लड़कियों और ऐशोआराम का शौक, बक्सर के बिगड़ैल बेटे इस चक्कर में पहुंच गए सलाखों के पीछे
बक्सर के कृष्णाब्रह्म थाने की पुलिस शानदार बाइक और ड्रेस में तीन युवकों को पकड़ा तो पता चला कि ये अपराधी हैं। तीनों संपन्न परिवार के हैं। जब पुलिस ने उनके अपराध करने की वजह जानी तो हैरान रह गई।
कृष्णाब्रह्म (बक्सर), संवाद सहयोगी। ऐशोआराम और लड़कियों को प्रभावित करने के लिए अपराध। कुछ ऐसा ही बक्सर जिले के कृष्णाब्रह्म्म पुलिस की पकड़ में तीन युवकों के मामले में देखने को मिला। शनिवार को कृष्णाब्रह्म पुलिस ने टुड़ीगंज से जिन तीन अपराधियों को पुलिस ने हथियार के साथ गिरफ्तार किया है वे तीनों काफी सुखी संपन्न परिवार से आते हैं। बस ऐशो-आराम की जिंदगी जीने की ललक के साथ ही लड़कियों को प्रभावित करने की मंशा को लेकर तीनों ने अपराध का रास्ता अपना लिया।
खुद को प्रभावशाली दिखाने का था भूत सवार
दरअसल, इन तीनों के मन में खुद को प्रभावशाली और संपन्न दिखाने का भूत सवार था। इसके लिए तीनों बाइक चोरी से लेकर अन्य कई प्रकार के अपराधों में संलिप्त थे। आपराधिक वारदातों को अंजाम देने के साथ ही लोगों पर धौंस दिखाने के लिए तीनों हमेशा अपने साथ हथियार रखते थे। मिली जानकारी के अनुसार गिरफ्तार तीनों युवकों के पास से बरामद दोनों बाइक चोरी के थे, जिनके बारे में पुलिस अभी पता लगाने में जुटी है कि कब और कहां से दोनोंं बाइक चोरी किए गए थे।
ऐशोआराम के लिए कर रहे थे बुरा काम
पुलिस की पूछताछ में यह बात भी सामने आई है कि यह सारा कुछ सिर्फ बाहरी दिखावा और ऐशो-आराम की जिंदगी जीने के अलावा लड़कियों को प्रभावित करने के लिए तीनों करते थे। कहते हैं कि बुरे काम का नतीजा सदा बुरा ही होता है, लिहाजा पुलिस ने तीनों को उनके मुकाम तक पहुंचा दिया।बताते चलें कि पुलिस को मिली सूचना के आधार पर टुड़ीगंज स्टेशन के समीप दो बाइक पर सवार तीन युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जिनकी तलाशी में उनके पास से दो लोडेड हथियार के साथ जिंदा कारतूस और चोरी की दो बाइक बरामद की गई थी।
ढाई लाख की बाइक पर घूमता था दीपक
जानकारी के अनुसार पुलिस ने जिन तीन युवकों को हथियार के साथ गिरफ्तार किया था उनमें डुमरांव के नथुनी के बाग निवासी दीपक यादव के पिता डुमरांव राज उच्च विद्यालय में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी थे और उनका परिवार काफी सुखी संपन्न था। घर में पैसों की कोई दिक्कत नहीं थी, बावजूद इसके लोगों पर अपना प्रभाव छोड़ने की ललक ने दीपक को अपराधी बना दिया। पुलिस के अनुसार दीपक के पास से जो बाइक जब्त की गई है, उसकी कीमत ढाई लाख रुपये है। बाइक चोरी की निकली, लिहाजा जाहिर सी बात है कि कहीं से या तो चाेरी की गई होगी, अथवा किसी से जबरदस्ती हथियार के बल पर छीना गया होगा।
संपन्न किसान का बेटा है अरियांव का पवन
अरियांव निवासी पवन यादव के पिता तो किसी नौकरी में नहीं हैं, पर गांव के एक संपन्न किसान की श्रेणी में आते हैं, और घर में पैसों की कोई कमी नहीं है। बावजूद इसके अभिभावक से मिलने वाले सीमित पैसों में ललक पूरी नहीं होने के कारण अपराध का रास्ता अख्तियार कर लिया।
सीआरपीएफ में कार्यरत हैं नीरज के पिता
बताया जाता है कि तीसरा अभियुक्त चक्की निवासी नीरज कुमार के पिता सीआरपीएफ में कार्यरत हैं। पिता की अच्छी तनख्वाह के बीच घर में रुपयों पैसों की कोई कमी नहीं है लेकिन पिता के बाहर रहने के कारण निरंकुश नीरज ने अपनी पैसों की ललक पूरी करने के लिए अपराध की दुनिया में कदम रख हथियार उठा लिया।