मिशन 2019: कुछ पुराने तो होंगे ही दर बदर, नए को भी नहीं मिलेगा ठिकाना, जानिए
बिहार में टिकटों के लिए घमासान दोनों गठबंधन में देखने को मिल सकती है। एक ओर जहां पुराने उम्मीदवार दर-बदर होंगे ही, नए उम्मीदवारों को भी ठिकाना नहीं मिलेगा। जानिए इस खबर में...
पटना [अरुण अशेष]। लोकसभा चुनाव सिर पर है। नौजवानों का दिल टिकट के लिए मचल रहा है। इधर हर दल की झोली में पहले से कम सीटें हैं। पिछली बार चुनाव लड़े बड़े दलों के उम्मीदवार नाउम्मीद हैं। कई मौजूदा सांसद भी टिकट के लिए अनुष्ठान कर रहे हैं। ऐसे में नए उम्मीदवारों के लिए अधिक गुंजाइश नजर नहीं आ रही है। दो चुनावों के बीच कुछ नए दल वजूद में आए। इन दलों के संस्थापक दूसरों को कहां से टिकट देंगे, खुद अपनी जीत के लिए ये बड़े दलों का मुंह ताक रहे हैं।
सीटों की कमी को इस तरह समझिए। 2014 में जदयू अकेले 38 सीटों पर लड़ा था। इस साल सिर्फ 17 सीटों पर लड़ेगा। कुल 21 उम्मीदवारों की गुंजाइश जदयू में ही खत्म हो गई है। 30 उम्मीदवार उतारने वाली भाजपा दूसरे नम्बर पर थी। वह भी 17 सीटों पर लड़ेगी। यहां 13 उम्मीदवारों के लिए रास्ता बंद हो चुका है।
भाजपा कुछ सिटिंग सांसदों को बेदखल करने का मन बना रही है। फिर भी अधिक उम्मीदवार की गुंजाइश नहीं दिख रही है। तीसरे नम्बर राजद था। उसके 27 उम्मीदवार थे। अबकी सात सीट कम होने की संभावना है। राजद के पास पूर्व सांसदों और पूर्व उम्मीदवारों की फौज है।
हालांकि, विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव नौजवानों को टिकट देने का वादा कर रहे हैं। यह हुआ तो दल में नए-पुराने के बीच भीषण संघर्ष की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है। 2014 के चुनाव में दर्जन भर सीटों के लिए उम्मीदवार नहीं जुटा पाई कांग्रेस में बेशक नए लोगों के लिए जगह बन सकती है। लेकिन, ये कांग्रेस के लिए भले नए हों, राजनीति के पुराने चेहरे ही होंगे।
दो चुनावों के बीच वजूद में आई पार्टियां-हम और वीआइपी का किस्सा और दिलचस्प है। इनके संस्थापकों की पहली चिन्ता यह है कि कैसे उनका बेड़ा पार हो जाए। ऐसे में इन दलों में युवा और नए चेहरे के लिए जगह नहीं बन रही है।
कहा-भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने
-सीटें कम हैं। हम इसी में बुजुर्गों के अनुभव और युवाओं की ऊर्जा के बीच समन्वय बनाकर टिकट का निर्धारण करेंगे। एनडीए का लक्ष्य राज्य की सभी 40 सीटों पर जीत हासिल करना है।
-नित्यानंद राय, सांसद एवं प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा
कहा-जदयू के प्रदेश अध्यक्ष ने
-युवा हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं। सीट कम होने के बावजूद जदयू से युवाओं को टिकट देना हमारी प्राथमिकता होगी।
वशिष्ठ नारायण सिंह, सांसद एवं प्रदेश अध्यक्ष, जदयू