सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से ढाई लाख आबादी को मिलेगी राहत
बेउर में बन रहे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण भविष्य की आबादी को ध्यान में रखकर किया गया।
पटना। बेउर में बन रहे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण भविष्य की आबादी को ध्यान में रखकर किया जा रहा है। इससे आगे आने वाली 14 साल तक की आबादी को फायदा पहुंचेगा। आबादी के बढ़ जाने के बाद भी इस्तेमाल के बाद जो गंदा पानी निकलेगा उसे यह वाटर ट्रीटमेंट प्लांट साफ करने में सक्षम होगा। इसकी क्षमता प्रतिदिन 43 एमएलडी यानी 4 करोड़ 30 लाख लीटर गंदे पानी को साफ करने की है। तीन मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस प्लांट का उदघाटन कर सकते हैं। इसी को ध्यान में रखकर इसका निर्माण कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। 10 हजार 862 वर्गफीट में बन रहे इस प्लांट पर 77.85 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं। यह वार्ड संख्या 10, 11, 12, 13, 14 एवं 15 सहित लगभग 2.50 -3 लाख की आबादी के इस्तेमाल से निकले गंदे पानी को साफ करेगा। इसके लिए लगभग 180 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन बिछाई जा रही है। 1369 वर्गमीटर का चार टंकी बनाया गया है। गंदे पानी से निकले गाद को निकालने के लिए अलग से मशीन लगाई गई है। यहां से पानी साफ होकर बेउर से लगभग तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित बादशाही पइन में जाएगा, जिससे सिंचाई का काम होगा। यही नहीं यह पानी इतना साफ होगा कि इसे पीने और स्नान करने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत इस प्लांट का शिलान्यास 14 अक्टूबर 2017 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मोकामा में आयोजित सभा स्थल से किया गया था। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने की जिम्मेदारी वोल्टास को दी गई थी। 30 महीने में अर्थात 5 अक्टूबर 2019 तक काम को पूरा कर लेना है। साथ ही दस वर्षो तक इसका मेनटेनेंस भी इसी कंपनी को करना है।