छठ को ले बिहार की ट्रेनें हाउसफुल, बसों की छत पर यात्रा करना मजबूरी
छठ महापर्व को लेकर बिहार आने वाले यात्रियों की संख्या इतनी ज्यादा है कि बिहार आने वाली सभी ट्रेनें हाउसफुल आ रही हैं। वहीं ट्रेन के अलावे बस में भी काफी भीड़ है।
पटना [जेएनएन]। छठ महापर्व में बिहार आने वालों की भीड़ का अंतिम चरण चल रहा है। देश के कोने-कोने से हजारों की संख्या में लोग अपने घर छठ पर्व मनाने आ रहे हैं। इसके कारण देश के हर कोने से आने वाली तमाम ट्रेनें पूरी तरह से हाउसफुल होकर आ रही हैं। किसी भी ट्रेन में एक इंच भी जगह नहीं मिल पा रही है।
नई दिल्ली से आने वाली अधिकांश ट्रेनों के टिकट निरीक्षक यात्रियों का टिकट जांच नहीं कर पा रहे हैं। शनिवार को दिल्ली से चलने वाली संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस के किसी भी कोच में तिल रखने की भी जगह नहीं थी।
हालत यह हो गई थी कि जिन यात्रियों ने चार माह पहले अपना आरक्षण करवा रखा था, उन्हें भी अपने बर्थ तक पहुंचने में घंटों मशक्कत करनी पड़ रही थी। जो यात्री दिल्ली स्टेशन पर थोड़ी देर से पहुंचे थे, उन्हें सामान लेकर ट्रेन के अंदर जाने में नाको चने चबाना पड़ रहा था। वहीं रेल अधिकारियों की मानें तो बिहार के लिए लगभग 40 पूजा स्पेशल ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है।
सौ से अधिक ट्रेनों में अतिरिक्त कोच की व्यवस्था की गई है। इसके बावजूद भीड़ नियंत्रित नहीं हो पा रही है। इतना ही नहीं ट्रेनों से आने वाले यात्री अपने-अपने गांव जाने के लिए बसों का सहारा ले रहे हैं। नतीजा यह है कि बसों की छतों पर भी यात्री सवार होकर यात्रा कर रहे हैं।
नई दिल्ली से पटना पहुंचे राजेश रंजन ने बताया कि उसने चार माह पूर्व ही संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस के एसी थ्री कोच में आरक्षण टिकट लिया था। शनिवार को जब दिल्ली स्टेशन पहुंचे तो पत्नी व बच्चों को लेकर कोच के अंदर पहुंचने में उन्हें काफी परेशानी झेलनी पड़ी। रात में सारे यात्री फर्श पर ही चादर बिछाकर सो गए थे। यात्रियों को बाथरूम जाने में सोए लोगों के शरीर पर चढ़कर जाना पड़ रहा था।
वहीं एस-4 कोच से आ रहे रमेश प्रसाद सिंह ने बताया कि वह पूरे परिवार के साथ पटना आए हैं। उनके साथ दो छोटे-छोटे बच्चे भी थे। बोगी में इतनी भीड़ थी कि उन्हें बर्थ पर पहुंचते-पहुंचते ट्रेन कानपुर पहुंच गई। उनके बर्थ पर इतने सारे यात्री बैठे हुए थे कि कोई हटने को भी तैयार नहीं था।
तीन-तीन बुजुर्ग महिलाएं सिमटकर बैठी थीं। आज उन्हें नहाय-खाय करना था। किसी तरह वह अपनी पत्नी व बच्चों को बर्थ पर बैठाने में सफल रहे। तब तक ट्रेन इलाहाबाद से निकल चुकी थी। ट्रेन से उतरने में भी भी उतनी ही परेशानी झेलनी पड़ी।
श्रमजीवी एक्सप्रेस से लखनऊ से पटना पहुंचे रामनाथ सिंह ने बताया कि अपना आरक्षित बर्थ रहने के बावजूद वह पूरी रात खड़ा होकर यात्रा करने को मजबूर रहा। बाथरूम में ठसाठस यात्री भरे हुए थे। जिन यात्रियों को वाश रूम जाने की इच्छा हो रही थी, वे बेचैन हो जा रहे थे। इतनी नारकीय स्थिति कभी देखने को नहीं मिली थी।
दिल्ली से पटना आने वाले ट्रेनों की स्थिति
12392 श्रमजीवी, 12394 संपूर्णक्रांति, 12424 गुवाहाटी राजधानी, 12310 पटना राजधानी, 12402 मगध, 15484 महानंदा, 22406 गरीब रथ, 12304 पूर्वा, 20502 अगरतला राजधानी 13414 फरक्का, 14056 ब्रह्म्पुत्र,12502 संपर्क क्रांति ,12506 नार्थइस्ट,13008 तूफान, 12488 सीमांचल एक्सप्रेस समेत स्पेशल ट्रेनों में नो रूम की स्थिति है। कहीं कोई बर्थ खाली नहीं है।
मुंबई की ओर से आने वाली ट्रेनों की स्थिति
15645 दादर गुवाहाटी, 12362 आसनसोल,13202 कुर्ला, 12141 एलटीटी, 12149 पुणे एक्सप्रेस,12741 वास्कोडिगामा एक्सप्रेस में कोई बर्थ खाली नहीं है।
12295 संघमित्रा, 22644 एरनाकूलम, 13240 कोटा एक्सप्रेस, 12792 सिकंदराबाद एक्सप्रेस पूरी तरह फुल हो चुकी है।
छठ के बाद पूरे नवंबर तक पटना से दिल्ली जाने वाले ट्रेनों की स्थिति
12391 श्रमजीवी, 12393 संपूर्णक्रांति, 12423 गुवाहाटी राजधानी, 12309 पटना राजधानी, 12401 मगध, 12367 विक्रमशिला एक्सप्रेस, 15483 महानंदा एक्सप्रेस, 22405 गरीब रथ, 12569 जयनगर गरीब रथ, 12303 पूर्वा एक्सप्रेस, 20501 अगरतल्ला राजधानी , 13413 फरक्का एक्सप्रेस, 14055 ब्रह्म्पुत्र एक्सप्रेस,12501 संपर्क क्रांति एक्सप्रेस, 12505 नार्थइस्ट एक्सप्रेस, 13007 तूफान, 12487 सीमांचल एक्सप्रेस पूरी तरह फुल हो चुकी है।
पटना से मुंबई की ओर से जाने वाली ट्रेनों की स्थिति
15646 दादर गुवाहाटी, 12361 आसनसोल एक्सप्रेस, 13201 कुर्ला एक्सप्रेस, 12142 एलटीटी एक्सप्रेस, 12150 पुणे एक्सप्रेस,12742 वास्कोडिगामा एक्सप्रेस चार माह पहले से ही हाउसफुल हो चुकी है।
12296 संघमित्रा, 22643 एर्नाकुलम, 13239 कोटा, 12791 सिकंदराबाद एक्सप्रेस समेत अन्य ट्रेनें पूरी तरह फुल हो चुकी हैं।