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मिर्गी की बीमारी का इलाज है संभव, बशर्ते रखें ध्यान, नई दवा हो रही कारगर

मिर्गी बीमारी का इलाज संभव है। बशर्ते आप इस बीमारी की अनदेखी न कर सही इलाज करवाने पर ध्यान दे।

By JagranEdited By: Published: Mon, 04 Jun 2018 04:11 PM (IST)Updated: Mon, 04 Jun 2018 04:11 PM (IST)
मिर्गी की बीमारी का इलाज है संभव, बशर्ते रखें ध्यान, नई दवा हो रही कारगर
मिर्गी की बीमारी का इलाज है संभव, बशर्ते रखें ध्यान, नई दवा हो रही कारगर

पटना [जेएनएन]। मिर्गी कितनी खतरनाक बीमारी है इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है। जो भी व्यक्ति इस बीमारी से पीड़ित होता है उसे खुद नहीं पता होता कि वह कब, कहां, कैसे बेहोश हो जाएगा। मिर्गी में बेहोश होने पर दोनों साइड मतलब ऊपर और नीचे के दांत सट जाते है। अक्सर देखा जाता है कि पीड़ित व्यक्ति के बेहोश हो जाने पर लोग उसे टोटका के रूप में जूता वगैरह सूंघाने लगते है कि ताकि वह होश में आ जाए। जब कि मेडिकल साइंस इसे सही नहीं मानता है। मेडिकल साइंस का कहना है कि इस बीमारी से निजात मिल सकती है। बशर्ते इसका इलाज सही समय पर करवाया जा सके।

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मतलब चिकित्सकों का मानना है कि मिर्गी के 70 फीसद मरीजों का इलाज सभव है। मिर्गी के इलाज में नई दवाएं ज्यादा कारगर साबित हो रही हैं। जिन मरीजों को दवाओं से मिर्गी ठीक नहीं हो रही है, उन्हें ऑपरेशन से ठीक किया जा सकता है। इस बात की जानकारी राजधानी पटना में आयोजित एनईमीडीकॉन-2018 में दिल्ली एम्स के चिकित्सक डॉ. मजरी त्रिपाठी ने दी। उन्होंने कहा कि भारत में एक फीसद लोगों में मिर्गी की बीमारी पाई जाती है। मिर्गी होने के कई कारण होते हैं। मात्र तीन फीसद लोगों में ही आनुवाशिक कारणों से मिर्गी होती है। इसके अलावा दिमाग में चोट लगने पर भी न्यूरो की समस्याएं बढ़ रही हैं।

खुले में शौच से पैदा हो रही ब्रेन की समस्या

डॉ. त्रिपाठी ने कहा कि खुले में शौच से ब्रेन से सबधित बीमारी बढ़ रही है। खुले में शौच करने से उसके कीटाणु सब्जी एव फलों के माध्यम से दिमाग तक पहुंच जाते हैं। वहा पहुंचने पर कई तरह की परेशानी पैदा करते हैं। इसलिए स्वच्छता पर विशेष जोर देने की जरूरत है।

दवा देते समय मरीज की उम्र का डॉक्टर रखें ख्याल

अतिथियों का स्वागत करते हुए आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार सिह ने कहा कि मिर्गी की दवा देते समय डाक्टरों को मरीज की उम्र का ख्याल रखना चाहिए। इसके अलावा मरीज को मिर्गी की दवा देने से पहले उसके बीमारी के बारे में पता होना चाहिए। टीबी के मरीजों पर मिर्गी की दवा कम काम करती है। कहा कि मिर्गी की दवा कभी भी अचानक बद नहीं करनी चाहिए। ऐसा करने से परेशानी बढ़ सकती है।

गर्भनिरोधक दवाओं की क्षमता कम करती है मिर्गी की दवा

विशेषज्ञों ने कहा कि मिर्गी की दवाएं गर्भनिरोधक दवाओं की क्षमता कम कर देती हैं। ऐसे में मिर्गी की दवा खाने वाली महिला गर्भ निरोधी दवा खाने के बाद भी गर्भ धारण कर सकती हैं। मिर्गी की दवाओं का असर गर्भ में पल रहे भ्रूण पर भी पड़ सकता है। इसके अलावा मिर्गी की दवाओं का असर किडनी एव लिवर पर भी पड़ सकता है।


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