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काम की खबर: BPSC सिविल सेवा की मुख्य परीक्षा के सिलेबस में होगा बड़ा बदलाव...

BPSC सिविल सेवा की मुख्य परीक्षा के सिलेबस में बदलाव होने जा रहा है। इसकी रिपोर्ट अध्यक्ष शिशिर सिन्हा को सौंप दी गई है। अब इसे सामान्‍य प्रशासन विभाग को भेजा जाएगा।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Tue, 24 Sep 2019 04:43 PM (IST)Updated: Tue, 24 Sep 2019 10:14 PM (IST)
काम की खबर: BPSC सिविल सेवा की मुख्य परीक्षा के सिलेबस में होगा बड़ा बदलाव...
काम की खबर: BPSC सिविल सेवा की मुख्य परीक्षा के सिलेबस में होगा बड़ा बदलाव...

पटना, जेएनएन। बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) संयुक्त प्रतियोगिता मुख्य परीक्षा के वैकल्पिक पेपर के सिलेबस में बदलाव करेगा। आयोग की विशेषज्ञ समिति ने सिलेबस में बदलाव से संबंधित रिपोर्ट अध्यक्ष शिशिर सिन्हा को सौंप दी है। कमेटी में सभी विषय के प्रख्यात प्रोफेसर शामिल हैं। इसकी स्वीकृति के लिए जल्द ही आयोग सामान्य प्रशासन विभाग को भेज देगा।

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सूत्रों के अनुसार बीपीएससी का सिलेबस संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) से काफी मिलता-जुलता होगा। लेकिन, एलएसडब्ल्यू, परसियन, अरबी, पाली, बंगाला, मैथिली विषय यूपीएससी की मुख्य परीक्षा की सूची में नहीं हैं। इन विषयों के सिलेबस को आयोग रिवाइज कर रहा है। संयुक्त सचिव सह परीक्षा नियंत्रक अमरेंद्र कुमार ने सिलेबस में बदलाव की प्रक्रिया पर सहमति जताई। लेकिन, किसी भी तरह की जानकारी देने से इन्कार कर दिया। बीपीएससी में अभ्यर्थी निर्धारित 37 विषयों में से किसी एक को वैकल्पिक विषय के रूप में चयन कर सकते हैं। 

यूपीएससी में रिजल्ट बढ़ाने की कवायद

सिविल सेवा परीक्षा के विशेषज्ञों का कहना है कि अधिसंख्य राज्य आयोग का सिलेबस यूपीएससी का अनुशरण करता है। इससे एक ही सिलेबस के आधार पर अभ्यर्थी दोनों परीक्षाओं की तैयारी कर लेते हैं। पटना विश्वविद्यालय के प्रो. एनके झा ने बताया कि इससे राज्य के छात्रों को काफी राहत मिलेगी। यूपीएससी के रिजल्ट में भी सकारात्मक बदलाव दिखेगा। वहीं, मानविकी विषयों के सिलेबस में काफी समय से बदलाव नहीं किया गया था। डॉ. एम रहमान ने कहा कि अभ्यर्थियों ने कई स्तर पर बदलाव की मांग आयोग से की थी। अभ्यर्थियों की मांग के अनुसार सिलेबस में बदलाव होता है तो स्वागत योग्य कदम है। 

पांच के बजाय चार विकल्प ही हों

परीक्षा विशेषज्ञ और अभ्यर्थियों का कहना है कि बिहार लोक सेवा आयोग प्रीलिम्स में प्रत्येक प्रश्न का पांच विकल्प देता है। इससे उलझन की स्थिति बन जाती है। इसमें अंतिम विकल्प इनमें से सभी सही या गलत तर्कसंगत नहीं लगता है। प्रीलिम्स का आयोजन भी यूपीएससी के पैटर्न पर ही किया जाए।  

पैटर्न में नहीं होगा बदलाव

सूत्रों के अनुसार परीक्षा पैटर्न में किसी तरह के  बदलाव की संभावना फिलहाल नहीं है। अभ्यर्थियों के अंतिम चयन के लिए तीन स्तरीय परीक्षा आयोजित होगी। मेधा सूची में शामिल होने के लिए सभी चरणों में उत्तीर्ण होना आवश्यक है। प्रीलिम्स क्वालीफाई करने वाले मुख्य लिखित परीक्षा में शामिल होंगे। इसमें उत्तीर्ण अभ्यर्थी को ही इंटरव्यू में शामिल होने का अवसर मिलेगा। मुख्य परीक्षा 900 अंकों की होगी। यदि कोई उम्मीदवार मुख्य परीक्षा में क्वालीफाई होता है तो उसे इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है, जो 120 अंकों का होगा। मेधा सूची 1020 में प्राप्त कुल अंकों के आधार पर तैयार किया जाएगा।

300 अंकों का होगा वैकल्पिक विषय

मुख्य परीक्षा का पाठ्यक्रम व पैटर्न 60वीं से 62वीं सम्मिलित संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा में संशोधित किया गया था। मुख्य परीक्षा में अनिवार्य विषय में सामान्य अध्ययन पेपर वन और टू 300-300 अंक तथा वैकल्पिक विषय भी 300 अंकों की है। इन्हीं तीनों पेपर में प्राप्त अंक के आधार पर मुख्य परीक्षा का रिजल्ट जारी होगा। वहीं, सामान्य ङ्क्षहदी 100 अंकों की होती है। इसमें 30 फीसद अंक प्राप्त करना अनिवार्य है। 

 खास बातें 

  • विषय विशेषज्ञों की टीम ने आयोग अध्यक्ष को सौंपी रिपोर्ट 
  • संघ लोक सेवा आयोग से काफी मिलता-जुलता होगा सिलेबस 
  • सामान्य प्रशासन विभाग को जल्द ही अनुमति के लिए भेजेगा आयोग  
  • 37 में किसी एक को वैकल्पिक विषय के रूप में चयन कर सकते हैं अभ्यर्थी

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