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इस बार भी कम बारिश की संभावना, मुख्यमंत्री ने जिलों को तैयार रहने को कहा

मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के डीएम से लिया फीड बैक संबद्ध विभागों के आला अधिकारियों ने सूखे से निपटने को चल रहे कार्यों के बारे में बताया

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Sat, 06 Jul 2019 09:50 PM (IST)Updated: Sun, 07 Jul 2019 04:37 PM (IST)
इस बार भी कम बारिश की संभावना, मुख्यमंत्री ने जिलों को तैयार रहने को कहा
इस बार भी कम बारिश की संभावना, मुख्यमंत्री ने जिलों को तैयार रहने को कहा

पटना, राज्य ब्यूरो। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग कर सूखे की स्थिति का जायजा लिया। इस क्रम में बाढ़ की संभावना को केंद्र में रख क्या तैयारी की जा रही है इस बारे में भी उन्होंने जिलाधिकारियों से बात की। संबद्ध महकमों के प्रधान सचिवों ने अपने-अपने विभागों द्वारा की जा रही तैयारियों के बारे में मुख्यमंत्री को बताया। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को सचेत करते हुए कहा कि इस बार भी कम बारिश की आशंका है। स्थिति से निपटने को तैयार रहें। उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी बैठक मेंं उपस्थित थे। मुख्यमंत्री 27 जुलाई को पुन: इस विषय पर बैठक करेंगे।

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खेती-किसानी से जुड़ी बातों पर दिए कई निर्देश

मुख्यमंत्री ने कहा कि सूखे की स्थिति को केंद्र में रख वैकल्पिक फसल के लिए योजना बना लेनी होगी। पशुओं के लिए पेयजल उपलब्धता को ले तालाबों को ठीक करना होगा। तालाबों की उड़ाही कराकर वहां सोलर पंपिंगसेट लगाने की व्यवस्था हो जाने से पानी मिल जाएगा। पशुपालन विभाग को मुख्यमंत्री ने कहा कि पशुओं के टीकाकरण और बीमारी के नियमित इलाज की व्यवस्था की जाए।  जिलाधिकारियों को यह कहा कि यह आकलन करा लें कि मनरेगा के माध्यम से सार्वजनिक तालाबों, पोखर व आहर आदि की खुदाई के कितने काम हो रहे हैैं।

पानी की उपलब्धता व जलाशय की स्थिति देखने को कहा

मुख्यमंत्री ने कहा कि पेयजल की व्यवस्था, कृषि के लिए पानी की उपलब्धता को देखना होगा। नई तकनीक तथा ज्यादा गहराई वाले चापाकल लगाए जाएं। उन्होंने जल संसाधन विभाग को कहा कि विभाग जलाशयों का दौरा कर वहां की स्थिति का आकलन कर ले।

वैकल्पिक रोजगार के बारे में भी सोचें

मुख्यमंत्री ने कहा कि सूखे की स्थिति में जब कृषि के क्षेत्र में लोगों को काम नहीं मिलेगा तो ऐसी स्थिति में उनके लिए वैकल्पिक रोजगार की दिशा में काम करना होगा। मनरेगा, सड़कों का निर्माण, भवनों का निर्माण, हर घर नल जल योजना, पक्की गली नाली योजना, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, वृक्ष के रख रखाव जैसे कई कामों के माध्यम से लोगों को रोजगार दिलाया जा सकता है। इसके लिए सर्वे करा लेना होगा कि जो लोग कृषि क्षेत्र में मजदूरी नहीं कर रहे हैैं उनके लिए वैकल्पिक रोजगार क्या है। सभी विभाग इसके लिए काम करें कि अधिक से अधिक लोगों को वैकल्पिक रोजगार मिले।

ये थे मौजूद

ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, कृषि मंत्री प्रेम कुमार, पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव, भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री विनोद नारायण झा, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, लघु जल संसाधन मंत्री नरेंद्र नारायण यादव , जल संसाधन मंत्री संजय झा, आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय व मुख्यमंत्री के परामर्शी अंजनी कुमार सिंह। 

इन हिदायतों पर काम करने को कहा

  • वैकल्पिक फसल के लिए योजना बनाएं
  • नई तकनीक वाले व ज्यादा गहराई वाले चापाकल लगाए जाएं
  • बीमारियों से बचाव को संबंधित विभाग तैयार रहे
  • तालाबों की उड़ाही कराकर वहां सोलर पंपिंग सेट लगा पानी का इंतजाम कराएं

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