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एटीएम कार्ड पिन कोड पूछ जालसाजी करने वाले तीन ठग गिरफ्तार

पटना : बैंक अधिकारी बन एटीएम कार्ड पिन कोड और ओटीपी नंबर पता कर खाते से रकम उड़ाने वाले गैंग के तीन सदस्य गिरफ्तार।

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Sep 2018 10:16 PM (IST)Updated: Tue, 11 Sep 2018 10:16 PM (IST)
एटीएम कार्ड पिन कोड पूछ जालसाजी करने वाले तीन ठग गिरफ्तार
एटीएम कार्ड पिन कोड पूछ जालसाजी करने वाले तीन ठग गिरफ्तार

पटना : बैंक अधिकारी बन एटीएम कार्ड पिन कोड और ओटीपी नंबर पता कर खाते से रकम उड़ाने वाले तीन साइबर ठगों को गांधी मैदान थाने की पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार राजू और हर्षित मरांची और अमित कुमार जमुई के निवासी हैं। पूछताछ में तीनों ने बताया कि उनका गिरोह स्वाइप सिस्टम और एटीएम में स्किमर सेट कर डेबिट कार्ड की क्लोनिंग कर लाखों रुपये की निकासी कर चुका है। तीनों के पास से चार लाख रुपये कैश, दो दर्जन विभिन्न बैंकों के क्लोन एटीएम कार्ड, कार, सोने की चेन और एक लॅपटॉप भी बरामद हुआ है। एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि पूछताछ में पता चला कि गिरोह का सरगना दीपक है, जिसकी तलाश में पुलिस बरबीघा में दबिश दे रही है।

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गिरोह में दो दर्जन से अधिक जालसाज :

अमित ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि गिरोह में दो दर्जन से अधिक लोग शामिल हैं। उसने बताया कि अब तक तीन दर्जन से अधिक लोगों के खाते से रकम उड़ा चुके हैं। गिरोह राज्य भर में एक दर्जन से अधिक क्लोन एटीएम बनाकर पांच लाख रुपये की निकासी कर चुका है। गिरोह का कनेक्शन जामताड़ा से भी है। दूसरे राज्यों के बैंक उपभोक्ताओं के साथ भी फर्जीवाड़ा कर चुके है। पुलिस इनके पास से बरामद लैपटॉप की जांच कर रही है।

: क्या है एटीएम स्किमिंग :

एटीएम स्किमिंग आपके डेबिट कार्ड की जानकारी की चोरी है। इसमें एक छोटी सी डिवाइस का इस्तेमाल होता है। इसे स्किमर कहते है। इसका उपयोग एटीएम ट्रांजैक्शन के दौरान कार्ड की जानकारी चुरा लेने के लिए किया जाता है। जैसे ही कार्ड को मशीन पर स्वाइप किया जाता है, स्किमर डिवाइस कार्ड मैग्नेटिक पट्टी स्टोर जानकारी को कैप्चर कर लेता है।

दीपक तैयार करता है क्लोन एटीएम कार्ड :

पूछताछ में जालसाजों ने बताया कि दीपक गिरोह का सरगना है और वहीं क्लोन कार्ड तैयार करने का मास्टरमाइंड भी। ठगों ने बताया कि कई तरह की कार्ड स्किमर डिवाइस होती है, जिनके अंदर क्रेडिट कार्ड स्वाइप करने पर उस कार्ड की सारी जानकारी आपके कम्प्यूटर या लैपटॉप में आ जाती है। इसके बाद एक खाली कार्ड लिया जाता है और एडवांस्ड तरह के प्रिंटर के जरिए क्लोन किए गए कार्ड की सारी जानकारी उस कार्ड में उपर प्रिंट कर दी जाती है। कई बार तो हूबहू ओरिजनल कार्ड के जैसा डुप्लीकेट या क्लोन्ड क्रेडिट-डेबिड कार्ड तैयार कर लिया जाता है।


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