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परदेस लौटने लगे प्रवासीः बिहार से दिल्ली मुंबई, हैदराबाद, चेन्नई व बंगलुरु जाने वाली ट्रेनें फुल

बिहार से प्रवासी अपने कार्यस्थल के लिए रवाना होने लगे हैं। मुंबई हैदराबाद चेन्नई कोलकाता बंगलुरु व पुणे के लिए जाने वाली ट्रेन तो सही बता रही है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Sun, 31 May 2020 03:05 PM (IST)Updated: Sun, 31 May 2020 03:05 PM (IST)
परदेस लौटने लगे प्रवासीः बिहार से दिल्ली मुंबई, हैदराबाद, चेन्नई व बंगलुरु जाने वाली ट्रेनें फुल
परदेस लौटने लगे प्रवासीः बिहार से दिल्ली मुंबई, हैदराबाद, चेन्नई व बंगलुरु जाने वाली ट्रेनें फुल
चंद्रशेखर, पटना। जिन्हें आना है, वह आ रहे और जिन्हें जाना है, वह जाने भी लगे हैं। कोरोना को लेकर भय कम हुआ और नौकरी का दबाव-जरूरत महसूस हुई तो बिहार से प्रवासी अपने कार्यस्थल के लिए रवाना होने को तैयार हैं। ट्रेनों में बुकिंग लगभग फुल है। पहली जून से मुंबई, हैदराबाद, चेन्नई, कोलकाता, बंगलुरु व पुणे के लिए शुरू होने वाली ट्रेनें भी 15 से 20 दिन तक के लिए नो रूम बता रही हैं। इन ट्रेनों में किसी भी श्रेणी में आरक्षित सीट उपलब्ध नहीं है। 
 
लौटने वाले ज्यादातर नौकरीपेशा

पहली जून से पाटलिपुत्र से लोकमान्य टर्मिनल के लिए चलने वाली 12142 एलटीटी सुपरफास्ट ट्रेन पूरे जून तक फुल हो चुकी है। इस ट्रेन से जाने वाले अधिकांश लोग नौकरीपेशा हैं। दानापुर से चलने वाली 12150 पुणे व 12792 हैदराबाद एक्सप्रेस में भी जून में टिकट मिलना मुश्किल है। पटना से मुंबई जाने वाली 13201 कुर्ला एक्सप्रेस में भी नौकरीपेशा लोगों की भीड़ है। दानापुर से चेन्नई व बंगलुरु के लिए चलने वाली 12296 संघमित्रा एक्सप्रेस से जाने वालों में नब्बे फीसद से अधिक लोग नौकरीपेशा हैं। चेन्नई व बंगलुरु में साफ्टवेयर कंपनी में काम करने वाले इंजीनियर व तकनीकी कर्मचारियों के साथ ही प्रबंधन व मार्केटिंग से जुड़े लोगों की भीड़ जाने लगी है। 

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परिवार संग भी वापसी

पटना से एसी स्पेशल ट्रेन से दिल्ली जा रहे वायरलेस कंपनी में काम करने वाले पीयूष राय ने बताया कि लॉकडाउन में पिछले दो माह से घर में फंस गए थे। दफ्तर खुल चुका है। परिवार के साथ वापस हो रहे हैं। बंगलुरु की वाटर प्यूरीफायर कंपनी में अफसर अदिति ने बताया कि वह पहली जून को ही संघमित्रा एक्सप्रेस से बंगलुरु जा रही है। पुणे के एक साफ्टवेयर कंपनी में तैनात राजधानी के कंकड़बाग निवासी साफ्टवेयर इंजीनियर राजेश रंजन ने बताया कि परिवार के साथ भतीजे की शादी में आया था। लॉकडाउन में फंस गया। 3 जून को वह वापस पुणे लौट रहा है। पटना से ही वर्क फ्रॉम होम के तहत काम कर रहा था। 

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