झाड़-फूंक के चक्कर में न पड़ें, समय पर इलाज करने से मिर्गी से मिलेगा छुटकारा
पांच मिनट से ज्यादा देर तक मिर्गी का दौरा होने पर फौरन चिकित्सक के पास मरीज को ले जाना चाहिए। भ्रांतियों के चक्कर में पड़कर लोग झाड़-फूंक कराने लग जाते हैं, यह गलत है।
पटना [जेएनएन]। सोमवार को पटना एम्स के न्यूरोलॉजी विभाग में अंतरराष्ट्रीय मिर्गी जागरूकता दिवस मनाया गया। रोग से जुड़ी कई जानकारियां दी गईं। संस्थान के निदेशक डॉ. प्रभात कुमार सिंह ने कहा कि समय पर इलाज शुरू करने पर मिर्गी से पूरी तरह छुटकारा मिल सकता है।
विभागाध्यक्ष डॉ. गुंजन कुमार ने बताया कि पांच मिनट से ज्यादा देर तक मिर्गी का दौरा होने पर फौरन चिकित्सक के पास मरीज को ले जाना चाहिए। आज समाज में इस बीमारी के प्रति काफी भ्रांतियां फैली हैं। इन भ्रांतियों के चक्कर में पड़कर लोग झाड़-फूंक कराने लग जाते है।
समाज में यह भी भ्रांति है कि अगर मिर्गी रोगी महिला है तो वह कभी मां नहीं बन सकती है। यह बात बिल्कुल बेबुनियाद है। पटना एम्स में मिर्गी रोग के मरीजों का बेहतर इलाज हो रहा है। ओपीडी परिसर में आयोजित जागरूकता अभियान के दौरान एपिलिप्सी डायरी दी गई। इसमें इस रोग के लक्षण और इलाज के उपाय वर्णित हैं।
मिर्गी आने पर क्या करें
गले के कॉलर को ढीला कर मरीज को बाएं करवट दिलाएं। जबरन शरीर को पकडऩे या फिर दबाने से बचना चाहिए। मिर्गी के दौरान मरीज को खिलाने-पिलाने से बचना चाहिए। जूता सुंघाना या फिर हाथ में लोहा पकड़वाने से बचना चाहिए। मिर्गी आने के प्रमुख कारणों में सिर में चोट लगना, स्ट्रोक होना, मस्तिष्क में संक्रमण आदि है। इसका सही समय पर इलाज शुरू करना चाहिए।
बचाव
समय पर सोना, समय से उठना, नियमित दिनचर्या और व्यायाम, डिस्को लाइट वगैरह से दूरी बनाए रखने के साथ ही तनाव से बचना चाहिए।