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Bharat Bandh Video बिहार में बंद का मिला-जुला असर, कहीं सड़क रहा जाम, कहीं पुलिस से भिड़े छात्र

Bharat Bandh Bihar विभिन्न ट्रेड यूनियनों के द्वारा आहूत भारत बंद का बिहार में मिला-जुला असर दिखा। बंद समर्थकों ने कई जगह ट्रेनें रोककर नारेबाजी की तो कहीं सड़क जाम किया।

By Kajal KumariEdited By: Published: Wed, 08 Jan 2020 08:12 AM (IST)Updated: Wed, 08 Jan 2020 11:26 PM (IST)
Bharat Bandh Video बिहार में बंद का मिला-जुला असर, कहीं सड़क रहा जाम, कहीं पुलिस से भिड़े छात्र
Bharat Bandh Video बिहार में बंद का मिला-जुला असर, कहीं सड़क रहा जाम, कहीं पुलिस से भिड़े छात्र

पटना, जेएनएन। Bharat Bandh, देश के विभिन्न केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने मंगलवार को भारत बंद किया था जिसका बिहार में भी मिला-जुला असर दिखा। कहीं ट्रेनें रोककर नारेबाजी की गई तो कहीं सड़क जाम कर प्रदर्शन किया गया। पटना में छात्रों से पुलिस की झड़प हो गई। कुल मिला कर बंद शांतिपूर्ण रहा। अपने 17 सूत्री मांगों को लेकर 10 प्रमुख ट्रेड यूनियनों की हड़ताल को बिहार-झारखंड के कई संगठनों ने समर्थन किया था और इस बंद में देश में करीब 25 करोड़ लोग शामिल हुए थे।

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पटना में पुलिस से भिड़े  AISF के छात्र

पटना में AISF छात्र संगठन ने राजेंद्रनगर में जमकर हंगामा मचाया। हंगामे के दौरान छात्रों और पुलिस के बीच तीखी झड़प के बाद मारपीट हो गई। घटनाक्रम पर पुलिस के जवानों ने आरोप लगाया है कि बंद समर्थ छात्रों ने पुलिस से हथियार छीनने की कोशिश की। इसके बाद पुलिस ने AISF के राज्य सचिव सुशील सहित दो अन्य लोगों को गिरफ्तार किया।

पटना के डाकबंगला चौराहे पर ट्रेड यूनियनों का प्रदर्शन, पूरा चौराहा जाम, महिला पुलिस और प्रदर्शनकारियों में तीखी झड़प, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाया।

ट्रेड यूनियनों के दस संगठन बंद में शामिल रहे। बिहार में भी हड़ताल को लेकर ट्रेड यूनियनों ने बैंकों में कामकाज ठप रखा। बंद में एसबीआइ और निजी बैंकों ने ट्रेड यूनियनों का साथ नहीं दिया। 

 

ट्रेड यूनियनों ने किया था आह्वान

केंद्रीय कर्मचारी महासंघ, बैंक यूनियन और वामपंथी पार्टियों ने देशव्यापी आम हड़ताल का आह्वान किया था। खासकर बैंकों, औद्योगिक प्रतिष्ठानों और जीवन बीमा निगम समेत अन्य केंद्र व राज्य सरकार के कार्यालयों में काम-काज प्रभावित रहा। राजधानी पटना में हड़ताल समर्थकों ने सुबह साढ़े आठ-नौ बजे से ही जुलूस निकाला और केंद्र सरकार की नीतियों को जनविरोधी बताते हुए नारे लगाये। डाकबंगला चौराहा, पटना जंक्शन और कारगिल चौक, मीठापुर बस स्टैंड पर अच्छी-खासी संख्या में बंद समर्थकों ने प्रदर्शन किया। वहीं राजेंद्र नगर टर्मिनल पर बंद समर्थकों ने रेलवे ट्रैक पर जाकर प्रदर्शन किया जिसे पुलिस ने खदेड़ दिया। इस दौरान बंद समर्थकों और पुलिस बलों के बीच नोंकझोक भी हुई। पुलिस ने दर्जन से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया। 

कई सड़क जाम, तो कहीं ट्रेन परिचालन बाधित

समस्तीपुर में देशव्यापी बंद को लेकर प्रदर्शनकारी सड़क पर उतरे तो दरभंगा -पटना मार्ग को ओवरब्रिज के पास जाम किया। पटना के बाढ़ में भारत बंद को लेकर सड़क पर वामपंथी उतरे। वहीं, विभिन्न संगठनों के आह्वान पर आयोजित आंदोलन को लेकर जुलूस निकला। कटिहार के शहीद चौक को प्रदर्शनकारियों ने जाम किया। ट्रेड यूनियनों के भारत बंद का गया में भी असर दिखा। विभिन्न संगठनों ने बंद को अपना समर्थन देते हुए शहर को बंद कराया। बैंकों के कार्यालय के सामने जमकर नारेबाजी की। इसी तरह, जहानाबाद में मजदूरों ने NH-83 और NH-110 को जाम किया। बेगूसराय में ट्रेड यूनियन हड़ताल समर्थकों ने बस स्टैंड के पास एनएच 31 को जाम किया। मोतिहारी में भी ट्रेड यूनियनों के भारत बंद का असर दिखा। हालांकि, सीतामढ़ी में बंद का कोई खास असर नहीं दिखा। शहर में बाजार-दुकान बंद रहे। बंद का बैंकिंग-ट्रांसपोर्ट से लेकर परीक्षाओं पर भी असर पड़ा।आरा में देशव्यापी हड़ताल को लेकर बुधवार की सुबह भाकपा-माले कार्यकर्ता सड़क पर उतर गए। शहर के पटेल बस पड़ाव के समीप आरा-पटना राजमार्ग को जाम कर किया विरोध प्रदर्शन। परिचालन अवरूद्ध रहा।

 

सड़क पर उतरे वामदल

भाकपा माले के राज्य सचिव कुणाल व पोलित ब्यूरो के सदस्य धीरेंद्र झा, भाकपा के राज्य सचिव सत्यनारायण सिंह, माकपा के प्रदेश सचिव अवधेश कुमार और जिला सचिव मनोज कुमार चंद्रवंशी, एटक के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार, उपमहासचिव गजनफर नवाब, डीपी यादव, कुमार विन्देश्वर व कौशलेंद्र वर्मा, सीटू के  महासचिव गणेश शंकर सिंह, एक्टू के  महासचिव आरएन ठाकुर, एआइटीयूसी के सचिव सूर्यकर, जितेन्द्र, यूटीयूसी के विजेंद्र महतोऔर इंटक के राज्य अध्यक्ष चन्द्रप्रकाश सिंह के नेतृत्व में राजधानी पटना के अलग-अलग मार्गों पर जुलूस निकाला गया। यह जुलूस डाकबंगला चौराहा पर समाप्त हुआ। हालांकि इस दौरान जाम का नजारा भी दिखा।

भाकपा-माकपा ने बंद को बताया सफल

माकपा के राज्य सचिव अवधेश कुमार और एटक के उपमहासचिव गजनफर नवाब ने आम हड़ताल को सफल बताते हुए कहा कि केंद्र सरकार की किसान-मजदूर, छात्र-नौजवान और कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ के साथ-साथ  नागरिकता संशोधन कानून, एनआरसी तथा एनपीआर के मुद्दे को लेकर देशव्यापी आम हड़ताल सफल रहा। बस पड़ावों, आटो स्टैंड समेत अन्य यातायात के स्थलों पर बंद का असर रहा। इसमें बिहार सरकार के कर्मचारियों ने भी हिस्सा लिया। भाकपा के राज्यसचिव सत्यनारायण सिंह ने आम हड़ताल को सफल बताते हुए कहा कि बंद के दौरान केंद्र एवं राज्यसरकार के दफ्तरों, औद्योगिक प्रतिष्ठानों, बैंकों एवं बीमा कंपनियों में सन्नाटा पसरा रहा और कर्मचारियों ने सड़कों पर उतरकर केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ नारेबाजी की।

बंद समर्थकों की प्रमुख मांगें-

  • सभी के लिए न्यूनतम वेतन 21 हजार रुपये प्रतिमाह तय करने
  • संविदा, आउटसोर्सिंग और ठेका पर बहाल कर्मियों की सेवा नियमित करने
  • आगंनबाड़ी सेविका, आशा कर्मी, रसोईया आदि कर्मियों की सेवा स्थायी करने और बोनस तथा भविष्य निधि की अदायगी का प्रावधान करने
  • सभी के लिए ग्रेच्यूटी का भुगतान 45 दिन प्रति वर्ष के हिसाब करने
  • सबके लिए पेंशन सुनिश्चित करने
  • सभी को न्यूनतम दस हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन की व्यवस्था करने
  • केंद्र और राज्य के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम तत्काल लागू करने
  • केंद्र व राज्य सरकार के रिक्त पदों को स्थायी सेवा के तहत भरने

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