ऐसे ही नहीं कराई जा रही यात्रा, स्वच्छता एवं सुरक्षा के कई चरणों से होकर गुजर रहीं ट्रेनें
पूर्व-मध्य रेल जोन की स्पेशल ट्रेनों की बोगियों को भी स्वच्छता एवं सुरक्षा के कई चरणों से गुजरना पड़ रहा है। इसके लिए सफाई कर्मी विशेष ध्यान रख रहे हैं।
पटना, जेएनएन। एक जून से पूर्व-मध्य रेल के राजेंद्रनगर टर्मिनल, पाटलिपुत्र, पटना, दानापुर, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, सहरसा आदि स्टेशनों से 24 जोड़ी स्पेशल ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है। इस दौरान यात्रियों को स्टेशनों पर 90 मिनट पहले पहुंच स्क्रीनिंग सहित अन्य कई जांच से गुजरना पड़ रहा है। वहीं पूर्व-मध्य रेल जोन की स्पेशल ट्रेनों की बोगियों को भी स्वच्छता एवं सुरक्षा के कई चरणों से गुजरना पड़ रहा है।
खाली रैक को प्लेटफॉर्म पर किया जाता सैनिटाइज
ट्रेनों के गंतव्य पर पहुंचने के बाद खाली रैक को प्लेटफॉर्म पर ही सैनिटाइज किया जा रहा है। इसके बाद ही रैक को पैडलॉक करने के बाद सफाई के लिए वाशिंग पिट भेजा जाता है। रैक के वाशिंग पिट में पहुंचने के बाद कोच के अंदर का सभी कचरा एक जगह एकत्रित करके उसपर सोडियम हाइपोक्लोराइट का छिड़काव करते हुए कीटाणुरहित किया जा रहा है।
दस्तानों और फेस कवर से लैस रहते हैं सफाईकर्मी
मेकेनाइज्ड सफाई से जुड़े सफाईकर्मी दस्ताने, फेस मास्क और फेस कवर पहने रहते हैं ताकि शौचालय के साथ-साथ कोचों की गहनतापूर्वक साफ-सफाई की जा सके। कोच में यात्रियों द्वारा सर्वाधिक प्रयोग में लाई जाने वाली जगहों की स्टीम क्लीनिंग की जा रही है। प्राथमिक रखरखाव के दौरान हर बार वातानुकूलित कोचों के सभी फिल्टर, ब्लोअर, पंखे आदि की सफाई की जा रही है। प्री-कूलिंग के पहले ब्लोअर को लगभग दो घंटे तक चालू रखा जाता है ताकि अगर उसके अंदर कीटाणु हों तो उन्हें समाप्त किया जा सके।
ट्रेन में ऑन ड्यूटी स्टाफ की स्क्रीनिंग के बाद ही तैनाती
शौचालयों में लगाये गए एग्जास्ट फैनों की बारीकी से सफाई करते हुए टॉयलेट को पूरी तरह कीटाणुरहित किया जा रहा है। ट्रेन में ऑन ड्यटी ओबीएचएस स्टाफ को स्क्रीनिंग के बाद ही तैनात किया जा रहा है। बीच रास्ते में भी कोचों में स्वच्छता बनी रहे इसके लिए तैनात सफाईकर्मी को फेस कवर, हैंडग्लव्स, फेस मास्क, सैनिटाइजर आदि पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराया जा रहा है।