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बिहार के इन IAS अधिकारियों पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार, जानिए पूरा मामला

महादलित वर्ग के युवाओं को स्किल डेवलपमेंट के लिए बिहार महादलित मिशन के तहत मिलने वाली प्रशिक्षण की करोड़ों रुपये की राशि के घोटाले मामले में बिहार के कुद आइएएस गिरफ्तार हो सकते हैं।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Tue, 31 Oct 2017 08:42 PM (IST)Updated: Tue, 31 Oct 2017 08:42 PM (IST)
बिहार के इन IAS अधिकारियों पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार, जानिए पूरा मामला
बिहार के इन IAS अधिकारियों पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार, जानिए पूरा मामला

पटना [राज्य ब्यूरो]। महादलित वर्ग के युवाओं को स्किल डेवलपमेंट के लिए बिहार महादलित मिशन के तहत मिलने वाली प्रशिक्षण की करोड़ों रुपये की राशि की बंदरबांट कर ली गई है। केवल जहानाबाद जिले में छात्र-छात्राओं को बिना प्रशिक्षण दिए ही चार करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की गई है।

निगरानी ब्यूरो ने इस मामले में कोलकाता व दिल्ली की दो कंपनियों के प्रमुख को भी नामजद किया है। मामले में वरिष्ठ आइएएस अधिकारी एसएम राजू, रवि मनुभाई परमार, रिटायर्ड आइएएस केपी रमैया और रामाशीष पासवान पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है। रमैया सेवानिवृत्ति के बाद बिहार भूमि न्यायाधिकरण (बीएलटी) के सदस्य (प्रशासन) के पद पर हैं।

बता दें कि एसएम राजू पर देश के विभिन्न राज्यों के तकनीकी संस्थानों में अध्ययनरत दलित छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति के करोड़ों रुपये की राशि के घोटाले का भी आरोप है। फिलहाल पटना हाइकोर्ट ने राजू की गिरफ्तारी पर रोक लगा रखी है। लेकिन महादलित मिशन घोटाले में राजू पर एक बार फिर गिरफ्तारी की तलवार लटक चुकी है। राजू फिलहाल निलंबित हैं। रवि मनुभाई परमार फिलहाल केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं और मुंबई पोर्ट ट्रस्ट के उपाध्यक्ष पद पर तैनात हैं।

निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस मामले में फिलहाल केवल जहानाबाद की जांच की गई है। यहां स्किल डेवलपमेंट का प्रशिक्षण लेने वाले दलित युवकों व युवतियों की सूची की जांच में पाया गया कि इनमें अधिकांश प्रशिक्षणार्थियों के नाम अन्य जिलों की सूची में भी हैं। यहां तक कि उनके माता-पिता के नाम और स्थाई पते भी एक ही हैं। ऐसे युवक-युवतियों के नाम पर एक से अधिक जिलों से प्रशिक्षण की राशि की निकासी कर ली गई है।

प्रशिक्षण देने वाली दो कंपनियों को भी किया गया है नामजद

निगरानी ब्यूरो ने इस मामले में दो कंपनियों को भी नामजद किया है। इनमें एक कंपनी इंडस इंटिग्रेटेड इन्फॉरमेशन मैनेजमेंट लिमिटेड, (आइआइआइएम) कोलकाता के सॉल्टलेक की है। जबकि दूसरी कंपनी श्रीराम न्यू हॉरिजोन, दिल्ली की है। निगरानी ने आइआइआइएम के निदेशक शरद कुमार झा को तथा श्रीराम न्यू हॉरिजोन के उपाध्यक्ष (ऑपरेशन) सौरभ बसु को भी नामजद किया है।

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