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पटना में रेमडेसिविर की कालाबाजारी करने वाले अस्‍पताल के निदेशक और रिश्‍तेदार को जेल

Bihar CoronaVirus News पटना में हॉस्पिटल की आड़ में 48 रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी में जेल गए तीनों आरोपित गांधी मैदान थाने में रेनबो हॉस्पिटल के निदेशक एजेंट एमआर के खिलाफ केस दर्ज भेजे गए जेल ईओयू लगातार कर रहा कार्रवाई

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Sat, 08 May 2021 08:10 AM (IST)Updated: Sat, 08 May 2021 08:10 AM (IST)
पटना में रेमडेसिविर की कालाबाजारी करने वाले अस्‍पताल के निदेशक और रिश्‍तेदार को जेल
पटना में रेमडेसिविर की कालाबाजारी के मामले में तीन लोग भेजे गए जेल। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, जागरण संवाददाता। Bihar CoronaVirus News: मेडिकल ऑक्सीजन, रेमडेसिविर इंजेक्शन सहित अन्य जीवनरक्षक दवाओं की कालाबाजारी पर नकेल कसने में जुटी आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने राजधानी के एसपी वर्मा रोड स्थित रेनबो हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. अशफाक अहमद, एजेंट अल्ताफ अहमद और मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव (एमआर) राजू कुमार के खिलाफ संगीन धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कराई है। शुक्रवार को गांधी मैदान थाने की पुलिस ने तीनों से पूछताछ के बाद मेडिकल जांच करा उन्हें जेल भेज दिया। ईओयू के साथ ड्रग विभाग भी इंजेक्शन की कालाबाजारी की जांच में जुटा है।

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एमआर निदेशक तक उपलब्ध कराता था रेमडेसिविर

पूछताछ में पता चला कि राजू ही अस्पताल के निदेशक तक इंजेक्शन उपलब्ध कराता था। अब तक वह निदेशक और एजेंट के साथ मिलकर 48 रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी कर चुका है। इंजेक्शन को अस्पताल के नाम पर उठाया जाता था, पर अस्पताल के मेडिकल फार्मा के स्टॉक में जाने की बजाय वह सीधे एजेंट या निदेशक को सौंप देता था। जरूरतमंद को एक इंजेक्शन 50 हजार से 70 हजार रुपये में बेचा गया है।

कई अस्पताल व दवा दुकानदारों की अटकी सांस

ग्राहक बनकर जिस तरह ईओयू की टीम रेनबो हॉस्पिटल तक पहुंच गई और कार्रवाई हो गई, उसके बाद से कई निजी अस्पताल के पदाधिकारियों से लेकर उनके संपर्क में रहने वाले अन्य एमआर की सांसें भी अटक गई हैं। गिरफ्तार एमआर और एजेंट ने अन्य कुछ लोगों का नाम लिया है। ईओयू उसकी जांच में जुट गई है। ऐसा माना जा रहा है कि जल्द ही कुछ और अस्पताल से लेकर दवा दुकानों पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है। इस कार्रवाई के बाद बड़े रैकेट का जल्द ही भंडाफोड़ हो सकता है।

अधिकारी ने क्‍या कहा

ईओयू के एडीजी नैयर हसनैन खान ने बताया कि हॉस्पिटल के निदेशक की वित्तीय जांच शुरू होगी। कुछ अन्य दस्तावेज भी हाथ लगे हैं। जीवनरक्षक दवा, इंजेक्शन और मेडिकल ऑक्सीजन की कालाबाजारी करने वाले बच नहीं पाएंगे।


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