बिहार में दहशतगर्दों की अब खैर नहीं, आ रहा दंगा विरोधी दस्ता; नए ड्रेस कोड में दिखेंगे जवान
तीन सप्ताह का हर वर्ष मुजफ्फरपुर में दिया जाएगा प्रशिक्षण। चार वर्षों का होगा कार्यकाल। स्पेशल होगा ड्रेस कोड।
पटना, राज्य ब्यूरो। सरकार ने सीआरपीएफ (CRPF) की रैपिड एक्शन फोर्स की तर्ज पर बिहार पुलिस में दंगा निरोधी दस्ता तैयार का पूरा खाका तैयार कर लिया है। गृह विभाग की इस पहल के बाद बिहार में दहशतगर्दी फैलाने वालों की खैर नहीं है। दंगा निरोधी दस्ता का स्पेशल ड्रेस कोड तय किया गया है। दस्ते में महिला व पुरुष दोनों शामिल होंगे। एसएसपी व एसपी के आग्रह पर जरूरत के अनुसार डीजीपी और एडीजी विधि- व्यवस्था के आदेश पर तैनाती सुनिश्चित की जाएगी। पहली बार में दस दिनो के लिए तैनाती की जाएगी।
हर साल तीन हफ्ते की ट्रेनिंग
डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय की पहल पुलिस में यह नवाचार किया गया है। बीएमपी (बिहार मिलिट्री पुलिस) की महिला सशस्त्र वाहिनी (सासाराम), बीएमपी-6 (मुजफ्फरपुर) और बीएमपी-7 (कटिहार) को विशेषीकृत दंगा निरोधी बटालियन के रूप में विकसित किया जाएगा। बटालियन के जवानों की हर साल तीन हफ्ते की बीएमपी-6 (मुजफ्फरपुर) में ट्रेनिंग होगी। इसकी एक-एक कंपनियां पटना, भागलपुर, छपरा व दरभंगा में रखी जाएंगी।
विशेष हथियार से होंगे लैस
जवानों को 7.62 एमएम 1 ए1 एसएलआर, 9 एमएम पिस्टल, एंटी राइट गैस गन, मल्टी शॉट गैस गन व पिलेट गन के साथ थ्री-वे ग्रेनेड दिए जाएंगे। हर जिले में मौजूद पुलिस बल का 10 फीसद हिस्सा बटालियन की जिला इकाई के रूप में रखा जाएगा। डीएसपी स्तर के अधिकारी प्रभारी होंगे। दंगा निरोधी बल के अफसरों व जवानों का कार्यकाल 4 साल का होगा। उसके बाद जिला सशस्त्र बल में भेज दिया जाएगा।
पहले चरण में इन जिलों को प्राथमिकता
पहले चरण में शिवहर, शेखपुरा, लखीसराय, सुपौल, अरवल, नवगछिया, बगहा, अररिया, बांका, बक्सर, कैमूर, जहानाबाद, रेल पटना, रेल मुजफ्फरपुर, रेल कटिहार और रेल जमालपुर में जिला दंगा निरोधी बल के 1-1 प्लाटून रखे जाएंगे। वहीं पटना में जिला बल की 2 कंपनियां रखी जाएंगी।
इन जिलों में भी होगी तैनाती
इसके अलावा मोतिहारी, बेतिया, सीतामढ़ी, वैशाली, समस्तीपुर, मधुबनी, सहरसा, मधेपुरा, पूर्णिया, कटिहार, नालंदा, बेगूसराय, नवादा, भोजपुर, रोहतास, औरंगाबाद, मुंगेर, सारण, सीवान, गोपालगंज, किशनगंज, जमुई, खगडिय़ा, मुजफ्फरपुर, गया, भागलपुर और दरभंगा में 1-1 कंपनी रखी जाएगी।
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