श्रद्धांजलिः संतोष ट्रॉफी में फुटबॉलर पीके बनर्जी ने बिहार का किया था प्रतिनिधित्व
मशहूर फुटबॉल खिलाड़ी पीके बनर्जी का कोलकाता में शुक्रवार को निधन हो गया। पीके 1960 रोम ओलंपिक में भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान रहे थे। जानें उनका बिहार कनेक्शन।
पटना, जेएनएन। 1960 रोम ओलंपिक में भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान रहे पीके बनर्जी का कोलकाता में शुक्रवार को निधन हो गया। अपने जमाने के मशहूर फुटबॉलर बनर्जी के निधन पर बिहार फुटबॉल जगत भी शोकाकुल है। बिहार फुटबॉल संघ के सचिव सैयद इम्तियाज हुसैन ने उनके निधन को अपूर्णीय क्षति बताते हुए कहा कि अपना राज्य उनके योगदान को हमेशा याद रखेगा।
1936 में जलपाईगुड़ी में जन्मे पीके बनर्जी छोटी उम्र में ही अपने माता-पिता के साथ जमशेदपुर (एकत्रित बिहार) आ गए थे। 1951 में 15 साल की उम्र में उन्होंने संतोष ट्रॉफी में बिहार का प्रतिनिधित्व किया। इस दौरान उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से कॉलेज की पढ़ाई पूरी की। क्लर्क की गलती के कारण वहां उनका नाम प्रदीप्तो से प्रदीप कुमार कर दिया गया। उन्होंने माना था कि यहीं से मुझे नई पहचान मिली। एक दिन पीके को पटना विवि से पत्र आया कि उनका चयन बिहार टीम में हो गया है।
इस चयन ने पीके की जिंदगी बदल दी। लेकिन 15 साल के पीके को केबुल कंपनी ने रिलीज करने से मना कर दिया। पिता ने तुरंत ही कंपनी से इस्तीफा देने को कहा। पीके अपने पिता के साथ टाटानगर स्टेशन पहुंचे, जिन्होंने दस रुपये देकर उन्हें पटना भेजा। पटना में बीएन कॉलेज के प्राचार्य मैनुल हक से मुलाकात हुई। पटना सचिवालय ग्राउंड में उनकी ट्रेनिंग हुई और इसके बाद उन्होंने संतोष ट्रॉफी में टीम का प्रतिनिधित्व किया।
बीसीए की एसजीएम अब 3 अप्रैल को होगी : अध्यक्ष
पटना: बिहार क्रिकेट एसोसिएशन बीसीए की वार्षिक आम सभा एसजीएम की बैठक अब तीन अप्रैल को आरा के होटल ग्रैंड में होगी। बीसीए के अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी ने शुक्रवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए भारत सरकार व राज्य सरकार द्वारा जारी अधिसूचना को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। पहले यह बैठक 27 मार्च को होने वाली थी।
ओलंपियन पीके बनर्जी के निधन पर शोक
1960 रोम ओलंपिक में भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान रहे पीके बनर्जी का कोलकाता में शुक्रवार को निधन हो गया। अपने जमाने के मशहूर फुटबॉलर रहे बनर्जी के निधन पर बिहार फुटबॉल जगत भी शोकाकुल है। बिहार फुटबॉल संघ सचिव सैयद इम्तियाज हुसैन ने उनके निधन को अपूर्णीय क्षति बताते हुए कहा कि उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।