नालंदा में बेटी होने पर बोरे में भरकर दिया फेंक, रोने की आवाज सुन राहगीरों ने बचा ली जान
नालंदा के एकंगरसराय स्थित पिरोजा पुल के निकट एक नवजात के रोने की आवाज सुनकर उसकी जान बचा ली गई। उसे बोरे में भरकर फेंक दिया गया था।
नालंदा, जेएनएन। जिले से इंसानियत को शर्मसार करने वाली खबर सामने आई है। रविवार की देर रात एकंगरसराय स्थित पिरोजा पुल के निकट एक नवजात के रोने की आवाज अचानक आने लगी। इसपर आसपास के लोग बच्चे की खोजबीन में जुट गए। इसी क्रम में एक बोरे के अंदर से नवजात के रोने की आवाज सुनाई दी। बोरे को खोला गया उसमें से नवजात बच्ची मिली। नवजात बच्ची मिलने की जानकारी जिला परिषद प्रतिनिधि ने स्थानीय पुलिस को दी गई। तत्काल पुलिस मौके पर पहुंचकर नवजात को अपने कब्जे में लेकर उसकी स्वास्थ्य जांच कराई।
कुछ ने की अपनाने की बात पर बेटी जानकर हटे पीछे
वहीं सोमवार को एकंगरसराय पुलिस ने नवजात को बिहारशरीफ स्थित सीडब्लूसी (चाइल्ड वेलफेयर सेंटर) को सौंप दिया। मानवता को शर्मसार करने वाली इस घटना को देख सभी लोग उस परिवार को कोस रहे थे, जिन्होंने नवजात को बोरे में डालकर मरने के लिए फेंक दिया था। स्थिति यह देखी गई कि कुछ लोग जो बच्चे को अपनाने की बात कर रहे थे, उन्हें जैसे ज्ञात हुआ कि नवजात बच्ची है, वे पीछे हट गए। वहीं कुछ लोग नवजात से हमदर्दी दिखाते हुए कह रहे थे कि लोक-लाज के डर से किसी कुंवारी मां ने अपनी संतान को न चाहते हुए फेंक दिया होगा।
लिंग-भेद के कारण हत्या के प्रयास का मामला
प्रसव के जानकार कह रहे थे कि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि इस नवजात का जन्म किसी सरकारी या प्राइवेट अस्पताल में हुआ होगा। क्योंकि नवजात की नाभी में ब्लू रंग की प्लास्टिक का टैग लगा हुआ है, यह सीधे तौर पर लिंग-भेद के कारण हत्या के प्रयास का मामला है। स्थानीय लोगों का कहना था कि इस प्रकार की नवजात के हत्या का प्रयास और कोई नहीं करे, इसके लिए पुलिस को गंभीरता के साथ मामले की तह में जाना चाहिए। इसके लिए दोषी जो भी हो उसके विरुद्ध कार्रवाई की जानी चाहिए।