खांस व छींक कर पुलिस को डराने वालों की अब खैर नहीं, PPE किट बढ़ाएगी परेशानी, जानें कैसे
पुलिस के पहुंचने पर जानबूझ कर खांसने-छींक कर डराने वालों की खैर नहीं। पुलिस कर्मियों को जिलेवार पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट्स (पीपीई) किट मुहैया करा दी गई है। जानें इसके बारे में।
पटना, जेएनएन। कोरोना का खौफ दिखाकर पुलिस को डराने वालों की खैर नहीं है। पुलिस ने ऐसे लोगों से निपटने के लिए कमर कस ली है। अब पुलिस के पहुंचने पर जानबूझ कर खांसने व छींक कर डराने वाले नहीं बच सकेंगे। पुलिस कर्मियों को जिलेवार पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट्स (पीपीई) किट मुहैया करा दी गई है।
रैफ टीम में रहेंगे महिला और पुरुष जवान
ऐसे में अब क्वारंटाइन सेंटर, आइसोलेशन वार्ड और अस्पतालों में तैनात पुलिस पीपीई किट से लैस नजर आएगी। पुलिस कर्मियों के साथ कई जिलों में घटी अशोभनीय घटना के बाद यह पहल की गई है। अहम यह है कि पुलिस ऐसे शरारती तत्वों पर अंकुश लगाने के लिए तमाम इंतजाम सुनिश्चित करने में जुटी है। किशनगंज के एसपी कुमार आशीष ने तो बाकायदा पीपीई किट से लैस क्विक रिस्पॉन्स टीम का गठन कर दिया है। महत्वपूर्ण यह है कि रैफ टीम में पुरुष और महिला पुलिस कर्मियों को शामिल किया गया है।
जिलों में भेजी गई बीएमपी की दस कंपनी
सिवान, बेगूसराय और नवादा जिले को कोरोना हॉटस्पॉट चिह्नित किए जाने के बाद पुलिस मुख्यालय ने यहां लॉकडाउन की सख्ती बढ़ा दी है। गुरुवार को यहां बिहार मिलिट्री पुलिस (बीएमपी) की बीस अतिरिक्त कंपनी भेज दी है। इसमें से बेगूसराय में छह, सिवान में तीन और किशनगंज में एक कंपनी तैनात होगी। इसके अलावा खगडिय़ा और किशनगंज में भी एक-एक कंपनी बीएमपी की तैनाती की गई है।
बिहार के बाहर गए ड्राइवरों की भी होगी जांच
लॉकडाउन के दौरान पास लेकर सवारियों को दिल्ली-मुंबई भेजकर लौटे वाहन चालकों की कोरोना जांच कराई जाएगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे 60 चालकों की सूची सिविल सर्जन कार्यालय को मुहैया करा दी है। फोन कर उन्हें बुलाने का कार्य शुरू हो गया है। हालांकि, देर शाम तक इसमें कितने चालक है और कितने वाहन मालिक इसकी जानकारी नहीं हो सकी थी। कई लोगों ने कॉल तक रिसीव नहीं की। सिविल सर्जन डॉ. राजकिशोर चौधरी ने बताया कि प्रदेश से जो वाहन चालक पास लेकर बाहर छोडऩे गए थे, उनको तलाश कर कोरोना की जांच कराई जाएगी।