने की किसी खबर को नकार रहे हैं। हालांकि वह यह भी जोड़ते हैं कि राजनीति संभावनाओं का खेल है। पिछले दिनों नरेंद्र मोदी को लेकर उनके ट्वीट पर जो बवाल मचा, तब भी उन्‍होंने लगभग ऐसी ही बातें कही थीं। सियासत के जानकार बताते हैं कि हाल के दिनों में बिहारी बाबू को लेकर चर्चाएं बिल्‍कुल बेवजह नहीं हैं, चाहे वे खुद ही इससे इनकार करते हों।

कांग्रेस भी नहीं है पूरे प्रकरण से बेखबर

पूरे प्रकरण से कांग्रेस भी बेखबर नहीं है। कांग्रेस में इस बात को लेकर चर्चा शुरू हो चुकी है कि बिहारी बाबू को कोई अच्‍छी जिम्‍मेदारी दी जाए। पिछले दिनों ऐसी खबरें आईं कि बिहारी बाबू को बिहार कांग्रेस का अध्‍यक्ष बनाए जाने की संभावना पर भी विचार हो रहा है। अगर ऐसा हुआ तो शायद वे इधर-उधर होने का इरादा टाल दें।

बिहारी बाबू को चाहिए कोई अहम पद

बिहारी बाबू भाजपा में रहते हुए लंबे समय से सांसद रहे और केंद्रीय मंत्री भी बने। कांग्रेस में जाने के बाद उन्‍हें पटना जिले की पटना साहिब सीट से भाजपा प्रत्‍याशी रविशंकर प्रसाद के हाथों हार का सामना करना पड़ा। विधानसभा चुनाव में शाटगन के बेटे लव सिन्‍हा को भी पटना की एक सीट से हार का सामना करना पड़ा। शत्रुघ्‍न सिन्‍हा भाजपा छोड़ने के बाद संसद से बाहर हो गए, वहीं पार्टी में भी उनके पास कोई महत्‍वपूर्ण पद नहीं है। उनके समर्थक चाहते हैं कि बिहारी बाबू को उनके कद के अनुरूप कोई महत्‍वपूर्ण भूमिका दी जाए।


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