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बिहार आने-जाने वाली ट्रेनें चल रहीं छह से 14 घंटे लेट, जानिए वजह

बिहार से जाने वाली और साथ ही बिहार आने वाली कई ट्रेनें 6-14 घंटे लेट चल रही हैं, जिसकी वजह से यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Thu, 26 Apr 2018 03:47 PM (IST)Updated: Fri, 27 Apr 2018 10:25 PM (IST)
बिहार आने-जाने वाली ट्रेनें चल रहीं छह से 14 घंटे लेट, जानिए वजह
बिहार आने-जाने वाली ट्रेनें चल रहीं छह से 14 घंटे लेट, जानिए वजह

पटना [जेएनएन]। पूर्व की तरफ जाने वाली ट्रेनों के छह से 14 घंटे की देरी से चलने के कारण उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल जाने वाले यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। राजधानी एक्सप्रेस को छोड़कर अधिकतर ट्रेनें छह से 14 घंटे की देरी से चल रही हैं।

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रेलवे के ‘नेशनल ट्रेन इन्क्वायरी सिस्टम (एनटीईएस)’ में अपडेट जानकारी के अनुसार पूर्व की तरफ जाने वाली गाड़ियां छह से 14 घंटे की देरी से चल रही हैं।

सप्तक्रांति सुपरफास्ट, बिहार संपर्कक्रांति, लिच्छवी एक्सप्रेस, चंपारण हमसफर एक्सप्रेस, स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस, गरीब रथ, संपूर्ण क्रांति, तूफान एक्सप्रेस एवं दुरंतो एक्सप्रेस प्रमुख हैं। इनमें से कुछ गाड़ियां प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से होकर गुजरती हैं।

स्टेशनों पर गाड़ियों के आगमन एवं प्रस्थान का सही समय बताने वाली एनटीईएस से प्राप्त जानकारी के अनुसार गाड़ियां 9 से 22 घंटे तक की देरी से गंतव्य तक पहुंच रही है जबकि 7 से 11 घंटे तक की देरी से दिल्ली आ रही है।

भागलपुर से नई दिल्ली जाने वाले एक यात्री धर्मेंद्र झा ने बताया कि मेरा आज गरीब रथ का टिकट था, सुबह पता चला कि ट्रेन कैंसिल हो गई है। अचानक ट्रेन के कैंसिल होने की वजह से मेरा सारा प्लान गड़बड़ हो गया। मुझे दिल्ली पहुंचना जरूरी था, लेकिन अब मैं आज तो नहीं जा सकूंगा।

उन्होंने बताया कि काफी मशक्कत के बाद मैंने कल विक्रमशिला एक्सप्रेस का टिकट लिया है, लेकिन इसकी वेटिंग लिस्ट काफी लंबी है। अब पता नहीं यह ट्रेन भी कब पहुंचाएगी?

उन्होंने बताया कि दिल्ली से भागलपुर आने के क्रम में भी जिस दिन मेरा टिकट था गरीब रथ उस दिन भी कैंसिल हो गई थी। फिर दूसरे दिन गरीब रथ से ही आया, बहुत परेशानी हुई।

विभाग का ध्यान फिलहाल रखरखाव पर है

रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार विभाग का ध्यान फिलहाल रखरखाव पर है। रखरखाव और सुरक्षा के अलावा ट्रेनों की गति बढाने के लिए रेलवे पटरियों के अनुरक्षण का काम हो रहा है और इस कारण ट्रेनों के परिचालन में देरी हो रही है।

रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी ने ट्रेनों के विलंब से चलने पर इस बात को स्वीकार किया है कि पूरे देश में 65 फीसद ही ट्रेनों की पंक्चुअलिटी मेंटेन हो रही है। 

इनमें से कई ट्रेनें तो मुगलसराय तक लगभग सही समय अथवा थोड़े लेट से पहुंचती है परंतु मुगलसराय से पटना आते-आते यह काफी लेट हो जाती है। 

पिछले सात वर्षों से लगातार विलंब से चलने का रिकार्ड बनाने वाली नई दिल्ली इस्लामपुर 12402 मगध एक्सप्रेस कोहरे के दौरान भी छह से आठ घंटे तक लेट चलती थी और कोहरा छंटने के बाद आज भी यह पांच-पांच घंटे लेट पहुंच रही है। इस ट्रेन के बारे में अब तो यह कहा जाने लगा है कि जब यह सही समय से पहुंचने लगेगी तो कई लोगों की ट्रेन छूट जाएगी। 


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