आइजीआइएमएस में कोरोना टेस्ट निगेटिव आने के बाद शुरू होगा इलाज, बनी नई व्यवस्था
आइजीआइएमएस के हर विभाग में 20 नये व 20 पुराने मरीजों का इलाज हो रहा है। कोरोना के संदिग्धों को लेकर भी अस्पताल प्रशासन व्यवस्था में जुटा है।
पटना, जेएनएन। अनलॉक वन में इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (आइजीआइएमएस) में ओपीडी शुरू हो चुकी है। हर विभाग में 20 नये व 20 पुराने मरीजों का इलाज हो रहा है। कोरोना के संदिग्धों को लेकर भी अस्पताल प्रशासन व्यवस्था में जुटा है। हालांकि सरकार की ओर से आइजीआइएमएस को नन कोविड अस्पताल घोषित किया गया है जिससे यहां कोरोना मरीजों का उपचार नहीं होगा। जिन मरीजों को भर्ती की जरूरत महसूस होगी उन्हें हर फ्लोर पर बनने वाले आइसोलेशन रूम में रखा जाएगा। जहां उनकी कोरोना जांच होगी। रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद मरीज को संबंधित वार्ड में भेज दिया जाएगा। इसके लिए सभी फ्लोर पर आठ-आठ संदिग्ध लोगों के रहने की व्यवस्था की गई है।
डॉक्टर व नर्सिंगकर्मी पीपीई किट से लैस करेंगे मरीजों का इलाज
आइजीआइएमएस में 32 बेड का आइसोलेशन वार्ड होगा। संस्थान के हर ब्लॉक में हर फ्लोर पर एक-एक रूम कोरोना के संदिग्धों के लिए सुरक्षित रहेगा। यहां भर्ती संदिग्धों के साथ किसी को रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी। डॉक्टर व नर्सिंग कर्मी पीपीई किट से लैस मरीजों का उपचार करेंगे। उपचार को लेकर गाइडलाइन तथा स्टैंडर्स ऑपरेटिंग सिस्टम को लेकर भी जल्द ही निर्णय लिया जाएगा।
रिपोर्ट आने के बाद संबंधित वार्ड में किया जाएगा शिफ्ट
आइजीआइएमएस के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल ने कहा कि मरीज को भर्ती करने के बाद कोरोना जांच के लिए सैंपल लिया जाएगा। रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद मरीज को संबंधित वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाएगा। पॉजिटिव आने के बाद मरीज को कोरोना उपचार वाले अस्पताल में रेफर किया जाएगा।