Move to Jagran APP

विडियो देख ब्लैंक को बनाते थे असली डेबिट कार्ड फिर होती थी पैसे की निकासी

नासिक के पिंपलगांव थाना क्षेत्र में एटीएम कार्ड की क्लोनिंग कर पांच लोगों के खाते से उड़ाने वाले गिरोह के सदस्य को गिरफ्तार कर लिया है।

By Edited By: Published: Fri, 05 Apr 2019 10:57 PM (IST)Updated: Sat, 06 Apr 2019 09:47 AM (IST)
विडियो देख ब्लैंक को बनाते थे असली डेबिट कार्ड फिर होती थी पैसे की निकासी
विडियो देख ब्लैंक को बनाते थे असली डेबिट कार्ड फिर होती थी पैसे की निकासी
पटना, जेएनएन। नासिक के पिंपलगांव थाना क्षेत्र में एटीएम कार्ड की क्लोनिंग कर पांच लोगों के खाते से लाखों रुपये उड़ाने वाला शातिर जावेद नासिक पुलिस के शिकंजे में है। नासिक पुलिस उसे चार दिन की ट्रांजिट रिमांड पर साथ लेकर चली गई। वह एसएससी की तैयारी के नाम पर राजधानी के सब्जीबाग स्थित लॉज में कमरा लेकर रहता था। लेकिन काम एटीएम कार्ड की क्लोनिंग कर कैश उड़ाने का था।

पुलिस की पूछताछ में उसने बताया कि मो. जावेद खान (हमनाम) उसका बॉस है। जावेद का काम था एटीएम में घुसकर पैसा निकालने वालों का करीब से वीडियो बनाना। फिर मो. जावेद वीडियो से कार्ड नंबर और पिन कोड को एमएसआर मॉडल की क्लोनिंग मशीन की मदद से ब्लैंक डेबिट कार्ड में डाटा अपलोड करता था। ब्लैंक को असली कार्ड बनाने के बाद ऑनलाइन शॉपिंग या फिर कैश की निकासी करता था। गिरोह सौ से अधिक लोगों को शिकार बना चुका है।

सॉफ्टवेयर में अपलोड करते थे नंबर, ऐसे करते थे क्लोनिंग
जावेद (पिता वाजिद खान) मूल रूप से गया के फतेहपुर थाना क्षेत्र के मझौंली गांव का निवासी है। उसका बॉस मो. जावेद खान भी उसी गांव का रहने वाला है। जावेद पिछले ढाई साल से राजधानी के लॉज में रह रहा था। सात माह पूर्व उसका बॉस मो. जावेद भी उसके साथ लॉज में रहने लगा। तब मो. जावेद ने उससे कहा कि प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में क्या है, मेरे लिए काम करो हर महीने बीस से पचास हजार रुपए मिलेंगे। जावेद को उसके बॉस ने अच्छी क्वालिटी के कैमरे वाला एक मोबाइल दिया। मो. जावेद के कहने पर जावेद दिनभर में पांच से छह एटीएम में जाता था। उस दौरान उसके मोबाइल का कैमरा ऑन रहता था। एटीएम में पैसा निकलाने वाले के पीछे वह खड़ा हो जाता था।

उपभोक्ता द्वारा डेबिट कार्ड एटीएम में डालने से लेकर निकालने तक की वह पूरी रिकॉर्डिग करता था। फिर वह शाम को लॉज आता था। मोबाइल मो. जावेद को देता था। मो. जावेद लैपटॉप में मोबाइल का वीडियो अपलोड करता था। वीडियो को जूम करके पता करता था कि डेबिट कार्ड के ऊपर लिखे नंबर, वैलिडिटी डेट और फिर की-बोर्ड के जरिए डाले गए पिन कोड भी नोट करता था। ऐसा हर दिन नहीं होता था। आठ से से दस लोगों की रिकॉर्डिग में एक या दो लोग उसके शिकार होते थे।

मो. जावेद लैपटॉप से क्लीनिंग डिवाइस को कनेक्ट करता था। इसके जरिए वह किसी भी पुराने डेबिट कार्ड का पूरा नंबर और डाटा क्लीन कर देता था। डाटा क्लीन करने के बाद एटीएम में घुसकर रिकॉर्डिग किए गए डेबिट कार्ड के डिटेल को लैपटॉप में एक सॉफ्टवेयर के जरिए अपलोड करता था। फिर मॉडल नंबर एमएसआर 605 क्लोनिंग मशीन को लैपटॉप से कनेक्ट करता था। फिर वीडियो रिकॉर्डिग वाली जानकारी उस डेबिट कार्ड में अपलोड कर क्लोन डेबिट कार्ड तैयार कर देता था।

सीसीटीवी से मिल गया तीन जालसाजों का स्पष्ट फुटेज
एक माह पूर्व दोनों जावेद नासिक घूमने गए थे। साथ में लैपटॉप और डिवाइस भी ले गए थे। नासिक पहुंचने के दूसरे दिन जावेद अपने काम में जुट गया। वह नासिक के ग्रामीण इलाके में पिंपलगांव थाना क्षेत्र पहुंचा। वहां मो. जावेद के दो अन्य साथी भी पहुंचे थे। जावेद सहित तीनों मिलकर नौ एटीएम में गए और 13 लोगों को एटीएम से कैश निकालते हुए मोबाइल में रिकॉर्डिग की। फिर शाम को होटल में ठहरे अपने बॉस मो. जावेद के पास पहुंचे। बॉस ने रिकॉर्डिग में मिले पांच एटीएम कार्ड के डिटेल से क्लोन एटीएम कार्ड तैयार किए। आधी रात में तीन एटीएम से करीब दो लाख रुपये की शॉपिंग और कुछ बैंक खाता में ट्रांसफर कर दिया। इसके बाद दोनों जावेद पटना और उसके दोनों साथी नासिक में ही ठहर गए।पिंपलगांव थाने में केस दर्ज हुआ। पुलिस जांच करते हुए संबंधि एटीएम तक पहुंची। फुटेज में देखा गया कि एक युवक एटीएम में डेबिट कार्ड डाल रहा है और उसके पीछे एक युवक डेबिट कार्ड और एटीएम मशीन के की-बोर्ड की मोबाइल में वीडियो रिकॉर्डिग कर रहा है।

एक गलती से मिला सुराग, नासिक पुलिस पहुंची सब्जीमंडी
दरअसल मो. जावेद ने एटीएम कार्ड क्लोनिंग कर नासिक में ही कैश निकाल लिया। इसमें जावेद को बीस हजार हिस्सा दिया और 60 हजार रुपये खुद रख लिए। बाकी रकम अपने दोनों साथियों के खाते में ट्रांसफर कर दी। पुलिस ने जब पीड़ित युवक के खाते की जांच की तो बीस-बीस हजार रुपये दो लोगों के खाते में ट्रांसफर होने की जानकारी मिली। पुलिस नासिक में संबंधित बैंक की शाखा पहुंची। बैंक अधिकारियों से बातचीत में पता चला कि दोनों खाताधारकों ने दो मोबाइल नंबर भी खाता खोलने के दौरान दर्ज कराए थे। जांच में पता चला कि एक मोबाइल नंबर चालू है, जिस पर एक दिन पहले ही कैश ट्रांजैक्शन का मैसेज भी बैंक से भेजा गया था। पुलिस ने उस मोबाइल नंबर की जांच कर किसी मुन्ना नाम के युवक को पकड़ लिया।


मुन्ना ने पूछताछ में नासिक पुलिस को दोनों जावेद के बारे में जानकारी दी। साथ ही सब्जीबाग में लॉज से लेकर कमरा नंबर तक बता दिया। फिर नासिक पुलिस गुरुवार को सादे लिबास में पीरबहोर स्थित लॉज पहुंची। जावेद तो दबोच लिया गया, लेकिन उसका बॉस मो. जावेद फरार हो गया। गिरफ्तार जावेद ने बताया कि पटना में भी वह कई एटीएम कार्ड की क्लोनिंग कर चुका है। गिरोह हर महीने दो से तीन लाख रुपये की जालसाजी करता है।

देशभर में नेटवर्क, दिल्ली से भी पकड़ा गया गिरोह
एटीएम में पैसा निकलाने वाले का वीडियो बनाकर पासवर्ड पताकर डेबिट कार्ड की क्लोनिंग करने वाले एक गिरोह के तीन जालसाजों को दिल्ली मेट्रो पुलिस ने 15 फरवरी को गिरफ्तार किया था। इनकी पहचान गया निवासी नीतीश कुमार, मुकेश कुमार और नवीन कुमार के रूप में हुई। उनके पास से भी 13 क्लोन किए गए डेबिट कार्ड, एक स्किमिंग डिवाइस मिली थी। इस गिरोह से भी मो. जावेद का कनेक्शन बताया जा रहा है।

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.