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बिहार के बच्‍चों ने भूखे गरीबों के लिए बढ़ाये मदद के हाथ, धीरे-धीरे बनता गया कारवां ...लोग बोले- भई वाह

नाेएडा एमिटी की छात्रा मनस्‍वी व कुछ अन्‍य बच्‍चे लॉकडाउन के दौरान बिहार के छपरा में भूखे गरीबों को भोजन करा रहे हैं। इसके लिए फंड जुटाने से भोजन बनाने व वितरण तक पूरी टीम लगी है।

By Amit AlokEdited By: Published: Fri, 29 May 2020 05:49 PM (IST)Updated: Fri, 29 May 2020 08:33 PM (IST)
बिहार के बच्‍चों ने भूखे गरीबों के लिए बढ़ाये मदद के हाथ, धीरे-धीरे बनता गया कारवां ...लोग बोले- भई वाह
बिहार के बच्‍चों ने भूखे गरीबों के लिए बढ़ाये मदद के हाथ, धीरे-धीरे बनता गया कारवां ...लोग बोले- भई वाह

पटना। लॉकडाउन (Lockdown) में बेबस गरीबों की हालत पर तरस तो कई लोग खाते हैं, लेकिन उनकी मदद के लिए कुछ ही हाथ आगे बढ़ते हैं। ऐसी ही पहल बिहार के बच्‍चों ने की, फिर धीरे-धीरे कारवां बनता गया। आज उसके साथ पूरी टीम है, जिसकी मदद से वे भूखे गरीबों को रोजाना भोजन करा रहे हैं। लॉकडाउन के बाद के लिए भी उनकी योजना है।

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हम बात कर रहे हैं बिहार के छपरा की निवासी तथा नोयडा (NOIDA) के एमिटी विश्‍वविद्यालय (Amity University) में फैशन डिजाइनिंग (Fashion Designing) की पढ़ाई कर रही मनस्वी व उसकी टीम की। गरीबों को नि:शुल्क भोजन कराने का उनका अभियान बीते 13 अप्रैल से लगातार जारी है।

लॉकडाउन में गरीबों के लिए कुछ करने की ठानी

छपरा के सलेमपुर निवासी डॉ. बीएन सिन्हा की पुत्री व नोएडा में फैशन डिजाइनिंग की छात्रा मनस्‍वी छुट्टियों में घर आई। इसी बीच कोरोना संक्रमण की वजह से लॉकडाउन लागू हो गया। इस वजह से वे करीब दो महीनों से अपने घर पर ही है। लॉकडाउन के दौरान गरीबों के दर्द को मीडिया के माध्‍यम से जाना-समझा तो उनके लिए कुछ करने की ठानी।

एक दिन कराया भोजन, फिर चल पड़ा सिलसिला

मनस्‍वी बताती है कि वह 13 अप्रैल का दिन था, जब उन्‍होंने परिवार के साथ मिलकर राजेंद्र स्टेडियम के पास गरीबों की बस्ती में भोजन कराया। इस काम में माता-पिता सहित पूरे परिवार का साथ मिला तो सिलसिला चल पड़ा। इस दौरान गरीबों की हालत देखकर लगा कि यह कार्य कुछ दिनों का नहीं, इसके लिए पूरी योजना बनानी जरूरी है।

दोस्‍तों ने दिया मदद का भरोसा, इकट्ठा कर रहे फंड

मनस्वी ने अपने मन की बात दोस्तों को बताई। उन्‍होंने इस काम में मदद का भरोसा दिया। उनके दोस्‍त शिब्बू, आर्यन सिंह एवं एमबीए के छात्र पार्थ सिंह, रोहित गुहा, प्रफुल्‍ल सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की सहायता से इस कार्य के लिए फंड इकठ्ठा करना शुरू किया। देश के विभिन्‍न बड़े शहरों एवं देशों में पढ़ाई कर रहे बिहार के रहने वाले ये छात्र 'उद्भव उपक्रम' के नाम से इंस्टाग्राम एवं फेसबुक पर पेज बनाकर फंड जुटा रहे हैैं, ताकि यह सिलसिला चलता रहे। इसके लिए उन्‍होंने अपना वॉट्सऐप नंबर (9631882524) भी जारी किया है।

परिवार के सदस्‍य ही भोजन बना करते वितरण

गरीबों के लिए भोजन परिवार के सदस्य खुद बनाते हैं। मनस्वी की मां अंजू सिन्हा के साथ सीमा सिन्हा, सरिता सिन्हा, श्रेया श्रीवास्तव, सत्यम राहुल, यशस्वी सभी मिलकर भोजन बनाकर पैक करते हैं तथा उसका वितरण भी करते हैं। इस काम में रीना देवी व शकुंतला देवी भी सहयोग कर रहीं हैं।

फिजिकल डिस्‍टेंसिंग का रखा जाता पूरा ध्‍यान

मां डॉ. अंजू सिन्हा के अनुसार खाना बनाने से ले कर खाना बांटने तक पूरी सावधनी बरती जा रही है। फिजिकल डिस्‍टेंसिंग का भी पूरा ध्‍यान रखा जा रहा है। कोशिश यह है कि कोई भी भूखा न रहे।

आगे भी चलता रहेगा समाजसेवा का काम

मनस्‍वी ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान जिस 'उद्भव उपक्रम' के तहत आर्थिक सहयोग लिया जा रहा है, उसे आगे एक संस्था में बदलने की योजना है। इसके तहत आगे भी समाज सेवा के काम चलते रहेंगे। आगे रोज़गार दिलाने की दिशा में काम किया जाएगा।


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